Know About Copyright in India, जानिए भारत में कॉपीराइट से सम्बन्धित जानकारियों के बारे में

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Sat, 10 Sep 2022 11:30 PM IST

Highlights

भारत में कॉपीराइट की शुरुआत साल 1914 में भारतीय कॉपीराइट एक्ट के नाम से हुई थी. भारतीय कॉपीराइट एक्ट तब इंग्लैंड में चलने वाले अंग्रेजी कॉपीराइट एक्ट में मामूली से हेर फेर के साथ बना दिया गया था. आज़ादी के बाद देश में अपना एक संपूर्ण और स्वतन्त्र कॉपीराइट कानून की आवश्यता महसूस की गयी और तब भारतीय संसद के द्वारा कॉपीराइट एक्ट 1957 पास किया गया. इस कॉपीराइट एक्ट में समय समय पर संशोधन किया जाता रहा.
 

Source: Safalta.com

पूरी दुनिया की बात की जाए तो सबसे पहले वर्ष 1662 में ब्रिटिश संसद ने लाईसेंस ऑफ़ प्रेस एक्ट पारित किया था. प्रिंटिंग प्रेस और मशीनों के विकास ने इस अधिकार को दुनिया भर में पहुँचा दिया. और इस तरह दूसरे देशों में भी इस तरह के कानून बनने लगे. लेकिन यह कानून केवल अपने हीं देश में कॉपीराइट प्रोटेक्शन देने के लिए था दूसरे देश में किसी भी रचना की कितनी भी कॉपी बनाई जा सकती थी, बेचीं जा सकती थी और उसका किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता था. बाद में इस पर रोक लगाने के लिए विभिन्न देशों के बीच संधियाँ हुई और फिर जिसके बाद इस कानून को पूरी दुनिया में मान्यता दे दी गयी. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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भारत में कॉपीराइट

भारत में कॉपीराइट की शुरुआत साल 1914 में भारतीय कॉपीराइट एक्ट के नाम से हुई थी. भारतीय कॉपीराइट एक्ट तब इंग्लैंड में चलने वाले अंग्रेजी कॉपीराइट एक्ट में मामूली से हेर फेर के साथ बना दिया गया था. आज़ादी के बाद देश में अपना एक संपूर्ण और स्वतन्त्र कॉपीराइट कानून की आवश्यता महसूस की गयी और तब भारतीय संसद के द्वारा कॉपीराइट एक्ट 1957 पास किया गया. इस कॉपीराइट एक्ट में समय समय पर संशोधन किया जाता रहा.


कॉपीराइट का कानूनी अधिकार

कॉपीराइट एक तरह का कानूनी अधिकार है. यह अधिकार साहित्य, संगीत, फिल्मों, नाटक और कलात्मक कार्यों (पेंटिंग, फोटोग्राफी, कलाकृति) के क्रिएटर्स पर लागू होता है. परन्तु कई बार कॉपीराइट के तहत बिजनेस और स्टार्टअप को भी रजिस्टर्ड किया जाता है. यह इंस्ट्रक्शन मेन्यूअल, प्रोडक्ट लिटरेचर और यूजर्स गाइड से सम्बन्धित होता है.


कब माना जाता है कॉपीराइट का उल्लंघन ?

कंटेट, लेखन, गीत अथवा फिल्म आदि पर उसके क्रिएटर का पूरा का पूरा कानूनी अधिकार होता है. जब कोई आदमी ऐसे कंटेंट का पर्सनल इस्तेमाल करता है तो यह मान्य है, और ये कानूनी तौर पर जायज है परन्तु जब इसका कामर्शियल उद्देश्य के लिए इस्तेमाल और इसका प्रसार किया जाता है तो यह कॉपीराइट का उल्लंघन माना जाता है.
 

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कब नहीं है इजाजत की जररूत

किसी भी कंटेंट के निजी इस्तेमाल में इजाजत की जररूत नहीं है. जैसे कि किसी लेखन, शायरी, कविता आदि के कुछ अंश समीक्षा के उद्देश्य से लेख को समझाने के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा सकता है. किसी भी कंटेंट का प्राइवेट इस्तेमाल में उपयोग कॉपीराइट एक्ट की धारा 52 के तहत कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है.


कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन

कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन का फार्म भरने के लिए व्यक्ति को नाम, पता, राष्ट्रीयता आदि समेत अपने पर्सनल डिटेल्स के बारे में बताना होता है. इसी के साथ उसे यह भी घोषित करना होता है कि जिस चीज का कॉपीराइट वह कराना चाहता है वह उसका अपना है अथवा वह व्यक्ति आवेदक का प्रतिनिधि है.


कॉपीराइट की अवधि

साहित्य, संगीत, कलात्मक कार्य, नाटक आदि - क्रिएटर के जीवन पर्यंत. और मरने के 60 साल बाद तक.
सिनेमा, साउंड रिकार्डिंग, गर्वनमेंट वर्क, पब्लिकेशन अंडरटेकिंग, इंटरनेशनल एजेंसी - 60 साल. (वह कैलेंडर साल जब यह पहली बार जारी किया गया हो)
फोटोग्राफ - 60 साल (पहले प्रकाशन के बाद से)

 
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कॉपीराइट एक्ट में दोषी को सजा

कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन में दोषी व्यक्ति के लिए एक साल तक की सजा और आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है. किसी ने कॉपीराइट का उल्लंघन करके जितना प्रॉफिट कमाया है, उसी हिसाब से इसके लिए डैमेज क्लेम किया जाता है.