1) कोई पदार्थ जिसमें घुल जाए, वह विलायक तथा जो पदार्थ घुल कोई पदार्थ जिसमें घु जाए, उसे विलेय कहा जाता है।
2) विलायक कई प्रकार के होते हैं, लेकिन अधिक डाइ इलेक्ट्रिक नियतांंक वाले पदार्थ सबसे अच्छे विलायक माने जाते हैं।
उत्प्रेरण
1) 1835 ई. में बर्जीलियस ने देखा कि कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं , जो रासायनिक क्रियाओं के वेग को प्रभावित करते हैं तथा उनकी उपस्थिति मात्र से रासायनिक क्रिया का वेग बढ़ जाता है, परन्तु रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप ऐसे पदार्थों की स्वयं की संरचना एवं गुणधर्म अप्रभावित रहते है। ऐसे पदार्थों को उत्प्रेरक तथा इस प्रकार की रासायनिक क्रियाओं को उत्प्रेरण कहा जाता है।
2) कुछ प्रमुख उघोगों में प्रयोग किये जाने वाले उत्प्रेरक एवं एन्जाइम आगे सारणी में प्रदर्शित हैं-
यौगिक (Compounds)
1) यौगिक (Compounds)- भिन्न - भिन्न प्रकार के परमाणुओं के एक निश्चित अनुपात में संयोजन से बने हुए शुद्ध पदार्थ को यौगिक कहते हैं।
2) यौगिक को दो या दो से अधिक विभिन्न प्रकार के परमाणुओं में अपघटित किया जा सकता है।
3) जल एक यौगिक है जो आग के प्रति अक्रियाशील है, यह हाइड्रोजन व आँक्सीजन से मिलाकर बना है, जबकि आँक्सीजन दहन में सहायक है तथा हाइड्रोजन बहुत जल्दी जलता है।
4) सामान्य लवण (Common Salt) सोडियम जैसे मुलायम एवं रजत धातु तथा क्लोरीन जैसी हरी - सी जहरीली गैस है, से मिलकर बना है।
5) हाइड्रोकार्बनों को छोड़कर शेष सभी यौगिक अकार्बनिक यौगिक की श्रेणी में आते हैं।
6) कुछ ठोस पदार्थ हथौड़े से पीटने पर छोटे -छोटे टुकड़ों में परिवर्तित हो जाते हैं , इस गुण को भंगुरता (Brittleness) कहते हैं।
मिश्रण (Mixtures)
1) दो या दो से अधिक यौगिकों अथवा तत्वों किसी भी अनिश्चित अनुपात में मिलाने से जो द्रव्य प्राप्त होता है, उसे मिश्रण कहते हैं।
2) मिश्रण दो प्रकार के होते हैं समांगी मिश्रण एवं विषमांगी मिश्रण ।
समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixtures)
वैसे मिश्रण जिनके गुण - धर्म एक समान होते , समांगी मिश्रण कहलाते है।
चीनी क जल में विलयन , गन्धक का कार्बन डाइसल्फाइड में विलयन , अमोनिया गैस का हवा में विलयन समांगी मिश्रण का उदाहरण है।
विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixtures)
विषमांगी मिश्रण के प्रत्येक भाग के गुण व उनके संघटक भिन्न -भिन्न होते है।
बालू एवं नमक का मिश्रण , खड़िया का जल में मिश्रण , धूलकण का हवा में मिश्रण विषमांगी मिश्रण के उदाहरण हैं।
विषमांगी मिश्रण के अवयवी पदार्थों को एक -दूसरे से अलग करना समांगी मिश्रण की तुलना में अधिक आसान होता है।
आसवन (Distillation)- जब मिश्रण में उपस्थित दो द्रवों के क्वथनांकों में अन्तर अधिक होता है तो इनके मिश्रण को को पृथक करने के लिए आसवन विधि का प्रयोग करते है।
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