डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) क्या है?
डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) दो शब्दों का समाहार है: Digital और Marketing; जहां Digital का संबंध इंटरनेट से है और Marketing का विज्ञापन से। डिजिटल मार्केटिंग एक ऐसी प्रकिया है जिसके जरिए कंपनियां अपने उत्पादों की मार्केटिंग इलेक्ट्रोनिक मीडियम से करती है। जो कि परंपरागत विज्ञापन के तरीकों से काफी अलग है। डिजिटल मार्केटर्स को अलग-अलग मार्केटिंग कैंपेन्स तैयार करके किसी कंपनी के प्रोडक्ट को बेचने की स्ट्रेटजी बनानी होती है। उन्हें बाजार की मांग के हिसाब से मार्केटिंग कैंपेन्स का विश्लेषण समय-समय पर करते रहना पड़ता है।
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डिजिटल मार्केटर्स को इस बात का खासा ध्यान रखना होता है कि किस प्रकार की चीज़ों को लोग ज्यादा देखते हैं, कौन से प्रोडक्ट लोगों की नजरों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, लोगों की किन प्रोडक्ट या सेवाओं को खरीदने या इस्तेमाल करने में रुचि नहीं होती है। इन डिजिटल कैंपेन्स के लिए डिजिटल मार्केटर्स मोबाईल मैसेज, मोबाईल ऐप्स, पॉडकास्ट्स, इलेक्ट्रोनिक बिलबोर्ड्स और रेडियो चैनल्स जैसे दूसरे डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल करते हैं।
पहले प्रत्येक बड़ी कंपनी को अपने मार्केटिंग कैंपेन्स चलाने के लिए टीवी, समाचार पत्र, मैग्जीन, रेडियो, पैंपलेट्स, पोस्टर्स और बैनर्स जैसे संसाधनों का प्रयोग करती थी और बहुत सारी कंपनियां घर-घर जाकर अपने उत्पाद के बारे में बताती थी। परन्तु अब समय के साथ मार्केटिंग के तरीके भी बदल चुके हैं।
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अब बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उत्पाद को ऑनलाइन प्रमोट करने के लिए लाखों रुपये खर्च करती है और उन्हें इसके परिणाम भी बेहतर मिलते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है इंटरनेट पर लोगों द्वारा अधिक समय व्यतीत करना क्योंकि इंटरनेट इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति हर दिन 3 घण्टे इंटरनेट पर बिताता है। इसलिए इंटरनेट सबसे बड़ा मार्केटिंग प्लेस बन चुका है।
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डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) क्यों जरूरी है?
- अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए यह एक सरल और तेज तरीका है।
- ऑनलाइन मार्केटिंग; ऑफलाइन मार्केटिंग के मुकाबले एक बहुत ही सस्ता विकल्प है।
- डिजिटल मार्केटिंग से आपको बेहतर रिजल्ट मिलता है।
- उत्पाद को टारगेट ऑडियंस तक पहुंचने का बेहतरीन तरीका डिजिटल मार्केटिंग है।
- अपनी सेवाओं और उत्पादों के प्रमोशन करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग में आपको हज़ारों तरीके मिलते हैं।
- डिजिटल मार्केटिंग से आपकी कंपनी की ब्रांडिंग वैल्यू बढ़ती है।
- यह एक ऐसा तरीका है जिसे आप अपने प्रोडक्ट को ग्लोबली प्रमोट कर सकते हैं।
- डिजिटल मार्केटिंग से आप प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने के साथ उसे ऑनलाइन बेच सकते हैं।
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Digital Marketing कैसे काम करती है?
डिजिटल मार्केटिंग के लाभ भरपूर हैं। बता दें कि इंटरनेट मार्केटिंग का प्रत्येक रूप अपने तरीके से कार्य करता है। डिजिटल मार्केटिंग के किस रूप में निवेश करना है और किस प्लेटफॉर्म का उपयोग करना है, यह निर्धारित करने से पहले कंपनियां काफी रिसर्च करती हैं। आम तौर पर क्रॉल करने को कहा जाता है- अपनी ऑनलाइन मार्केटिंग रणनीति के साथ छोटी शुरुआत करें और जैसे-जैसे कंपनी विभिन्न क्षेत्रों में प्रवेश करती है, वैसे-वैसे आगे बढ़ें।
डिजिटल मार्केटिंग किसी कंपनी के लिए इस मायने में बेहद मददगार है कि इस प्रकिया के जरिए कंपनी के बजट के हिसाब से कैंपेन्स चलाए जा सकते हैं।
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डिजिटल मार्केटिंग में करियर कैसे शुरू करें?
