Difference between Sales & Marketing: What’s better ? सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है ? दोनों में कौन बेहतर है ?

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Fri, 12 Aug 2022 07:54 PM IST

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दोस्तों आज मैं आपको सेल्स और मार्केटिंग के बीच क्या फर्क है ये बताउंगी.
 

Source: Safalta.com

हेलो दोस्तों, सेल्स और मार्केटिंग का नाम तो आप सभी ने जरूर सुना होगा. परंतु क्या आप बता सकते हैं कि इन दोनों टर्म्स के बीच में क्या फर्क है ? जी हाँ,  बहुत से लोग यह समझते हैं कि सेल्स और मार्केटिंग एक हीं चीज है. परन्तु मैं आपको बता दूँ कि सेल्स और मार्केटिंग दोनों अलग अलग चीजें हैं, और दोनों में काफी फर्क है. किसी भी बिजनेस के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सेल्स होता है जिससे कि रेवेन्यू आता है. यानि कि सेल्स के बिना आप किसी भी बिजनेस का अनुमान भी नहीं लगा सकते. बड़ी कंपनियों में सेल्स और मार्केटिंग दोनों के अलग अलग विभाग होते है. तथा इन आर्गेनाइजेशन्स में दोनों विभागों में नियमावलियाँ तथा जवाबदेहियाँ काफी विशेषीकृत तरीके से बांटी जाती है. दरअसल जब किसी बिजनेस को हमें आगे बढ़ाना होता है तो उसके लिए मार्केटिंग अपरिहार्य होता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग हमारे बिजनेस के बारे में जान सकें तथा उसका डाटा हम तक पहुँच सके. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. 
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क्या है अंतर सेल्स और मार्केटिंग में

कई बार लोग सोचते हैं कि सेल्स और मार्केटिंग एक हीं चीज़ है या मार्केटिंग हीं सेल्स है. अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जिन्हें मार्केटिंग और सेल्स के बीच का फर्क नहीं मालूम तो दोस्तों आज मैं आपको सेल्स और मार्केटिंग के बीच क्या फर्क है ये बताउंगी.
अगर हम मार्केटिंग की बात करते हैं तो मूलतः यह एक अम्ब्रेला टर्म है. अब यह अम्ब्रेला टर्म क्या होता है ? तो अम्ब्रेला टर्म वो होता है जो अपने साथ बहुत सारे एलिमेंट्स को समेटे होता है. मार्केटिंग और सेल्स को एक समझने की गलती हम शायद इसलिए करते हैं क्यूंकि मार्केटिंग अम्ब्रेला टर्म के अन्दर का एक एलिमेंट सेल्स भी है. जी हाँ ! मार्केटिंग में सेल्स भी शामिल होता है लेकिन मार्केटिंग में सेल्स के अलावा और भी कई एलिमेंट्स होते हैं.
अब अगर सीधे साफ़ शब्दों में सेल्स को परिभाषित करें तो आप ये समझ लीजिये कि आपके पास एक स्टॉक है यानि कि किसी सामान का भंडार जमा है उस स्टॉक को लोगों को बेच देना सेल्स है. जो लोग सेल्स फ़ोर्स में काम करते हैं वो ग्राहकों से सीधा संपर्क बनाते हैं और उनकी रिक्वायरमेंट्स को समझते हैं फ़िर उनकी रिक्वायरमेंट्स को फुलफिल कर देते हैं.  
जैसा कि पहले मैंने बताया कि मार्केटिंग एक अम्ब्रेला टर्म है यानि कि इसके बहुत सारे एलिमेंट्स हैं. इन एलिमेंट्स में मार्केट रिसर्च, मार्केट एनालिसिस, रिलेशनशिप बिल्डिंग, कॉम्पीटीटिव एनालिसिस करना और भी बहुत कुछ शामिल है.      

सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है ?

क्रम संख्या सेल्स मार्केटिंग
1 सेल्स मतलब किसी भी सामान को बेचना मार्केटिंग में मार्केट रिसर्च, मार्केट एनालिसिस, कॉनज्यूमर बेहवियर, प्राइसिंग स्ट्रेटेजी, सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन, प्रोडक्ट लाइफ साइकिल, ब्रांड मैनेजमेंट प्रोडक्ट मैनेजमेंट, प्रोडक्ट डेवलपमेंट सब शामिल होता है.
2 अगर मार्केटिंग से तुलना करें तो सेल्स का क्षेत्र काफी छोटा होता है. मार्केटिंग का फील्ड अपने आप में बेहद विस्तृत है. क्यूंकि इसके अन्दर बहुत सारे अलग-अलग एलिमेंट्स हैं.
3 सेल्स का काम टारगेट बेस्ड होता है. यहाँ आपको वीकली, मंथली और एनुअल टारगेट्स मिलते हैं जिन्हें आपको पूरा करना होता है. मार्केटिंग का सेल्स की तरह कोई टारगेट बेस्ड काम नहीं होता. मार्केटिंग का काम किसी भी प्रोडक्ट के बनने से पहले से शुरू होता है और  उसके बिकने के बाद तक जारी रहता है.
4 सेल्स मार्केटिंग का हीं एक भाग है. मार्केटिंग एक अम्ब्रेला टर्म है जिसके अन्दर विभिन्न भाग हैं.
 

कौन है बेहतर ? सेल्स या मार्केटिंग ?

इस बात का सीधा सा जवाब यही हो सकता है कि सेल्स या मार्केटिंग में से एक को नहीं चुना जा सकता कि ये दूसरे से बेहतर है. इसका कारण यह है कि किसी भी संस्थान या कंपनी के लिए सेल्स सबसे ज्यादा जरूरी है. सेल्स होगी तभी तो मार्केट में आइडेंटिटी बनेगी और अपनी एक ब्रांड वैल्यू डेवेलोप होगी. अब किसी भी प्रोडक्ट के सेल्स के लिए मार्केटिंग जरूरी है. अगर मार्केटिंग के प्रोसेस का पालन नहीं किया गया तो सेल्स हो हीं नहीं पायेगी. तो हम ऐसा कह सकते हैं कि यह दोनों हीं चीज़ें एक दूसरे पर निर्भर करती हैं.