Source: FirstCry Parenting
इस प्रक्रिया की सफलता केवल प्रभावशाली शिक्षण पर ही नहीं वरन अनेक सामूहिक कारकों जैसे - शिक्षक , शिक्षार्थी , पाठ्यवस्तु , अधिगम व्यवस्था , वातावरण इत्यादि पर निर्भर होती है। अधिगम के स्वरूप व गति के निर्धारक के रूप में निम्न लिखित कारक उत्तरदायी होते हैं - यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल नॉलेज फ्री इबुक को डाउनलोड कर सकते हैं Download Now.Biology E Book Set for All Govt. Exams- डाउनलोड नाउ |
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1) शिक्षार्थी से संबंधित कारक : शिक्षार्थी का सर्वांगीण विकास करना ही शिक्षा का उद्देश्य है। किसी भी क्रिया को सीखने का केंद्र बिंदु शिक्षार्थी होता है। इस दृष्टिकोण से बालकों की रुचि , योग्यता , क्षमता , अभिरुचि , अभिवृति , व्यक्तिगत भेद , बुद्धि के आधार पर संपन्न की गई क्रिया प्रभावशाली सिद्ध हो सकती है । किसी भी चीज को सीखना समय पर निर्भर करता है। जैसे विद्यार्थी कक्षा में प्रवेश करता है , तो उसमें स्फूर्ति बनी रहती है। परंतु जैसे - जैसे समय व्यतीत होता जाता है, वह थकान अनुभव करने लगता है। शिक्षार्थी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का आधार है। ऐसी स्थिति में अधिगम क्रिया अनेक कारकों जैसे - अभिप्रेरणा , सीखने की इच्छा , शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य , परिपक्वता , बुद्धि , अभिवृत्ति , अभिरुचि व रूचि , थकान से प्रभावित होती है ।
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2) शिक्षक से संबंधित कारक : कक्षा कक्ष में शिक्षक का व्यवहार छात्रों को सीखने के लिए प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। विद्यालय में अध्ययन करने वाले बालकों के लिए शिक्षक आदर्श प्रतिरूप के रूप में होता है। अत: वह अपने शिक्षकों के गुण एवं व्यवहार के रूप का अनुकरण करता है और तदनुरूप व्यवहार करने को प्रयास करता है । अधिगम को प्रभावित करने। वाले शिक्षक से संबंधित कारक विषय का ज्ञान , शिक्षक का व्यवहार , मनोविज्ञान का ज्ञान अध्यापक व अधिगम प्रक्रिया, शिक्षण विधि ,सतत अभ्यास , दृश्य - श्रव्य सामग्री, पुनर्बलन, पाठ्य सहगामी क्रियाये व शिक्षक की भावना इत्यादि हैं ।
3) पाठ्यवस्तु से संबंधित कारक : विषयवस्तु की प्रकृति अधिगम प्रक्रिया को पूर्ण रूप से प्रभावित करती है सीखी जाने वाले विषयवस्तु सरल और रुचिकर होगी तो सीखने पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । प्रत्येक विषयवस्तु का कठिनाई स्तर अलग अलग होता है। इसलिए विषयवस्तु को छात्रों को समक्ष प्रस्तुत करने का क्रम भी इनके सीखने की प्रक्रिया को पर्याप्त रूप से प्रभावित करता है। अधिगम प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले पाठ्यवस्तु से संबंधित मुख्य कारक विषयवस्तु की प्रकृति , विषयवस्तु का आकार व मात्रा , विषयवस्तु का क्रम , विषयवस्तु की उदेश्यपूर्णता , छात्रों की आवश्यकता आदि हैं।
4) अधिगम व्यवस्था से संबंधित कारक : ज्ञानेंद्रियां तथा बुद्धि सीखने की प्रक्रिया में योगदान देती हैं। कक्षा कक्ष में छात्रों के बैठने की समुचित व्यवस्था , कमरों में रोशनी तथा हवा का प्रबंध , फर्नीचर की समुचित व्यवस्था , विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए उपकरण , प्रयोगशाला की व्यवस्था बालक की अधिगम प्रक्रिया पर अनुकूल प्रभाव डालते हैं। अधिगम प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली अधिगम व्यवस्था से संबंधित मुख्य कारक पूर्ण एवं अंश विधि , अविराम तथा विराम विधि , प्रासंगिक सीखना , सक्रिय तथा निष्क्रिय विधि आदि हैं।
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5) वातावरण से संबंधित कारक : बालक की अधिगम प्रक्रिया पर उसके परिवार के वातावरण का काफी प्रभाव पड़ता है। वातावरण बालक की जन्मजात शक्तियों को निर्देशित तथा प्रोत्साहित करता है। वातावरण ही बालक के व्यवहार का निर्धारण कर उसमें अधिगम क्षमता का उत्तम विकास करता हैं । अध्ययन करने के लिए उचित वातावरण होना अत्यावश्यक हैं । विद्यालयों में मध्यांतर में विज्ञान की व्यवस्था , पोषाहार देना , छात्रों में अच्छी आदत डालना , व्यायाम तथा खेलकूद में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना तथा विषय अथवा कार्य में परिवर्तन करना आदि उपायों से छात्रों की थकान दूर की जा सकती है । अधिगम को प्रभावित करने वाले वातावरण से संबंधित कुछ मुख्य कारक वातावरण का प्रभाव , शारीरिक तथा मानसिक वातावरण , व्यक्तित्व का विकास , परिवार का वातावरण , कक्षा का भौतिक वातावरण इत्यादि हैं।