अपने डिजिटल मार्केटिंग करियर की शुरुआत करते वक्त आपके अंदर दो क्वालिटीज़ होना अनिवार्य है: शिक्षा और अनुभव। अच्छी खबर यह है कि नियोक्ता जरूरी नहीं कि मार्केटिंग डिग्री या वर्षों के अनुभव वाले नौकरी के उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हों, क्योंकि उन्हें ऐसे कौशल वाले लोगों की आवश्यकता हो सकती है जिन्हें अभी तक कॉलेज में पढ़ाया नहीं गया है। अगर आपके पास अनुभव की कमी है, तो निम्न कार्य करने पर विचार करें:
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एक गैर-लाभकारी संस्था के लिए स्वयंसेवी जिसे डिजिटल मार्केटर्स की आवश्यकता है।
स्थानीय इंटर्नशिप के लिए आवेदन करें।
अपना ब्लॉग शुरू करें और डिजिटल मार्केटिंग के बारे में अपनी अंतर्दृष्टि और राय पेश करें।
अपना बायोडाटा बढ़ाने के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और प्रमाणपत्रों में नामांकन करें।
डिजिटल मार्केटर्स की सैलरी और भविष्य
डिजिटल मार्केटर्स के लिए जॉब मार्केट की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं। इन पेशेवरों की मांग में वृद्धि होते रहने का अनुमान है। PayScale के अनुसार, भारत में एक डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट का औसत वेतन 348,928 रुपये होता है, जोकि अमेरिका के 50,111 डॉलर के बराबर होता है। भारत में एक डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर का वेतन 5,41,919 रुपये होता है, जोकि अमेरिका में 66,808 डॉलर के बराबर होता है।
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डिजिटल मार्केटिंग में क्या-क्या भूमिकाएं और जिम्मेदारियां होती हैं?
डिजिटल मार्केटर्स के लिए नौकरी की जिम्मेदारियां अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर अलग-अलग होंगी।
उदाहरण के लिए, एक SEO विशेषज्ञ SEO के सभी पहलुओं को समझेगा, जिसमें ऑर्गेनिक ट्रैफ़िक चलाने, उच्च-गुणवत्ता वाली सामग्री की पहचान और मूल्यांकन करने और प्रतिस्पर्धी विश्लेषण करने का तरीका शामिल है।
दूसरी ओर, एक सोशल मीडिया मैनेजर ब्रांड की पहचान के अनुरूप एक सोशल मीडिया रणनीति तैयार करेगा, एक संचार शैली और एक सामग्री रणनीति को परिभाषित करेगा, प्रत्येक सोशल मीडिया नेटवर्क के लिए सामग्री को तैयार और अनुकूलित करेगा। उम्मीद करते हैं कि डिजिटल मार्केटिंग क्या है, इसे कैसे शुरू कर सकते हैं और इसमें पेशेवरों के लिए क्या भविष्य और सैलरी है; ऐसे प्रश्नों के जवाब आपको इस आर्टिकल के जरिए मिल गए हों। आप इस आर्टिकल या अन्य किसी आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी रख सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग के 4 प्रकार क्या हैं?
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, पे-पर-क्लिक, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग के जनक कौन हैं?
"डिजिटल मार्केटिंग के जनक," फिलिप कोटलर को कहा जाता है।
डिजिटल मार्केटिंग के लिए किस प्रकार के कौशल की जरूरत होती है?
डिजिटल मार्केटिंग एक ऐसा करियर है जो पारंपरिक मार्केटिंग, वेब डिज़ाइन, SEO, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कंटेंट राइटिंग और बहुत कुछ को जोड़ती है, इसलिए सफल होने के लिए आवश्यक गुण हैं।