भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्य: The Fundamental Duties of Citizens of India

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Tue, 24 Aug 2021 06:14 PM IST

Highlights

42वें संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा हमारे वर्तमान संविधान के भाग 4 में मौलिक कर्तव्य शामिल किये थे। वर्तमान में अनुच्छेद 51 A के तहत हमारे संविधान में 11 मौलिक कर्तव्य हैं जो कानून द्वारा वैधानिक कर्तव्य हैं और प्रवर्तनीय भी हैं।

Source: nationalinterest.com

भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)

भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह-
  1. संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे;
  2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे;
  3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;
  4. देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे;
  5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म. भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुंद्ध है;
  6. हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे;
  7. प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे;
  8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;
  9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;
  10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले;
  11. यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे।][2]
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(मूल कर्तव्य 42वें संविधान संशोधन अधिनिया, 1976 के अंतर्गत जोड़े गए।)
      मूल कर्तव्य (k) 86वें संविधान संशोधन अधिनियम 2002 के द्वारा जोड़ा गया है।