Source: Safalta
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वार्षिक बैठक -
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम या विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 22-26 मई 2022 तक स्विट्जरलैंड के दावोस-क्लोस्टर्स में संपन्न होगी. COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद से यह पहला वैश्विक इन-पर्सन लीडरशिप इवेंट है. इसके पूर्व महामारी काल में बैठक केवल वर्चुअल रूप से हुआ करती थी. वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम या विश्व आर्थिक मंच 2022 की इस वार्षिक बैठक का आयोजन दावोस-क्लोस्टर्स, स्विट्जरलैंड में रविवार 22 मई से गुरुवार 26 मई तक किया जाएगा.
कब बनाया गया वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम -
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम या विश्व आर्थिक मंच की स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब के द्वारा यूरोपियन मैनेजमेंट के नाम से की गई थी. वर्ष 1987 में इसका नाम यूरोपियन मैनेजमेंट से बदल कर वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक फ़ॉरम) कर दिया गया. वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक फ़ॉरम) की बैठक का आयोजन प्रतिवर्ष जनवरी महीने में किया जाता है.
प्रारम्भ में इन बैठकों में मैनेजमेंट या प्रबन्धन के तरीकों पर चर्चा हुआ करती थी. मगर वर्ष 1973 में जब नियत एक्सचेंज रेट से विश्व के अनेक देश किनारा करने लगे तथा अरब और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ने की वजह से इस बैठक का ध्यान आर्थिक और सामाजिक मुद्दों की तरफ मुड़ा और पहली बार इस बैठक में राजनीतिज्ञों को आमन्त्रित किया गया. इस मंच को अनेकों बार एक तटस्थ मंच के रूप में भी इस्तेमाल किया जा चुका है. वर्ष 1988 में ग्रीस और तुर्की ने यहीं पर अपने आपसी यूद्ध को टालने की घोषणा की थी.
टॉपिक्स -
बैठक के एजेंडे के टॉपिक्स में ग्लोबल कोऑपरेशन (वैश्विक सहयोग) का पुनर्निर्माण, इकॉनोमिक रीबैलेंसिंग, सोसाइटी, इक्विटी, ग्लोबल हेल्थ (नेचर, फ़ूड, क्लाइमेट) इंडस्ट्री ट्रांसफॉर्मेशन, इनोवेशन, गवर्नेंस, साइबर सिक्योरिटीज आदि शामिल है.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस श्वाब ने कहा कि “पिछले दो वर्षों में हुई सभी आभासी बैठकों के बाद, राजनीति, व्यवसाय और नागरिक समाज के नेताओं को आखिरकार फिर से व्यक्तिगत रूप से बुलाया जा रहा है. हमें विश्वास का माहौल स्थापित करने की आवश्यकता है जो वास्तव में सहयोगी कार्रवाई में तेजी लाने और हमारे सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक है.”
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क्या कहा सेंटर फॉर न्यू इकोनॉमी एंड सोसाइटी की प्रमुख ने -
सेंटर फॉर न्यू इकोनॉमी एंड सोसाइटी की प्रमुख और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने कहा कि - "हम एक दुष्चक्र के कगार पर खड़े हैं. एक ऐसा दुष्चक्र जो वर्षों तक समाज को प्रभावित कर सकता है. कोविड महामारी और युद्ध ने दुनिया की वैश्विक अर्थव्यवस्था को खंडित कर दिया है. और इनके ऐसे दूरगामी परिणाम पैदा कर दिए हैं जो पिछले तीस वर्षों की सारी उन्नति पर पानी फेर कर पूरी दुनिया को संकट में डाल सकता है. जब ऋण, मुद्रास्फीति और निवेश की बात आती है, तो नेताओं को घरेलू स्तर पर कठिन विकल्पों और ट्रेड-ऑफ का सामना करना पड़ता है. इसलिए बिजनस कारपोरेशन और सरकारी नेताओं को दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए आर्थिक संकट को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग की पूर्ण आवश्यकता को समझना होगा. इस सप्ताह वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक मंच) की वार्षिक बैठक इस तरह के सहयोग के लिए एक प्रारंभिक बिंदु प्रदान करेगी.
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