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सीएनजी प्लांट के प्रमुख बिंदु
1.इंदौर को भारत के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक है।2.Bio-CNG Plant के उद्घाटन के साथ यह स्वच्छता में एक और उच्च मानक स्थापित करेगा।
3.देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में सीएनजी प्लांट की स्थापना हुई है।
4.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बायो-सीएनजी संयंत्र का ऑनलाइन मोड में उद्घाटन किया।
Bio-CNG Plant कैसे संचालित होगा?
Bio-CNG Plant को100% गीले कचरे से चलाया जाएगा। इससे हर दिन 18,000 kg गैस की निर्माण होने काी अनुमान है। इंदौर नगर निगम आईएमसी के अनुमान के अनुसार इस Bio-CNG Plant से शहर में रोजाना करीब 400 बसें चलाने में मदद मिलेगी। यह प्लांट पूरे एशिया में organic waste से बायो BIO CNG का सबसे बड़ा और देश का पहला संयंत्र है। यहां हर दिन 550 मीट्रिक टन गीले कचरे से 18000 केजी तक गैस बनाया जाएगा।प्लांट की क्षमता
इस बायो-सीएनजी प्लांट की कुल क्षमता 550 मीट्रिक टन है। यह 96 % शुद्ध methane gas के साथ का उत्पादन करेगा। जिसमें हर रोज 18000 केजी तक गैस उत्तपादन किया जाएगा जिससे शहर में 400 बस चलने की अनुमान लगाई गई है।public-private partnership : सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल
यह 'Lighthouse Plant' Indore Municipal Corporation (IMC) और Indo Enviro Integrated Solutions Limited (IEISL) के जरिए public-private partnership (PPP) मॉडल के तहत स्थापित किया गया है। इससे इंदौर नगर निगम को सालाना 2.5 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।प्लांट का महत्व
यह प्लांट कैलोरी मान में सुधार करेगा और साथ ही बायो-सीएनजी की प्रभाव को बढ़ाएगा। यह ज्यादा आबादी वाले शहरों की वायु गुणवत्ता को साफ करने में मदद करेगा। यह सालाना 1,30,000 टन Carbon dioxide को कम करने में मदद करेगा।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे