Rise of Portuguese Power in India: भारत में पुर्तगाली शक्ति का उदय और उनके विनाश का कारण

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Tue, 22 Feb 2022 06:13 PM IST

भारत का पुर्तगाली राज्य (Estado Português da Índia), जिसे पुर्तगाली भारत के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में पुर्तगाली साम्राज्य का एक औपनिवेशिक राज्य था.भारत में सबसे पहले आने वाले और सबसे अंत में जाने वाले यूरोपीय पुर्तगाली हीं थे. भारत आने वाला पहला पुर्तगाली वास्को-डी-गामा था. वास्को-डी-गामा सन् 1498 में भारत आये थे. हालाँकि, भारत में पुर्तगाली शासन की अवधि सन 1505 से सन 1961 के बीच बताई जाती है. पुर्तगाली उपनिवेशवाद ने अपने अंग्रेजी समकक्ष को पीछे छोड़ दिया, लेकिन उनके विपरीत पुर्तगालियों का अपनी कॉलोनियों के अलावा बाकि जगहों पर सीमित प्रभाव था.  यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.
Current Affairs Ebook PDF: डाउनलोड करे

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

पुर्तगाली भारत की समयरेखा –

 
1498 वास्को-डी-गामा कालीकट पहुँचे जहाँ उनका स्वागत जमोरिन ने किया
1503 कोचीन में पहला पुर्तगाली फोर्ट बनाया गया था.
1505 कन्नानोर में दूसरा पुर्तगाली फोर्ट बनाया गया.
1509 मिस्र, अरब और ज़मोरिन के संयुक्त पोत समूह को पुर्तगालियों के पोत द्वारा दीव की लड़ाई में नष्ट कर दिया गया.
1510 अल्फोंसो अल्बुकर्क ने गोवा पर कब्जा कर लिया गया. गोवा पहले बीजापुर सल्तनत का हिस्सा था.
1530 गोवा को पुर्तगालियों की राजधानी घोषित कर दिया गया.
1535 दीव को पूरी तरह से अधीन बना लिया गया.
1539 पुर्तगाली दीव को ओटोमन्स, मिस्र के मामलुक, गुजरात सल्तनत और कालीकट के ज़ोमोरिन के संयुक्त पोतों द्वारा घेर लिया गया. इस युद्ध का अंत पुर्तगालियों की जीत के साथ हुआ.
1559 पुर्तगालियों द्वारा दमन पर कब्ज़ा कर लिया गया.
1596 दक्षिण-पूर्व एशिया में डचों ने पुर्तगालियों को हटाकर मसाले के व्यापार में एकाधिकार स्थापित कर लिया.
1612 अंग्रेजों ने सूरत पर कब्ज़ा कर लिया.
1661 बॉम्बे भी अंग्रेजों को सौंप दिया गया.
1663 पुर्तगालियों ने मालाबार तट पर स्थित अपने सारे किलों पर से अधिकार खो दिया.
1779 दादर और नागर हवेली पर अधिकार कर लिया गया
1843 पंजिम को पुर्तगालियों की राजधानी बना दिया गया.
1961 भारतीय सेना ने गोवा को मुक्त करने के लिए एक सैन्य अभियान शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप पुर्तगालियों ने गोवा की अपनी अंतिम औपनिवेशिक चौकी भी खो दी.

 जानें एक्सिस और सेंट्रल पॉवर्स क्या है व इनमें क्या अंतर हैं
मुस्लिम लीग की स्थापना के पीछे का इतिहास एवं इसके उदेश्य
भारत में डचों के उदय का इतिहास और उनके पतन के मुख्य कारण

पुर्तगाली भारत की प्रारंभिक शुरुआत -

पुर्तगाली उपनिवेशवाद तब शुरू हुआ जब वास्को डी गामा 20 मई सन 1498 ईस्वी को कालीकट के मालाबार तट पर पहुंचे. उन्होंने कालीकट के ज़मोरिन शासक से मुलाकात की और अरब हमलावरों की आपत्तियों के बावजूद, ज़मोरिन से कालीकट में व्यापार करने की अनुमति प्राप्त की. लेकिन वास्को-डी-गामा अपने सामान के सीमा शुल्क और कीमत का भुगतान करने में असमर्थ थे. जब शुल्कों का भुगतान नहीं किया गया, तो ज़मोरिन के अधिकारियों ने वास्को-डी-गामा के कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया. इससे वह इतने नाराज हो गए कि उन्होंने कुछ मूल निवासियों और मछुआरों का बलपूर्वक अपहरण कर लिया.
लेकिन जहां तक लिस्बन में पुर्तगाली सरकार का सवाल है, यह अभियान सफल रहा.

सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now

पुर्तगाली उपनिवेशवाद –
  • पहले वायसराय फ्रांसिस्को डी अल्मेडा ने अपने मुख्यालय की स्थापना आधुनिक दिन कोचीन में की थी.
  • सन 1509 में अल्फोंसो डी अल्बुकर्क पूर्व में पुर्तगाली संपत्ति के दूसरे गवर्नर बने. मार्शल फर्नाओ कॉटिन्हो के नेतृत्व में एक पुर्तगाली पोत कालीकट के तट पर भेजा गया. उनके निर्देश स्पष्ट थे: जमोरिन का विनाश.
  • शहर को मलबे में बदल दिया गया और ज़मोरिन्स महल पर कब्जा कर लिया गया, लेकिन स्थानीय बलों ने रैली की, हमलावर पुर्तगालियों पर टूट पड़े और अल्बुकर्क को घायल कर दिया, जिससे वे पीछे हट गए.
  • अल्बुकर्क ने सन 1513 में मालाबार में पुर्तगाली हितों की रक्षा के लिए ज़मोरिन के साथ समझौता किया और संधि में प्रवेश किया.
  • विजयनगर साम्राज्य की सहायता से अफोंसो डी अल्बुकर्क ने सन 1510 में बीजापुर सल्तनत को हराकर गोवा की स्थायी बस्ती की स्थापना की. यह भारत में पुर्तगाली औपनिवेशिक संपत्ति का मुख्यालय और वायसराय की सीट बन गया.
  • सन 1661 में अंग्रेजों को दिए जाने तक आधुनिक समय का मुंबई भी औपनिवेशिक कब्जे का हीं हिस्सा था.
  • सन 1799 से 1813 तक गोवा पर कुछ समय के लिए अंग्रेजों का कब्जा रहा था.
  • सन 1843 ईस्वी में राजधानी को पंजिम स्थानांतरित कर दिया गया, फिर इसका नाम बदलकर नोवा गोवा कर दिया गया, और तब यह आधिकारिक तौर पर पुर्तगाली भारत की प्रशासनिक सीट बन गई.
  • अगली शताब्दी तक के लिए पुर्तगाली नियंत्रण केवल दमन और दीव और गोवा के परिक्षेत्रों तक ही सीमित रह गया.
प्रतियोगी परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट का प्रयास करें- Click Here

पुर्तगालियों का पतन -
  • जब अधिकांश भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिल चुकी थी, पुर्तगालियों ने तब भी भारत में अपनी औपनिवेशिक चौकियों पर कब्जा कर रखा था. गोवा में पुर्तगाली शासन के खिलाफ स्थानीय विरोधों को क्रूरता के साथ बलपूर्वक दबा दिया गया था. भारत सरकार के अपनी औपनिवेशिक होल्डिंग्स को सौंपने के लिए बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी, डिक्टेटर एंटोनियो डी ओलिवेरा सालाजा के शासन के अंतर्गत पुर्तगाली सरकार ने इस बात से इनकार कर दिया.
  • सन 1951 से सन 1961 तक 'वेट एंड वाच' की रणनीति अपनाते हुए, भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदायों के समक्ष उपनिवेशवाद के मुद्दे को उजागर किया, साथ ही साथ एक आर्थिक प्रतिबंध भी लागू किया.
  • दिसंबर सन 1961 में, भारतीय सेना ने गोवा पर आक्रमण किया. पुर्तगालियों ने लड़ाई करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना से हार गए. पुर्तगाली भारत के गवर्नर ने भारत में 450 वर्षों के पुर्तगाली शासन के बाद गोवा को आजाद कराने के लिए 19 दिसंबर सन 1961 को समर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए.
  • भारत की संप्रभुता को सालाज़ार की सरकार ने 1970 के दशक में यानि उसके पतन तक मान्यता नहीं दी थी, जिसके बाद से भारत और पुर्तगाल के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण हो गए थे.
बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
क्या आप जानते हैं 1857 के विद्रोह विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई थी
उत्तर - वास्को-डी-गामा.
उत्तर -1530 में.
उत्तर -1970 के दशक में.
उत्तर – पुर्तगाली.
उत्तर - कोचीन में.
उत्तर - भारत में पुर्तगाली शासन की अवधि सन 1505 से सन 1961 के बीच बताई जाती है.

Related Article

RRB NTPC Exam 2024: कब जारी होगी आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा की तारीख? जानें परीक्षा से जुड़े नए अपडेट्स

Read More

GATE 2025 Admit Card: गेट परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र हुए जारी, यहां से करें डाउनलोड; फरवरी में होंगे एग्जाम्स

Read More

JAC Jharkhand board 10th-12th model papers 2025 out; Read the steps to download pdf here

Read More

RRB ALP Result 2024: लोको पायलट सीबीटी-1 का रिजल्ट कब होगा जारी? जानें चयन प्रक्रिया और टाई-ब्रेकिंग नियम

Read More

MP Metro Rail Recruitment 2025: Registration window for various posts open now; Salary Up to 1.45 Lakh, Read here

Read More

RRB Technician Grade 3: तकनीशियन ग्रेड-3 की उत्तर कुंजी छह जनवरी को होगी जारी, पढ़ें नोटिस

Read More

SSC Constable GD Exam 2025 dates out at ssc.gov.in, Exam from 4 February, Check more details here

Read More

CUET PG 2025: सीयूईटी पीजी के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, 13 मार्च से होगा एग्जाम; जानें पंजीकरण की अंतिम तिथि

Read More

CUET PG 2025 Registration window open now, Check the exam pattern and more details here

Read More