Source: amarujala
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युद्धों का विवरण –
1. तराईन का पहला युद्ध यह युद्ध सन् 1191 ई० में "पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी" के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में पृथ्वीराज की जीत हुई थी और अब यह स्थान हरियाणा के 'थानेसर' में स्थित है।
2. तराईन का द्वितीय युद्ध- यह युद्ध अपने प्रथम युद्ध के ठीक एक साल बाद सन् 1192 में लड़ा गया था। यह युद्ध "पृथ्वीराज चौहान और गौरी" के बीच होने वाला दुसरा युद्ध था, इसमें मोहम्मद गौरी द्वारा अपने हार का बदला लेते हुए, इस युद्ध को जीता गया था। इसी जीत के बाद गौरी भारत के 'खैबर दर्रे' में प्रवेश किए।
3. चंदावर का युद्ध - यह युद्ध सन् 1194 में "मोहम्मद गौरी और जयचंद्र" के बीच हुआ था। इस युद्ध में कन्नौज के राजा जयचंद्र को गौरी से हार का सामना करना पड़ा था, यह युद्ध स्थान अब आगरा के निकट मध्य 'फिरोजाबाद' में स्थित है।
4. पानीपत का प्रथम युद्ध- यह युद्ध 1526 में "बाबर और इब्राहिम लोदी" के मध्य लड़ा गया था, इस युद्ध में बाबर द्वारा लोदी को हराकर उसे मार दिया गया और मुगल साम्राज्य की नींव रखी गई।
5. खानवा का युद्ध - यह युद्ध 1527 मे "बाबर और राणासांगा" के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में बाबर की शानदार जीत हुई थी।
6. चंदेरी का युद्ध- यह युद्ध 1528 मे "बाबर और मेदिनी राय खंगेर" के बीच लड़ा गया था। चंदेरी को की अब 'मध्यप्रदेश' का हिस्सा है, इस युद्ध के बाद इसे मुगल साम्राज्य में विलय कर दिया गया।
7. घांघरा का युद्ध - यह युद्ध सन् 1529 मे "बाबर और बंगाल सल्तनत" के साथ हुआ था, इसमें बंगाल सल्तनत का साथ पूर्वी अफगानी सेना ने भी दिया था। इस युद्ध में बाबर की निर्यांत्मक जीत हुई थी।
8. चौसा का युद्ध- यह युद्ध 1539 में "हुमायूं और शेरशाह सूरी" के बीच हुआ था, इस युद्ध में शेरशाह की विजय होने के बाद उनके द्वारा 'दीन ए इलाही परम्परा' की शुरुवात की गई थी। चौसा 'बिहार राज्य' का एक हिस्सा है।
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9. कन्नौज का युद्ध- यह युद्ध एक बार फिर से "शेरशाह सूरी और हुमायूं" के बीच लड़ा गया। इस युद्ध में दुबारे से हुमायूं का ही हार हुआ।
10. पानीपत का द्वितीय युद्ध- यह युद्ध 1556 में "अकबर और हेमू" के बीच लड़ा गया। हेमू दिल्ली युद्ध में तारदी बेग खान को हराकर दिल्ली जीत चुका था, पानीपत युद्ध के दौरान घायल हेमू को पकड़कर अकबर के नजदीकी 'बैरम खान' के द्वारा मौत की सजा दी गई थी।
11. कार्नटिक का प्रथम युद्ध- यह युद्ध 1746 से 1748 के बीच चली थी। यह युद्ध "फ्रेंच के संथा साहेब और ब्रिटिश के आर्कोट नवाब" के बीच लड़ा गया था, ये दोनो हैदराबाद के निजाम के दामाद थे।
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12. कार्नटिक का द्वितीय युद्ध- यह युद्ध 1749 से 1754 के बीच चला था। इस युद्ध में "फ्रेंच के नजीर जंग जो कि हैदराबाद निजाम के पुत्र और ब्रिटिश के मुसफर जंग" जो कि हैदराबाद निजाम 'उल मुल्क' के पोते थे, इन दोनो के बीच हुआ। इस युद्ध में ब्रिटिश समर्थित मुसफर की विजय प्राप्त हुई,और 1754 में पुद्दुचेरी पैक्ट पर हस्ताक्षर हुआ।
13. कार्नटिक का तृतीय युद्ध- यह युद्ध 1758 से 1763 के बीच चला, यह सीधे "ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और फ्रेंच ईस्ट इंडिया" कंपनी के बीच हुआ था।
अंततः ब्रिटिश ने फ्रेंचों को हराकर 'पुद्दुचेरी,गिंगी किले' पर फतह हासिल किए थे।
14. प्लासी का युद्ध- यह युद्ध 1757 में हुआ था, यह युद्ध "ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला" के बीच हुआ। इसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया की जीत हुई, जिसे भारत में अपनी पैर जमाने का पहला कदम माना जाता है।
15. बक्सर का युद्ध- यह युद्ध 1764 में हुआ था। यह युद्ध भी "ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हेक्टर मुनरो और बंगाल तथा मुगल के मीर कासिम और शाह आलम" के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में भी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की ही जीत हुई, और इसके बाद अंग्रेजी सेना भारत पर अपना वर्चस्व और मजबूत कर ली।
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