सृजनशील बालक राष्ट्र की अमूल्य संपति होती है।
अत: उसकी ओर विशेष ध्यान देने के लिए आवश्यक है कि हम उनका सर्वप्रथम पाता लगाए ।
सृजनशील बालकों का पता लगाने से उनके व्यवहार , व्यक्तित्व तथा मानसिक योग्यताओं से संबंधित हमारा ज्ञान व्यापक होना जरूरी होता है।
जब तक हम सृजनशील बालकों का पता नहीं लगाते तब तक उन्हें समुचित मात्रा में शैक्षिक एवं व्यवसाहिक निर्देशन प्रदान नहीं कर सकते ।
कक्षा में अनेक दैनिक समस्याएं इसलिए उत्पन्न होती हैं, क्यों कि हम बालकों की शैक्षिक व मानसिक आवश्याकताओ की पूर्ति नहीं कर पाते हैं।
सृजनशील बालकों का पता लगाकर ही उनकी शैक्षिक व मानसिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे
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