Yashwant Sinha Presidential Candidate: जानिए कौन है यूपीए के प्रेसिडेंट सीएम कैंडिडेट यशवंत सिन्हा

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Wed, 22 Jun 2022 06:41 PM IST

Highlights

श्री सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. अप्रैल 2018 में इन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वर्तमान में वे तृणमूल कांग्रेस के नेता और बंगाल की सत्ताधारी पार्टी में हैं.

Source: Safalta.com

कल मंगलवार 21 जून, 2022 को यशवंत सिन्हा को यूपीए और अन्य विपक्ष की तरफ से संयुक्त रूप से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है. जहाँ एक तरफ सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की है वहीँ दूसरी ओर विपक्ष की तरफ से 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया गया है. उल्लेखनीय है कि भारतीय राष्ट्रपति चुनाव आगामी 18 जुलाई को होने वाला है. राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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जयराम रमेश ने की नाम की घोषणा 

कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि - आदर्श रूप से, सरकार और विपक्ष के द्वारा एक आम सहमति से गणतंत्र के सर्वोच्च पद के लिए उचित उम्मीदवार को चुना जाना चाहिए. इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए थी, परन्तु हमें इस बात का खेद है कि मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया. इसलिए हम सभी राजनीतिक दलों से श्री सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील करते हैं ताकि देश में एक योग्य राष्ट्रपति का निर्विरोध निर्वाचन हो सके.
श्री सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. अप्रैल 2018 में इन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वर्तमान में वे तृणमूल कांग्रेस के नेता और बंगाल की सत्ताधारी पार्टी में हैं. यशवंत सिन्हा पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री के पद पर भी काम कर चुके हैं.


जीवन परिचय 

यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवम्बर 1937, को पटना, बिहार में एक चित्रगुप्तवंशी कायस्थ परिवार में हुआ था. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा पटना में हीं हुई. श्री सिन्हा ने साल 1958 में राजनीति शास्त्र में मास्टर्स (स्नातकोत्तर) की डिग्री प्राप्त की, उपरांत पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक इसी विषय में शिक्षण कार्य किया.


करियर, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी 

साल 1960 में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए. इस सेवा में उन्होंने 24 साल से भी अधिक समय बिताया. इस दौरान बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में 2 वर्षों तक अवर सचिव तथा उप सचिव रहने के बाद उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के रूप में भी कार्य किया.
साल 1971 से 1973 के बीच उन्होंने बॉन, जर्मनी के भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (वाणिज्यिक) के रूप में कार्य किया. साल 1973 से 1974 के बीच फ्रैंकफर्ट में भारत के कौंसल जनरल के रूप में काम किया. यशवंत सिन्हा ने बिहार सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय में भी काम किया जहां वे विदेशी औद्योगिक सहयोग, प्रौद्योगिकी के आयात, बौद्धिक संपदा अधिकारों और औद्योगिक स्वीकृति के मामलों को देखते थे. साल 1980 से 1984 के बीच उन्होंने भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया.
 
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राजनीतिक करियर 

जनता दल 

साल 1984 में यशवंत सिन्हा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और जनता पार्टी के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीति से जुड़ गए. साल 1986 में उन्हें पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव नियुक्त किया गया. साल 1988 में वे भारतीय सांसद के ऊपरी सदन के द्वारा राज्य सभा के सदस्य चुने गए.
वर्ष 1989 में जनता दल के गठन के बाद उनको पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया. नवंबर 1990 से जून 1991 तक उन्होंने चन्द्र शेखर के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया.


भाजपा 

जून 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मार्च 1998 में वित्त मंत्री नियुक्त किए गए. जहाँ 22 मई 2004 तक वे विदेश मंत्री रहे. साल 2004 के चुनाव में हजारीबाग सीट से यशवंत सिन्हा की हार को एक विस्मयकारी घटना माना जाता है. साल 2005 में उन्होंने फिर से संसद में प्रवेश किया. और 13 जून 2009 को भाजपा के उपाध्यक्ष पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वे 2009 के आम चुनावों में हार के पश्चात् पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई से असंतुष्ट थे, ''भारत में लोकतंत्र महान है"


ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस 

13 मार्च 2021 को श्री सिन्हा ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए, और पार्टी के द्वारा उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. और इस तरह एक बार फिर उन्होंने सक्रिय राजनीति में वापसी की.
 
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यशवंत सिन्हा, राष्ट्रपति चुनाव 2022 

आगामी राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए दो दौर के विचार-विमर्श और अनौपचारिक बैठकों के बाद यशवंत सिन्हा के नाम को अंतिम रूप दिया गया. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल विचार-विमर्श में शामिल नहीं हुए. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 84 वर्षीय यशवंत सिन्हा को राकांपा प्रमुख शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद चुना गया है.