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वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2022
सच है कि वर्ष खुशियों के लम्हे लेकर नहीं आया. एक लम्बा महामारी काल अब तक भी लोगों को डरा रहा है. आशंका हम सबको कहीं न कहीं अभी भी जकड़े हुए है. अनिश्चितता की भावना हम सबमें लगातार बनी हुई है. हम सबको एक फिनिश लाइन चाहिए कि हाँ अब सब ठीक हो चुका है.मगर रिपोर्ट्स कहते हैं कि जहाँ महामारी बहुत सारा दर्द और पीड़ाएँ लेकर आई वहीँ दूसरी तरफ इससे परोपकार और सामाजिक समर्थन में भी वृद्धि हुआ है. वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2022, वैश्विक सर्वेक्षण डेटा के माध्यम से इस बात का खुलासा करती है कि महामारी, बीमारी और युद्ध में झुलसती दुनिया में भी बहुत से लोगों ने ख़ुशी को महसूस किया. यह रिपोर्ट अंधेरे समय में एक उज्ज्वल प्रकाश का खुलासा करती है कि जब हम बीमारी और युद्ध से झुलसती दुनिया में किसी की मदद करते हैं तो हमें जो ख़ुशी मिलती है वह हर ख़ुशी से बढ़ कर होती है. खुशी की सार्वभौमिक इच्छा और जरूरत हर किसी को होती है, मगर ये मिलती है एक-दूसरे की मदद करने से हीं. खास कर जब हम बहुत तकलीफ में होते हैं, बीमारी और युद्ध की विभीषिका से लड़ रहे होते हैं, यानि जब हमें सहारे की सबसे बड़ी जरूरत होती है, तब इस समय में अपने मददगार व्यक्तियों को हम अपने जीवन में हमेशा याद रखते हैं.
इस वर्ष वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट की 10वीं वर्षगांठ है. आइए जानते हैं कि वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट क्या है ?
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2022
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2022 एक वैश्विक सर्वेक्षण है जो वर्ष 2012 से किया जाता रहा है, वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट दो प्रमुख विचारों पर आधारित है(1) सर्वेक्षणों के माध्यम से लोगों की खुशी या जीवन मूल्यांकन की राय का पता लगाना. और
(2) उन प्रमुख तत्वों की पहचान करना जो विभिन्न देशों में लोगों के सुख और आनंद तथा जीवन मूल्यांकन का निर्धारण करते हैं.
यह रिपोर्ट आमतौर पर प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी, सामाजिक पक्ष या सामाजिक अवलंबन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा या अपेक्षा, जीवन विकल्प बनाने की स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार की धारणा जैसे कई कारकों के आधार पर 150 देशों के लोगों की भावनाओं को रैंक करती है. इस साल, इस रिपोर्ट में 146 देशों को स्थान दिया गया है. तो आइए जानते हैं कि रिपोर्ट क्या कहता है -
देशों के बारे में रिपोर्ट
ओरेकल हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार, एक सर्वेक्षण में कहा गया कि कोविड-19 (COVID-19) महामारी की शुरुआत के दो साल से अधिक समय बाद भी दुनिया भर के लोगों में से लगभग आधे लोग नाखुश हैं. दरअसल वर्ष 2020 की शुरुआत से लेकर अब तक लगभग 45% लोगों ने सच्ची खुशी महसूस नहीं की है.सामान्य हिंदी ई-बुक - फ्री डाउनलोड करें |
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ख़ुशी का मतलब
यही नहीं लगभग 25% लोग तो यह जानते हीं नहीं या फिर भूल चुके हैं कि वास्तव में ख़ुशी महसूस कैसे होती है ख़ुशी का मतलब क्या है. पर इसी बीच, सर्वेक्षण में शामिल 88% लोग ख़ुशी पाने के लिए, हँसने और मुस्कुराने के लिए नए नए रोमांच की तलाश कर रहे हैं. 80% लोग स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हैं, तो 79% व्यक्तिगत संपर्क बढ़ाने की तलाश में हैं और 53% लोग खुशी पाने के लिए रोमांच या थ्रिल की तलाश में हैं. इसके अतिरिक्त, बहुत से लोग ख़ुशी पाने के लिए ब्रांड, कंपनियों और ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख कर रहे हैं.द हैप्पीनेस प्रोजेक्ट के सबसे अधिक बिकने वाले लेखक और रिपोर्ट के सह-लेखक ग्रेचेन रुबिन ने यूएसए टुडे को बताया, कि महामारी हम सबके जीवन की पहली और अप्रत्याशित घटना थी जिसके लिए हम सब तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा कि कोविड के टीके, बूस्टर और पूर्व संक्रमण से कुछ प्रतिरक्षा के बावजूद, हम में से अधिकांश लोग अभी भी खुश महसूस नहीं कर रहे हैं क्योंकि संकट अभी भी खत्म नहीं हुआ है. हमें खुशी की कमी हो रही है. हम सभी ऐसे अनुभवों की तलाश कर रहे हैं जो हमें बेहतर महसूस कराने में मदद कर सके.
