Source: safalta
नासा आर्टेमिस मून मिशन के बारे में
अमेरिका 53 साल बाद मून मिशन के माध्यम से इंसान को चांद में एक बार फिर भेजने के लिए तैयारी कर रहा है। मिशन आर्टेमिस ने इस दिशा में पहला कदम उठाया है। मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है जिसमें किसी एस्ट्रोनॉट को नहीं भेजा जाएगा इस टेस्ट के साथ वैज्ञानिकों को यह जानना है कि क्या अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चंद्रमा के आसपास सही हालत है या नहीं, इसके अलावा एस्ट्रोनॉट्स चांद पर जाने के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट सकते हैं या नहीं। नासा का स्पेस लॉन्च सिस्टम मेगा राकेट और ओरियन ग्रुप कैप्सूल चंद्रमा पर पहुंचेंगे ।आमतौर पर कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं लेकिन इस बार यह खाली जाएगा। यह मिशन 42 दिन 3 घंटे और 20 मिनट का है, जिसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20,92,147 किलोमीटर का सफर तय करने वाला है। GK Capsule Free pdf - Download here
कई बार असफल हो चुका है आर्टेमिस-1 मिशन
कुछ दिन पहले ही नासा ने अगस्त और सितंबर के महीने में इस मिशन को लांच करने की कोशिश की थी, लेकिन नासा इस मिशन में विफल रही जिसके बाद नासा ने मिशन को रोककर इसे वापस व्हीकल असेंबली बिल्डिंग में भेजने का फैसला किया था। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
आर्टेमिस मिशन के बारे में विस्तार से
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के प्रोफेसर और वैज्ञानिक जैक बर्न्स ने बताया है कि आर्टेमिस-1 का राकेट एक हेवी लिफ्ट है और इसमें अब तक के रॉकेट्स के मुकाबले ज्यादा पावरफुल इंजन लगाए गए हैं। यह चंद्रमा के ऑर्बिट तक जाएगा कुछ छोटे सेटेलाइट छोड़ेगा और फिर खुद ऑर्बिट में सिफ्ट हो जाएगा। आपको बता दें कि साल 2024 के आसपास आर्टेमिस-2 को लॉन्च करने की तैयारी चल रही है, जिसमें कुछ एस्ट्रोनॉट्स भी जाएंगे लेकिन वह चांद पर कदम नहीं रहेंगे, वे केवल चांद के ऑर्बिट में घूम कर वापस आएंगे। इस मिशन की अवधि ज्यादा होगी फिलहाल एस्ट्रोनॉट्स जो इसमें जाएंगे उनकी कंफर्म लिस्ट अभी सामने नहीं आई है जिसके बाद फाइनल मिशन में आर्टेमिस-3 को रवाना किया जाएगा। इसमें जाने वाले अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे यह मिशन 2025-26 में लांच हो सकती है। पहली बार महिलाएं भी ह्यूमन मून मिशन का हिस्सा बन सकती हैं, इस बात की अभी पुष्टी नहीं हुई है, बर्न्स के मुताबिक पर्सन ऑफ कलर भी क्रू मेंबर होंगे। इसके अलावा आर्टेमिस-3 चांद के साउथ पोल में मौजूद पानी और बर्फ के ऊपर भी रिसर्च करेंगे।
आर्टेमिस की लागत क्या है
नासा आफिस ऑफ द इंस्पेक्टर जनरल की एक ऑडिट के मुताबिक साल 2012 से 2025 तक इस प्रोजेक्ट पर 93 बिलियन डॉलर यानी 7434 अरब रुपए खर्च आएगा। वहीं हर फ्लाइट 4.1 billion-dollar यानी 327 अरब रुपए की होगी। इस प्रोजेक्ट पर अब तक 37 बिलीयन डॉलर मतलब ₹2949 खर्च किए जा चुके हैं।
नासा की मीडिया प्लेटफॉर्म पर होगा स्ट्रीम
आर्टेमिस मिशन लॉन्च को नासा के मीडियम प्लेटफार्म नासा टेलीविजन पर एजेंसी की वेबसाइट और नासा ऐप और इसके सोशल मीडिया हैंडल टि्वटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंकडइन पर भी लाइव स्ट्रीम किया गया है।
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