Bengal famine of 1943: जाने क्या था बंगाल का अकाल, ब्रिटिश नीतियों की विफलता

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Wed, 23 Feb 2022 08:34 PM IST

 द्वितीय विश्व युद्ध के समय सन 1943 में ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में भयंकर अकाल पड़ा था. कुपोषण, जनसंख्या विस्थापन, अस्वच्छ परिस्थितियों और पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल की कमी के कारण कई लोग भुखमरी, मलेरिया और अन्य बीमारियों से मारे गए. परिणामस्वरुप कई परिवार बिखर गए; छोटे फार्म्स ने अपनी संपत्ति बेच दी और ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल होने के लिए घर छोड़ दिया, महिलाएं और बच्चे बेघर हो गए. यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

Source: Safalta

Current Affairs Ebook PDF: डाउनलोड करे

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


ब्रिटिश नीतियों की विफलता -
  • बंगाल का अकाल पूरी तरह से ब्रिटिश काल के दौरान उनकी नीतियों की विफलता के कारण हुआ था.
  • सिमुलेशन से पता चला कि अधिकांश अकाल बड़े पैमाने पर और मिट्टी की नमी वाले गंभीर सूखे के कारण थे जो खाद्य उत्पादन में बाधा उत्पन्न करते थे.
  • शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि इस अवधि के दौरान हुए छह प्रमुख अकालों (1873-74, 1876, 1877, 1896-97, 1899, 1943), में से पहले पांच अकाल के कारण मिट्टी की नमी से जुड़े थे.
  • दो को छोड़कर सभी अकाल विश्लेषण द्वारा पहचाने गए सूखे की अवधि के अनुरूप पाए गए.
  • 1873-1874 और 1943-1944 के अकाल अपवाद थे.
भारत में पुर्तगाली शक्ति का उदय और उनके विनाश का कारण
मुस्लिम लीग की स्थापना के पीछे का इतिहास एवं इसके उदेश्य
भारत में डचों के उदय का इतिहास और उनके पतन के मुख्य कारण

अकाल के तात्कालिक कारण –
  • बर्मा के लिए जापानी अभियान बर्मा से भारत के लिए दस लाख भारतीयों में से आधे से अधिक लोग निकल पड़े. लगभग पांच लाख शरणार्थी भारत पहुंचे और कुछ महीनों बाद वे चेचक, मलेरिया, हैजा, पेचिश जैसी गंभीर महामारियों से ग्रसित हो गए. भोजन की मांग बढ़ गई. व्यापार के लिए खाद्यान्नों की आवाजाही अटकी हुई थी और सरकारी नीतियों की विफलता ने खाद्य संकट की समस्या को और बढ़ा दिया.
  • 1943 की शुरुआत में, खाद्यान्नों की मुद्रास्फीति दर में अचानक वृद्धि देखी गई. 1942 के बाद से श्रमिकों और सैनिकों के लिए आवास की तत्काल आवश्यकता ने समस्या को और भी ज्यादा खराब कर दिया.
  • डेनियल नीतियों ने राजनीतिक प्रभाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाजार तक माल ले जाने के लिए नाव परिवहन पर निर्भर रहने वाले छोटे व्यापारियों को कोई वित्तीय मदद नहीं दी जाती थी. जब्त नौकाओं के रखरखाव के लिए कोई मुआवजा प्रदान नहीं किया जाता था.
सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now
  • 1942 के मध्य में, कई भारतीय प्रांतों और रियासतों ने चावल के व्यापार को प्रतिबंधित करने वाले अंतर-प्रांतीय व्यापार अवरोधों को लागू करना शुरू कर दिया. पंजाब जैसे प्रांतों ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. खाद्य असुरक्षा बढ़ गई और चावल की मांग बढ़ गई जिसने खाद्यान्न की और कमी पैदा कर दी.
  • जुलाई 1942 में, खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ, अकाल की संभावनाएं स्पष्ट हो गईं. बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स ने उद्योगों के श्रमिकों को उच्च प्राथमिकता के साथ सामान और सेवाएं प्रदान करने के लिए एक योजना तैयार की. लेकिन ग्रामीण मजदूरों, नागरिकों को भोजन की सुविधा और स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान करने की सूची से बाहर रखा गया था.
  • इसके अलावा नागरिक अशांति, मूल्य अराजकता, प्राकृतिक आपदाएं, फसल पूर्वानुमान में कुप्रबंधन, फसल की कमी, भूमि वितरण की विफलता भी इस अकाल को अपरिहार्य बनाती है. 1943 के बंगाल अकाल के बाद वुडहेड आयोग की नियुक्ति की गई. इसने अखिल भारतीय खाद्य परिषद की स्थापना की सिफारिश की.
बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
क्या आप जानते हैं 1857 के विद्रोह विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई थी

Related Article

CBSE Single Girl Child Scholarship 2024 Registration window open now, Check the eligibility criteria and more

Read More

UP Police Constable Result 2024: Candidates demand raw scores, question transparency; Check the latest update

Read More

UP Police Result: यूपी पुलिस भर्ती के अभ्यर्थी कर रहे अंक जारी करने की मांग, बोर्ड ने दी प्रतिक्रिया

Read More

RRB ALP Admit Card: 25 नवंबर की एएलपी भर्ती परीक्षा के लिए जारी हुआ प्रवेश पत्र, जानें डाउनलोड करने का तरीका

Read More

CHSE Odisha Class 12 date sheet 2025 out now; Check the exam schedule here

Read More

CBSE Date Sheet 2025: सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं 12वीं की डेटशीट हुई जारी, यहां देखें पूरा शेड्यूल

Read More

CBSE Date Sheet 2025: Class 10, 12 timetable at cbse.gov.in awaited, Check the latest update here

Read More

CBSE Board Exam 2025: सीबीएसई बोर्ड 10वीं- 12वीं के लिए जल्द जारी होगी डेटशीट, पिछले साल इस दिन हुई घोषित

Read More

UP Board Exam 2025: यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं-12वीं के लिए घोषित हुईं परीक्षा तिथियां, यहां देखें पूरा शेड्यूल

Read More