Rajagopalachari Formula: क्या आप जानते हैं राजगोपालाचारी फार्मूला के बारे में

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Sat, 19 Feb 2022 02:09 PM IST

राजगोपालाचारी कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता थे, उन्होंने राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के सहयोग के लिए एक सूत्र या फॉर्मूला का निर्माण किया. फॉर्मूले का समर्थन एम.के. गांधी ने किया था, जो वास्तव में पाकिस्तान के लिए मुस्लिमलीग की मांग की मौन स्वीकृति हीं थी. देश के विभाजन की अनिवार्यता और पाकिस्तान के बारे में मौन स्वीकृति की किसी कांग्रेसी के द्वारा यह पहली स्वीकृति थी.  यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.

Source: Safalta

Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes


सी राजगोपालाचारी 1947 से 1948 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे, 1948 से 1950 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे, 1951 से 1952 तक केंद्रीय गृह मंत्री (पटेल की मृत्यु के बाद आमंत्रित) रहे और 1952 से 1954 तक उन्होंने मद्रास राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और एनजी रंगा के साथ, स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की थी. जिसने 1960 और 70 के दशक की शुरुआत में कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने कुराई ओन्रम इल्लई गीत भी लिखा है, जिसे कर्नाटक संगीत में गाया जाता है.

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश सरकार के तहत वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने कहा था कि भारतीय राष्ट्र की ओर कोई भी कदम तभी संभव होगा जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) और मुस्लिम लीग अपने अपने मतभेदों को सुलझा लें. मुस्लिम लीग जोर शोर से मुसलमानों के लिए एक अलग राष्ट्र पाकिस्तान की मांग कर रही थी जबकि कांग्रेस देश के विभाजन के खिलाफ थी. भारत में दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच इस गतिरोध को तोड़ने के लिए, महात्मा गांधी के करीबी कांग्रेस सदस्य सी राजगोपालाचारी ने सी आर फॉर्मूला या राजाजी फॉर्मूला या राजगोपालाचारी फार्मूला नामक योजनाओं का एक सेट प्रस्तावित किया था.

सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now

प्रस्ताव एवं इसके उदेश्य -

  • ब्रिटिश से स्वतंत्रता की मांग के लिए मुस्लिम लीग कांग्रेस के साथ हाथ मिलाएगी.
  • दोनों दल सहयोग करेंगे और केंद्र में एक अस्थायी सरकार बनाएंगे.
  • युद्ध के बाद, उन क्षेत्रों में जहाँ मुसलमानों का पूर्ण बहुमत है सीमांकन के लिए एक जनमत संग्रह आयोजित किया जाएगा जहां सभी निवासियों द्वारा (मुस्लिम और गैर-मुस्लिम) वयस्क मताधिकार
  • के आधार पर मतदान के बाद निर्णय लिया जाएगा कि उन क्षेत्रों में एक अलग संप्रभु राष्ट्र बनाएं या नहीं.
  • विभाजन के मामले में, रक्षा, संचार और वाणिज्य की सुरक्षा के लिए संयुक्त समझौते किए जाने होंगे.
  • उपरोक्त शर्तें तभी लागू होंगी जब ब्रिटेन भारत को सम्पूर्ण शक्तियाँ हस्तांतरित करेगा.

प्रतिक्रिया-
सन 1944 में गांधी और एम ए जिन्ना ने राजाजी फॉर्मूला के आधार पर आपस में बातचीत की. यह वार्ता विफल रही क्योंकि जिन्ना को प्रस्ताव पर आपत्ति थी.

जिन्ना की आपत्ति-
जिन्ना चाहते थे कि कांग्रेस टू नेशन थ्योरी को स्वीकार करे. वह नहीं चाहते थे कि मुस्लिम बहुल इलाकों की पूरी आबादी जनमत संग्रह पर वोट करे, बल्कि उन इलाकों में सिर्फ मुस्लिम आबादी हीं वोट दें.
वह एक साझा केंद्र के विचार के भी खिलाफ थे.

जानें एक्सिस और सेंट्रल पॉवर्स क्या है व इनमें क्या अंतर हैं

इसके अलावा, जिन्ना यह भी चाहते थे कि अंग्रेजों के भारत छोड़ने से पहले हीं अलग-अलग प्रभुत्व के राष्ट्र बना लिए जाएं. सिखों ने भी इस सूत्र को प्रतिकूल रूप से देखा क्योंकि सूत्र का अर्थ पंजाब का विभाजन था. हालाँकि सिख सम्पूर्ण आबादी का एक बड़ा हिस्सा थे, लेकिन किसी भी जिले में ये बहुसंख्यक नहीं थे. हिंदू महासभा के वी डी सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और नेशनल लिबरल फेडरेशन के श्रीनिवास शास्त्री भी सी आर फॉर्मूला के खिलाफ थे. आईएनसी, जो अब तक देश के विभाजन का विरोध कर रही थी, स्वतंत्रता के लिए बातचीत के लिए मुस्लिम लीग को बोर्ड पर लाने के लिए कुछ रियायतें देने को भी तैयार थी, लेकिन मुस्लिम लीग को स्वतंत्रता की तुलना में पाकिस्तान में अधिक दिलचस्पी थी.

सी आर फॉर्मूला पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-
Q 1. राजाजी फॉर्मूला क्या है?
उत्तर- ब्रिटिश भारत की स्वतंत्रता के मुद्दे पर अखिल भारतीय मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच राजनीतिक गतिरोध को हल करने के लिए राजगोपालाचारी का सूत्र या राजा जी फॉर्मूला प्रस्तावित किया गया था.
Q 2. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी कौन थे?
उत्तर- चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को अनौपचारिक रूप से राजाजी या सी.आर. कहा जाता है. वह एक भारतीय राजनेता, लेखक, वकील और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे. वह भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल थे, क्योंकि भारत जल्द ही 1950 में एक गणराज्य बन गया था.

बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
 

Related Article

SSC JE Admit Card: एसएससी जेई पेपर-2 के लिए प्रवेश पत्र आज जारी होने की उम्मीद, इस लिंक से कर सकेंगे डाउनलोड

Read More

IBPS PO Prelims 2024 Admit Card For CRP XIV Released At ibps.in, Read here

Read More

IBPS CRP: सीआरपी XIV पीओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी; यहां से करें डाउनलोड, जानें एग्जाम पैटर्न

Read More

UPSC CSE 2023: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की आरक्षण सूची जारी, लिस्ट में शामिल 120 अभ्यर्थियों के नाम

Read More

AIBE 19: बार परीक्षा की तारीख में फिर हुआ बदलाव, अब दिसंबर के चौथे सप्ताह में होगा आयोजन; नोट करें नई तिथियां

Read More

RRB Exam Dates and vacancy revised for ALP, RPF-SI, Technician, JE, CMA & Metallurgical Supervisor posts

Read More

How to use Quora for Marketing

Read More

How to Engage Reddit Communities for Business Growth

Read More

RSMSSB Lab Assistant Exam Pattern 2022, Check Section-Wise Paper Pattern And Marking Scheme

Read More