सुव्यवस्थित जीवन-
भौतिक रूप से सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों का जीवन वैदिक सभ्यता के लोगों के जीवन से कहीं अधिक उन्नत था. उनका जीवन सुव्यवस्थित एवं कृषि, वाणिज्य एवं व्यापार उनका मुख्य व्यवसाय था. उनकी नगर निर्माण योजना एवं सार्वजानिक स्वच्छता तत्कालीन समाज की सर्वश्रेष्ठ देन थी. विश्व की अन्य किसी भी दूसरी सभ्यता में इस तरह की नगर निर्माण योजना विकसित नही हुई थी. ये भवन निर्माण में पक्की इंटों का उपयोग करते थे., जिनके अवशेष आज भी विद्यमान हैं. इसी तरह से वे कई प्रकार की फसलों की खेती भी करते थे, उनके आंतरिक एवं बाह्य, दोनों ही व्यापार उन्नत थे. खुदाई से प्राप्त अवशेषों से उनके यहाँ कई प्रकार की कला एवं शिल्प विद्या के विकसित होने के प्रमाण मिलते हैं. निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि सिन्धु वासी का जीवन एक शहरी सुव्यवस्थित जीवन हुआ करता था.
सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now
अर्थव्यवस्था और आजीविका -
दूसरी ओर वैदिक लोगों की जीवन शैली में काफी कुछ मौलिक अंतर भी था. समस्त जीवन काल में आर्यों का जीवन अर्ध-भ्रमणकारी था एवं उनकी अर्थव्यवस्था में पशुचारण का बहुत महत्त्व था. हालाँकि उनको कृषि की अच्छी जानकारी थी, लेकिन इसे आर्यों ने गौण पेशे के रूप में अपनाया. रयि (संपत्ति) की गणना मुख्यतः मवेशियों से होती थी. केवल उत्तर वैदिक काल में ही कृषि को आर्यों ने मौलिक पेशे के रूप में अपनाया एवं एक व्यवस्थित जीवन जीना आरम्भ किया. ऋग्वैदिक काल में शहरी जीवन का कोई प्रमाण नहीं मिलता, केवल उत्तर वैदिक काल में ही इसका विकास हुआ. फिर भी भवन निर्माण एवं नगर निर्माण अभी भी बहुत ही पिछड़ी अवस्था में था.
इस प्रकार दोनों सभ्यताओं के भौतिक जीवन में बहुत अंतर था, फिर भी दोनों सभ्यताओं में उगाई जाने वाली फसलों में समानताएं पायी गई हैं. इसी प्रकार पशुपालन भी दोनों सभ्यताओं में प्रचलित था. अंतर केवल उनके व्यावसायिक महत्त्व में था.
जानें प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास के बीच क्या है अंतर
राजनीतिक व्यवस्था-
राजनीतिक क्षेत्र में तुलनात्मक अध्ययन संभव नहीं, क्योंकि हड़प्पा वासियों के राजनीतिक जीवन के सम्बन्ध में हमारे पास बहुत बहुत कम प्रमाण उपलब्ध है. संभवतः उनकी शासन व्यवस्था व्यापारियों के एक वर्ग के हाथों में रही होगी. दूसरी तरह वैदिक काल में हमें एक सुदृढ़ राजनीतिक व्यवस्था की झलक मिलती है, जिसका केंद्र बिंदु राजा होता था. हालाँकि राजा के अधिकार सीमित थे एवं अधिकारीयों की संख्या अधिक नहीं थी फिर भी वंशागत उत्तराधिकार वैदिक काल के शासन का स्थापित स्वरूप था. ऋग्वैदिक काल में लोगों का जीवन सुव्यवस्थित नहीं था, राजा की शक्ति एवं आय सीमित थी. लेकिन उत्तर वैदिक काल में इनमें अप्रत्यासित रूप से वृद्धि हुयी, जब लोगों ने व्यवस्थित जीवन जीना आरम्भ किया. इस प्रकार राजनीतिक क्षेत्र में सिन्धु घाटी सभ्यता के ऊपर वैदिक सभ्यता की श्रेष्ठता स्थापित होती है.
प्रारंभिक वैदिक काल और उत्तर वैदिक काल के बीच अंतर
सामाजिक वर्ग और परिवार का स्वरूप-
सामाजिक क्षेत्र में सिन्धु वासियों के संदर्भ में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. सामान्यतः यह माना जाता है कि दो वर्ग रहे होंगे -धनिक वर्ग और मजदूर वर्ग. ऋग्वैदिक काल में मुख्यतः तीन वर्ग मौजूद थे- पुरोहित, राजन और सामान्य जन. आगे चलकर उत्तर वैदिक काल में ये तीन वर्ग चार वर्णों ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र के रूप में विकसित हो गये. पारिवारिक जीवन भी उन्नत था. परिवार का स्वरूप पितृसतात्मक था.
धार्मिक क्षेत्र-
धार्मिक क्षेत्र में दोनों सभ्यताओं के बीच विभिन्नताएं पूजा के स्वरूप एवं किसी विशेष देवता के महत्त्व के संदर्भ में पायी जाती है. खुदाई में प्राप्त मिटटी की विभिन्न मूर्तियों से यह ज्ञात होता है कि सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग अनेक देवी देवताओं की पूजा किया करते थे. पेड़-पौधों एवं पशुओं की भी पूजा होती थी. वैदिक काल में देवियों की पूजा गौण हो गयी, जिससे स्त्रियों की दशा का पता चलता है. ऋग्वैदिक काल में इंद्र सर्वश्रेष्ठ था तो उत्तर वैदिक काल में प्रजापति. वस्तुतः दोनों सभ्यताओं के लोगों ने भौतिक उदेश्यों की प्राप्ति हेतु ही देवी-देवताओं की आराधना की, जिससे एक सामान परम्परा का पता चलता है.
नरम दल और गरम दल क्या है? डालें इतिहास के पन्नों पर एक नजर
धार्मिक रीति-रिवाजों जिसमें से कुछ आज भी प्रचलित है-
सिन्धु घाटी काल के लोगों के धार्मिक रीति-रिवाजों में से कुछ आज भी प्रचलित है, जैसे पीपल के पेड़, सांड (नंदी), शिवलिंग आदि की पूजा. मांग में सिंदूर भरना, विवाहित हिन्दू स्त्रियों के लिए आज भी सुहाग का प्रतीक है. यह हड़प्पा काल से ही प्रचलन में है. हवन कुंडों के रूप में काम आने वाली अग्नि-वेदिकाएं सिन्धु घाटी सभ्यता एवं वैदिक दोनों सभ्यताओं का अभिन्न अंग थी.इस प्रकार सिन्धु घाटी एवं वैदिक सभ्यता के तुलनात्मक अध्ययन से अनेक समानताएं एवं असमानताएं स्पष्ट होती है.