सौरमंडल के गृहों की संपूर्ण जानकारी
सूर्य (SUN)
- सूर्य का व्यास 13,92,200 किमी. है जो पृथ्वी के व्यास का लगभग 110 गुना है।
- सूर्य एक तारा है जिसमें 71% हाइड्रोजन, 26.5, हिलियम, 1.5 कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, नियॉन तथा 1% लौह समूह एंव अन्य भारी तत्व पाए जाते हैं।
- सूर्य की ऊर्जा का स्रोत के केंद्र में हाइड्रोजन परमाणुओं का नाभिकीय संलयन द्वारा हिलियम में बदलना है।
- सूर्य मन्केदकिनी(आकाशंगगां) के केंद्र से करीब 30,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
- सूर्य का केंद्र भाग क्रोड(Core) कहलाता है जिसका ताप 27 मिलियन डिग्री फारेनहाइट होता है तथा सूर्य की बाहरी सतह का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस है।
- हैंस बेथ ने बताया की 10 डिग्री सेल्सियस पर सूर्य के केंद्र चार हाइड्रोजन नाभिक मिल्कर एक हिलियम नाभिक का निर्माण करता है। अर्थात् सूर्य के केंद्र पर नाभिकीय संलयन होता है, जो सूर्य की ऊर्जा का स्रोत है।
- सूर्य की दिप्तिमान सतह को प्रकाश मंडल कहते हैं। प्रकाश मंडल के किनारे प्रकाश मान नहीं होता, क्योंकि सूर्य का वायुमंडल प्रकाश का अवशोषण कर लेता है। इसे वर्णमंडल कहते है यह लाल रंग का होता है।
- सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के दिखाई देने वाले भाग को सूर्य किरीट(corona) कहते हैं। सूर्य किरीट एक्स-रे उत्सर्जित करता है। इसे सूर्य का मुकुट कहा जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय सूर्य किरीट से प्रकाश की प्राप्ति होती है।
- सूर्य की आयु 5 बिलीयन वर्ष है।
बुध(Mercury)
- यह सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है।
Source: NASA
जो सूर्य निकलने के 2 घंटे पहले दिखाई पड़ता है। - यह सबसे छोटा ग्रह है। जिसके पास कोई उपग्रह नहीं है।
- इसका सबसे विशिष्ट गुण इसमें चुंबकीय क्षेत्र का होना है।
- यह सूरज की परिक्रमा सबसे कम समय में पूरी करता है।
शुक्र(Venus)
- यह पृथ्वी का सबसे निकटतम, सौरमंडल का सबसे चमकीला एंव सबसे गर्म ग्रह है।
- इस ग्रह को प्रेशर कुकर (प्लेनेट) के उपनाम से भी जाना जाता है।
- यह शाम को पश्चिम दिशा में एंव सुबह को पूर्व दिशा में दिखाई देता है।
- इसके वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक (लगभग 70%) होती है।
- आकार एवं द्रव्यमान में पृथ्वी के समान होने के कारण इसे पृथ्वी की बहन (जुड़वाँ ग्रह)भी कहा जाता है।
- इस ग्रह को शाम या भोर का तारा कहा जाता है।
- सूर्य का व्यास 1384000 किमी है, जो पृथ्वी के व्यास का करीब 110 गुना है।
- इसका कोई उपग्रह नहीं है। सर्वाधिक चमकीला होने के कारण इसे 'प्यार एंव सुंदरता की देवी' कहा जाता है।
बृहस्पति (Jupiter)
- यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसे अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में 10 घंटा और सूर्य की परिक्रमा करने में 11 वर्ष लगते हैं।
- इसके उपग्रह की संख्या 28 है, इसमें ग्यानीमीड सबसे बड़ा उपग्रह है।
मंगल (Mars)
- इसे लाल ग्रह (रेड प्लेन) कहां जाता है, इसका रंग लाल, आयरन ऑक्साइड के कारण है।
- इसके 2 उपग्रह हैं- 1) फोबोस 2) डीमोस
- सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 687 दिन लगते हैं।
- सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपस मेसी एवं सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलंम्पिया जो माउंट एवरेस्ट से 3 गुना अधिक ऊंचा है, इसी ग्रह पर स्थित है।
शनि (Saturn)
- यह आकार में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- यह आकाश में पीले तारे के समान दिखाई पड़ता है।
- इसके उपग्रह की संख्या 30 है, जो सबसे अधिक है।
- शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टिटाँन है, यह आकार में बुध के बराबर है।
- फोबे नामक शनि का उपग्रह इसकी कक्षा में घूमने की विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है।
अरुण (Uranus)
- यह आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- यहाँ सूर्य उदय पश्चिम की ओर एवं सूर्यास्त पूरब की ओर होता है।
- इसके 21 उपग्रह है, जिसमें एरियल तथा मिरांडा प्रमुख है।
वरुण (Neptune)
- इसकी खोज 1846ई. में जर्मन खगोलज्ञ जहॉन गले ने की है।
- यह हरे रगं का ग्रह है।
- इसके चारों और अति शीतल मिथुन का बादल छाया हुआ है।
- इसके 8 उपग्रह है, जिसमें टाइटन प्रमुख है।
पृथ्वी (Earth)
- यह आकार में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है।
- यह सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर 12.5 डिग्री झुकी हुई है।
- पृथ्वी की सतह 71% पानी से ढकी हुई है।
- पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकंड (लगभग 365 दिनों 6 घंटे) का समय लगता है। पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहा जाता है। प्रत्येक सौर वर्ष कैलेंडर वर्ष से लगभग 6 घंटा बढ़ जाता है जिसे हर चौथे वर्ष में लीप वर्ष पर बनाकर समायोजित किया जाता है। लीप वर्ष 366 दिन का होता है, जिसके कारण फरवरी माह में 28 के स्थान पर 29 दिन होते हैं।
चंद्रमा (Moon)
- चंद्रमा का भौगोलिक अध्ययन करने वाला विज्ञान सेलेनोग्राफी कहलाता है।
- चंद्रमा का परिक्रमण तथा घूर्णन समय समान होने के कारण चंद्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई देता है।
- पृथ्वी से चंद्रमा का 53 प्रतिशत भाग हि देखा जा सकते हैं।
- चंद्रमा पृथ्वी के अक्ष के करीब समांतर है।
- चंद्रमा को जीवाशम ग्रह का दर्जा दिया गया है।
- चंद्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 27 दिन 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष का एक घूर्णन करता है।
यम (Pluto)
- यम को आई.ए.यू ने 2006 में ग्रह का दर्जा समाप्त कर बौने ग्रहों की श्रेणी में रख दिया। आई.ए.यू में 2008 में ग्रहों की नई श्रेणी प्लीटोइल बनाया और यम को इसी में रखा गया।
- यम के 3 उपग्रह है- शेरान, मिक्स एंव हाइड्रा।
- प्लीटोइल श्रेणी के अन्य ग्रह है- सेंरस, चेरॉन, 2003 यूबी 313(इरिस)।