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अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का इतिहास क्या है
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की शुरुआत 31 अक्टूबर 2003 से शुरू हुई थी। महासभा ने जब भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को अपनाया था, और अनुरोध किया था कि महासचिव ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को राज्यों के दलों के सम्मेलन के लिए सचिवालय के रूप में (संकल्प 58/4) नामित किया जाए भ्रष्टाचार के बारे में अवेयरनेस बढ़ाने एवं इससे निपटने के लिए कन्वेंशन की भूमिका के लिए विधानसभा में 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में नामित किया था, जो कि यह कन्वेंशन साल 2005 दिसंबर में लागू हुआ था। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का महत्व क्या है
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस यानी इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे का महत्व विश्व स्तर पर लोगों को करप्शन से कैसे और क्यों बचना चाहिए। भ्रष्टाचार विरोधी दिवस समूह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो कि इस कदाचार के प्रति जागरूकता फैलाते हैं एवं अपने कार्यस्थल, समाज, देश और लोगों को भ्रष्टाचार से बचाने के संसाधनों और तरीकों को शेयर करते हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव को बचाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ गहरी होने से रोकने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार के चलते देश की नींव कमजोर होती है और यह किसी देश के विकास की सबसे बड़ी बाधा में से एक बनती है। भ्रष्टाचार एक ऐसा स्वार्थ है जो अपने अलावा किसी को भी बढ़ने नहीं देती है।
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का थीम क्या है
कोरोनावायरस चलते दुनिया की आर्थिक स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं सप्लाई सिस्टम के पुनरुद्धार को ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार पर तुरंत कार्रवाई करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके चलते इस साल अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस की थीम रिकवरी विद इंटीग्रिटी रखी गई है। आइए जानते हैं कि भारत में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कौन - कौन से महत्वपूर्ण संस्थाएं एवं पहल शुरू की गई है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
भारत में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण पहल
- अखिल भारतीय सेवा नियम 1954 एवं केंद्रीय नागरिक सेवा नियम 1956
- 1964 में केंद्रीय सतर्कता ओयोग की स्थापना
- बेनामी लेन-देन एक्ट 1988
- सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण
- सूचना का अधिकार 2005
- व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट 2014
- सरकारी सहायता का प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण
- लोकपाल
- विमुद्रीकरण और डिजिटल मनी का प्रोतेसाहन
- लेखा परीक्षण एवं लेखांकन प्रक्रियाओं को मजबूत करना
- भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट 1988, भ्रष्टाचार रोकथाम विधेयक 2018
- गवर्नमेंट ई मार्केट जैसे उपायों ने सार्वजनिक खरीद में जवाबदेही
- सरकार के द्वारा ई गवर्नेंस को बढ़ावा देना
- काले धन से लड़ने के लिए विसेष जाँच टीम का गठन करना
- बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 को मजबूत बनाने के लिए संशोधन
भ्रष्टाचार के कारण क्या हैं
- निरक्षरता गरीबी और जागरूकता की कमी के चलते लोग अपने अधिकार के प्रति जागरूक नहीं होते हैं जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ़ता है।
- कम वेतन एवं पारिश्रमिक भ्रष्टाचार की गतिविधियों को और ज्यादा बढ़ावा देती है।
- कठोर कानूनों एवं इंस्टेंट जस्टिस सिस्टम की कमी।
- सार्वजनिक खरीदी व्यापार समझौते में ट्रांसपेरेंसी की कमी।
- पॉलिटिक्स, एडमिनिस्ट्रेटिव और जस्टिस सिस्टम में रिस्पांसिबिलिटी की कमी।
- कुशल नियामक की कमी में अनुचित व्यापार गतिविधियों का प्रोत्साहन।
- विकास मुखी प्रोग्राम के प्रभावी मैनेजमेंट एवं कुशल कार्यान्वयन का अभाव।
- देश में आर्थिक विकास एवं आर्थिक स्थिरता की कमी।
- जनसंख्या के आकार में रिसोर्सेज की कमी होना।
- देश में कॉर्पोरेट एवं पॉलिटिक्स का गठजोड़ होना।
- भ्रष्टाचार को समाज के द्वारा स्वीकृति विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग करना।
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