Source: Safalta
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सूनामी आने की संभावना -
50 किमी की गहराई पर आए इस भूकंप के परिणामस्वरूप सूनामी आने की प्रबल संभावना जताई जा रही है, जो हिंद महासागर क्षेत्र को प्रभावित करेगी. इस प्रकार की सम्भावना के मद्देनजर, इन्डियन ओसियन सुनामी वार्निंग और मिटिगेशन सिस्टम (IOTWMS) ने इस क्षेत्र के लिए सुनामी आने की चेतावनी जारी कर दी है.
महसूस किए गए जोरदार झटके -
''द गार्जियन'' के अनुसार, भूकंप इतना जोरदार था कि डार्विन, ऑस्ट्रेलिया में भी महसूस किया गया. हालांकि, जॉइंट ऑस्ट्रेलियन सुनामी वार्निंग सेंटर (संयुक्त ऑस्ट्रेलियाई सुनामी चेतावनी केंद्र) ने फिलहाल इससे ऑस्ट्रेलिया के लिए कोई खतरा नहीं बताया है.
तिमोर-लेस्ते के लॉसपालोस शहर में मध्यम श्रेणी के भूकंप की संभावना महसूस की गई, जबकि लगभग 150,000 की आबादी वाले देश की राजधानी दिलिक में हल्के झटकों का अनुभव किया गया.
भूकंप से प्रभावित इस क्षेत्र की अधिकांश आबादी उन संरचनाओं में निवास करती है जो भूकंप के झटकों की चपेट में हैं, हालांकि यहाँ पर प्रतिरोधी संरचनाएं बनी हुई हैं. यहाँ की प्रमुख इमारतें कंक्रीट के फर्श के साथ सहज प्रभावित न होने वाली सुदृढ़ ईंट और दीवार निर्माण के साथ प्रीकास्ट कंक्रीट फ्रेम में बनाई गयी हैं.
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रिंग ऑफ फायर -
यूएनडीपी के एक सर्वेक्षण के अनुसार, पूर्वी तिमोर की आबादी 13.2 लाख है, और यह दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है, जिसकी लगभग 40% आबादी गरीबी रेखा से नीचे बसर करती है. यह प्रशांत क्षेत्र "रिंग ऑफ फायर" पर स्थित है. यह एक ऐसा क्षेत्र जहां अक्सर ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप आते रहते हैं. इस महीने की शुरुआत यानि मई 17 को भी इंडोनेशिया के पश्चिमी प्रांत बेंगकुलु में भी 6.0 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था. हालांकि कोई सुनामी नहीं आई थी.
ग्रीन अलर्ट -
चूँकि इस घटना के फलस्वरूप किसी के हताहत होने और नुकसान होने की संभावना कम दिख रही है इसलिए यूएसजीएस ने इसके लिए एक 'ग्रीन अलर्ट' जारी किया है. इस बात की सम्भावना 30% है कि भूकंप के परिणामस्वरूप 10 मौतें हो सकती हैं. हिंद महासागर सुनामी चेतावनी (इन्डियन ओसियन सुनामी वार्निंग) और शमन प्रणाली (मिटिगेशन सिस्टम, ICG/IOTWMS) के लिए अंतर सरकारी समन्वय समूह का गठन 26 दिसंबर, 2004 को आई दुखद सुनामी की घटना के बाद किया गया था, 2004 में आई इस भयंकर और त्रासद सुनामी में हिंद महासागर क्षेत्र के आसपास के 230,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी.
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हालाँकि हिंद महासागर सुनामी चेतावनी (इन्डियन ओसियन सुनामी वार्निंग) और शमन प्रणाली (मिटिगेशन सिस्टम, ICG/IOTWMS) ने इस क्षेत्र के लिए सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है जबकि यूरोपीय-भूमध्य भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने इसकी संभावना से इनकार किया है.