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क्या है प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना ?
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना केंद्र सरकार की एक योजना है जिसे अप्रैल 2020 में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू निर्माण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने और बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए अधिसूचित किया गया था.यह योजना शुरू में मोबाइल फोन और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटकों के घरेलू निर्माण के लिए शुरू की गई थी परन्तु बाद में इसे फार्मास्युटिकल सामग्री और मेडिकल डिवाइसेस के लिए भी शुरू कर दिया गया था. पीएलआई योजना भी महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत अभियान योजना की तरह देश को आगे ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योजना है.
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पीएलआई योजना और इसके महत्वपूर्ण विवरण -
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए बनाई गयी एक योजना थी जो 1 अप्रैल, 2020 को अधिसूचित की गई थी. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के साथ हीं सरकार अब लगभग 10 और क्षेत्रों को पीएलआई योजना के दायरे में शामिल करने की योजना बना रही है. आइए जानते हैं प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना और वे कौन कौन से क्षेत्र हैं जो इसके तहत शामिल हैं.
पीएलआई योजना के तहत शामिल क्षेत्र और योजना का उद्देश्य -
मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी (MeitY) ने भारत में मोबाइल फोन के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण के लिए 1 अप्रैल, 2020 को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को अधिसूचित किया. इस पीएलआई योजना के आरम्भ के साथ अब, सरकार असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) इकाइयों सहित मोबाइल फोन के निर्माण में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए तत्पर है. जैसा कि अपेक्षित था, इस योजना ने वैश्विक स्तर पर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को गति प्रदान की है. जिन कंपनियों को इस योजना के तहत नामांकित किया गया था, उन्हें उत्पादन से जुड़े इन्सेन्टिव के साथ पेश किया गया. प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना 5 साल की अवधि के लिए पात्र कंपनियों को इन्क्रीमेंटल बिक्री (आधार वर्ष, 2019-20 से अधिक) पर 4% से 6% इन्सेन्टिव प्रदान करती है.
घरेलू निर्माताओं से प्राप्त आवेदनों की संख्या और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में अभूतपूर्व वृद्धि के संदर्भ में पीएलआई योजना की बड़ी सफलता को देखने के बाद, सरकार ने भारत में मेडिसिनल ड्रग्स और डिवाइसेस के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजना के तहत इसमें मेडिकल डिवाइसेस, प्रमुख प्रारंभिक मटेरियल (केएसएम) / ड्रग इंटरमीडिएट और एक्टिव फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) को भी इसमें बाद में जोड़ दिया.
अब, केंद्र सरकार मोबाइल फोन, फार्मास्युटिकल सामग्री और मेडिकल डिवाइसेस के अलावा लगभग दस और क्षेत्रों को इसमें शामिल करके पीएलआई योजना के दायरे का और अधिक विस्तार करने की सोच रही है.
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पीएलआई योजना के तहत आवेदन -
वैसी कंपनियां जो भारत में पंजीकृत हैं और योजना के लक्षित खंडों के तहत कवर किए गए सामानों के निर्माण में शामिल हैं, पीएलआई योजना के तहत आवेदन कर सकती हैं. आवेदक देश में एक या अधिक स्थानों पर मौजूदा या नई विनिर्माण इकाई का संचालन भी कर सकता है.
पीएलआई योजना के अंतर्गत शामिल क्षेत्र -
सेक्टर | टार्गेट सेग्मेंट |
मोबाइल फोन निर्माण | स्पेसिफाईड इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट - एसएमटी कॉम्पोनेन्ट्स, ट्रांजिस्टरर्स, डायोड्स, रेसिस्टर्स, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स, पीसीबी लैमिनेट, प्रेप्रेग, फोटोपॉलीमर फिल्म्स, पीसीबी प्रिंटिंग इंक्स, सेन्सर्स, ट्रांसड्युर्स, क्रिस्टल्स,सिस्टम ऑफ़ पैकेज, माइक्रो/नैनो इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट असेंबली, टेस्टिंग, मार्केटिंग और पैकेजिंग यूनिट्स |
थोक दवाओं का निर्माण
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फर्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट (ड्रग्स)
फर्मेंटेशन बेस्ड केएसएम/ड्रग्स इंग्रीडिएंट फर्मेंटेशन बेस्ड निच केएसएम/ ड्रग्स इंग्रीडिएंट/एपीआई फार्मास्युटिकल सामग्री (ड्रग्स केमिकल सिंथेसिस बेस्ड केएसएम/ड्रग्स इंग्रीडिएंट केमिकल सिंथेसिस बेस्ड केएसएम/ड्रग्स इंग्रीडिएंट/ एपीआई अन्य केमिकल सिंथेसिस बेस्ड केएसएम/ड्रग्स इंग्रीडिएंट केएसएम/एपीआई |
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