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कोयले का इतिहास -
तकरीबन 300 मिलियन वर्ष पहले धरती के निम्न जलीय भागों में सघन जंगली वन हुआ करते थे. कालान्तर में ये जंगल बाढ़ आदि जैसे विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रियाओं की वजह से मिट्टी के भीतर दफ्न हो गए. समय के अंतराल के साथ साथ इन पेड़ों पर मिट्टी के ढेर पर ढेर जमा होते गए, जिसकी वजह से वे संकुचित और सघन होते चले गए. साथ हीं तापमान भी बढ़ता गया. उच्च तापक्रम और प्रचण्ड दवाब के कारण धरती के अन्दर ये मृत पेड़ आहिस्ता आहिस्ता क्रमशः कोयले में तब्दील हो गए. इस धीमी प्रक्रिया द्वारा मृत पेड़ों या वनस्पतियों के कोयले में परिवर्तन या रूपान्तरण को ‘’कार्बोनाइजेशन’’ कहा जाता है. कोयले में मुख्य रूप से कार्बन मौजूद होता है.
फॉसिल फ्यूल या जीवाश्म ईंधन -
क्योंकि कोयला पेड़ों या वनस्पतियों के अवशेषों से बनता है अतः कोयले को फॉसिल फ्यूल या जीवाश्म ईंधन भी कहा जाता है. कोयले की कहानी जानने के बाद, आइए अब जानते हैं कि दुनिया के शीर्ष 10 कोयला उत्पादक देशों के बारे में.
वर्ष 2021 में चीन, भारत, इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया कोयला उत्पादक शीर्ष पांच देश (मात्रा के हिसाब से) हुआ करते थे. इनमें भी चीन 2.5% उत्पादन के साथ अग्रणी कोयला उत्पादक देश था जो 3,942.2 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करता था.
भारत का स्थान -
766.9 मिलियन टन (1.0% YoY ऊपर) कोयला उत्पादन के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा. जबकि अन्य तीन देशों (इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया) के साथ कुल मिला कर वर्ष 2021 में 1,638.0 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया गया (2021 में मात्रा के हिसाब से).
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भारत दुनिया के सबसे बड़े कोयला उत्पादक देशों की सूची में दूसरे स्थान पर है. 2019 में भारत में लगभग 783 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया गया जो वैश्विक हिस्सेदारी के सिर्फ 10% कम रहा. भारत में राज्य के स्वामित्व वाली कोल इंडिया कम्पनी दुनिया की सबसे बड़ी कोयला-खनन कंपनी है जो देश के कुल उत्पादन के लगभग 80% कोयले के हिस्से का अकेले उत्पादन करती है. इसके संचालन में 360 से भी अधिक खदानें आतीं हैं. 2020 में, भारत सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए देश के कोयला भंडार को निजी क्षेत्र के विकास के लिए खोलने की योजना को अंतिम रूप दिया है. बहरहाल विकास के लिए लगभग 40 कोयला खदानों की नीलामी की जानी है.
दुनिया भर में कोयले का उत्पादन 2016 से साल दर साल बढ़ता रहा है. वैश्विक स्तर पर बात करें तो विश्व कोयला भंडार एक ट्रिलियन टन से अधिक मापा गया है. वैसे वर्ष 2020 के नवीनतम अनुमानों से पता चला है कि कोरोनोवायरस महामारी के दौरान मांग कम होने के परिणामस्वरूप कोयले के वैश्विक उत्पादन में 6.5% की दर से वार्षिक गिरावट आई है. वर्ल्ड कोल एसोसिएशन (विश्व कोयला संघ) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष 10 कोयला उत्पादक देशों की सूची, 10 से एक के क्रम में (असेंडिंग आर्डर में) निम्नलिखित है -
क्रम संख्या | देश | उत्पादन (मेट्रिक टन) |
10. | कोलोम्बिया | 73 |
9. | पोलैंड | 78 |
8. | कज़ाकिस्तान | 96 |
7. | रूस | 229 |
6. | दक्षिण अफ्रीका | 247 |
5. | इंडोनेशिया | 263 |
4. | ऑस्ट्रेलिया | 335 |
3. | इंडिया | 526 |
2. | यूएसए | 919 |
1. | चाइना | 2971 (3.7 बिलियन टन) |
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