दुनिया भर में बहुत से लोग यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वैश्विक महामारी के बीच हमें कैसे आगे बढ़ना है.
वैश्विक खुशी
दूसरों की खुशी को मापना कोई नई बात नहीं है. यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क गैलप वर्ल्ड पोल के आंकड़ों के आधार पर सालाना एक वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट प्रकाशित करता है.डेटा इस बात की जांच करता है कि सरकार और बड़े संस्थानों में नागरिकों का भरोसा देश की खुशी के स्तर में एक प्रमुख भूमिका कैसे निभाता है. जाहिर है कि वैश्विक स्तर पर इस रिपोर्ट में लोगों की खुशी का स्तर महामारी की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ यूक्रेन रूस युद्ध की भयावहता से प्रभावित होगा. एक तरफ जहाँ पहले से हीं वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी के कारण संघर्ष कर रही थीं, युद्ध ने अमेरिका और दुनिया भर में मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया है. जिसमें गैस, तेल और भोजन जैसी बुनियादी बातों के लिए पैर घिसने पड़ते हैं.
इसके बाद भी ख़ुशी को मापने की इस रिपोर्ट में फिनलैंड को लगातार पांचवें वर्ष दुनिया का सबसे खुशहाल देश चुना गया है, जबकि यू.एस. का स्थान 16 वाँ रहा.
दुनिया के सबसे खुशहाल देश
- डेनमार्क के बाद पांचवें वर्ष फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश घोषित किया गया है.
- हाल के वर्षों में खुशी में सबसे ज्यादा बढ़त की बात की जाए तो यह वृद्धि सर्बिया, बुल्गारिया और रोमानिया में हुई है.
ख़ुशी के मामले में सबसे खराब देश
- अफगानिस्तान को सबसे दुखी राष्ट्र के रूप में स्थान दिया गया है. अफगानिस्तान के बाद क्रमशः लेबनान, जिम्बाब्वे, रवांडा और बोत्सवाना का स्थान रहा.
ख़ुशी की रिपोर्ट में भारत का स्थान
ख़ुशी के मामले में भारत की रैंकिंग में पहले की बनिस्पत मामूली सा सुधार देखा गया है. जहाँ इस वर्ष भारत पिछले साल की बनिस्पत 139 वें स्थान से तीन सीढ़ी की छलांग लगाकर 136 वें पर पहुंच गया है. वर्ष 2021 में भारत का रैंक 139 था.Monthly Current Affairs May 2022 | डाउनलोड नाउ |
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2022 वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के शीर्ष 10 देश -
1. फिनलैंड.2. डेनमार्क.
3. आइसलैंड.
4. स्विट्ज़रलैंड.
5. नीदरलैंड्स.
6. लक्जमबर्ग.
7. स्वीडन.
8. नॉर्वे.
9. इज़राइल.
10. न्यूजीलैंड.
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2022 (World Happiness Report 2022) 18 मार्च, 2022 को जारी किया गया. इस वर्ष, वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट की 10 वीं वर्ष गाँठ है. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क द्वारा प्रकाशित की गई है.