भाषा एवं बोली तथा इसकी मुख्य परिभाषाएं और अंतर Language and Dialect and its main definitions and differences

Safalta Experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 11 Sep 2021 12:01 PM IST

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Please fill the name
Please enter only 10 digit mobile number
Please select course
Please fill the email
Something went wrong!
Download App & Start Learning
भाषा की मुख्य परिभाषाएं निम्नलिखित है-
1. भाषा एक पद्धति है, यानी एक सुसंबद्ध और सुव्यवस्थित योजना या संघटन हैं, जिसमे कर्ता, कर्म, क्रिया आदि व्यवस्थित रूप में आ सकते है।

2. स्वीट के अनुसार- ध्वयनात्मक शब्दों द्वारा विचारों का प्रकट करना ही भाषा है।

3. ब्लॉक तथा ट्रेगर- भाषा यादृच्छिक भाष् प्रतीकों का तंत्र है जिसके द्वारा एक सामाजिक समूह सहयोग करता है।

4. प्लेटो ने सेफिस्ट में, विचार और भाषा के संबंध में लिखते हुआ कहा है कि विचार और भाषा में थोड़ा ही अंतर है। विचार आत्मा की मूक या अध्वन्यात्मक बातचीत है पर वही है,जब ध्वन्यात्मक होकर होठों पर प्रकट होती है तो उसे भाषा की संज्ञा देते है।

5. भाषा एक तरफ का चिन्ह है। चिन्ह का आशय उन प्रतीकों से है जिनके द्वारा मानव अपना विचार दूसरों पर प्रकट करता है। ये प्रतीक कई प्रकार के होते हैं जैसे- नेत्र ग्राहा, श्रोत ग्राहा और स्पर्श ग्राहा। वस्तुतः भाषा की दृष्टि से श्रोत ग्राहा प्रतीक ही सर्वश्रेष्ठ है।

6. इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका - भाषा को यादृच्छिक भाष् प्रतीकों का तंत्र है जिसके द्वारा मानव प्राणी एक सामाजिक समूह के सदस्य और सांस्कृतिक साझीदार के रूप में एक सामाजिक समूह के सदस्य संपर्क एवं संप्रेषण करते हैं।

7. भाषा यादृच्छिक संकेत है।

Source: India Today

प्रत्येक भाषा में किसी विशेष ध्वनि को किसी विशेष अर्थ का वाचक मान लिया जाता है। फिर वह उसी अर्थ के लिए रूढ़ हो जाता है। कहने का अर्थ यह है- कि वह परंपरानुसार उसी अर्थ का वाचक हो जाता है। दूसरी भाषा में उस अर्थ का वाचक कोई दूसरा शब्द होगा।


भाषा के रूप  (Forms of Language)-

भाषा दो रूपों या प्रकारों में प्रयुक्त होती है "मौखिक और लिखित"–

1. मौखिक रूप-  मौखिक भाषा ही भाषा का मूल रूप है और यह सबसे पुराना है। आमने सामने बैठे व्यक्ति परस्पर बातचीत करते है अथवा जब कोई व्यक्ति भाषण आदि द्वारा मनोभावों या विचारों को बोलकर प्रकट करते समय भाषा का मौखिक रूप का प्रयोग करते है। इस विधि को भाषा का मौखिक रूप कहते है।
उदाहरणार्थ- वार्तालाप, समाचार वाचन, वाद विवाद, गायन आदि। मौखिक भाषा अस्थायी होता है, इसे रिकॉर्ड करके स्थायी बनाया जा सकता है।

2. लिखित रूप-  जिन शब्दों को हम लिखकर प्रस्तुत करते है वह भाषा का लिखित रूप होता है। व्यक्ति  पत्र,पत्रिकाओं पुस्तक आदि में लेख   द्वारा अपने भाव और विचार प्रकट करते समय भाषा के लिखित रूप का प्रयोग करता है। भाषा का लिखित रूप ही भाषा को स्थायी बना सकता है।
लिखित और मौखिक का महत्व– यधापि चिंतन और चेतना प्रत्ययिक है। परंतु उन्हें व्यक्त करने वाली भाषा भौतिक है। यह इसीलिए कि मौखिक और लिखित भाषा को मनुष्य अपने संवेद अंगों, इंद्रियों से समझ सकता है। सामूहिक श्रम की प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न और विकसित भाषा चिंतन के विकास का एक महत्वपूर्ण साधन बन गयी। भाषा की बदौलत मनुष्य विगत पीढ़ियों द्वारा संचित अनुभव का इस्तेमाल कर सकता है। और अपने द्वारा पहले कभी ना देखी या महसूस की गई परिघटनाओं के संग्रहित ज्ञान से लाभ उठा  सकता है। भाषा का जन्म समाज में हुआ यह एक सामाजिक घटना है जो दो अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य पूरे करती है -
  1. चेतना की अभिव्यक्ति
  2. सूचना के संप्रेषण का।

भाषा के द्वारा ज्ञान को संग्रहित, संसाधित, और एक व्यक्ति से दूसरे को तथा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को अंतरित किया जाता है।
बोली (Dialect/Localisms) -

भाषा का वह रूप जिसे सीमित क्षेत्रों में बोला जाए, उसे बोली कहते है। कई बोलियां तथा उनके समान बातो से मिलकर  भाषा बनती है। भाषा का क्षेत्रीय रूप बोली कहलाती है। अर्थात- देश के विभिन्न भाग में बोली जानी वाली भाषा "बोली" कहलाती हैं। और किसी भी क्षेत्रीय बोली को लिखित रूप में स्थिर साहित्य वहा की भाषा कहलाती है!

« बोली व भाषा में बहुत गहरा संबंध है।»
  • भाषा का संबंध एक व्यक्ति से लेकर सम्पूर्ण विश्व श्रृष्टि तक है। व्यक्ति और समाज के बीच व्यवहार में आने वाली इस परंपरा से अर्जित संपत्ति के अनेक रूप है।
  • मनुष्य की चेतना का विकास का एक और प्रबल साधन उसकी भाषा है। यह चिंतन की प्रत्यक्ष वास्तविकता है।
  • विचार हमेशा शब्दों में व्यक्त किए जाते हैं, अतः यह कहा जा सकता है कि भाषा विचार की अभिव्यक्ति का रूप है। 

Free Demo Classes

Register here for Free Demo Classes

Trending Courses

Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-11)
Professional Certification Programme in Digital Marketing (Batch-11)

Now at just ₹ 49999 ₹ 9999950% off

Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-29)
Advanced Certification in Digital Marketing Online Programme (Batch-29)

Now at just ₹ 24999 ₹ 3599931% off

Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)
Advanced Certification in Digital Marketing Classroom Programme (Batch-3)

Now at just ₹ 29999 ₹ 9999970% off

Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!
Basic Digital Marketing Course (Batch-24): 50 Hours Live+ Recorded Classes!

Now at just ₹ 1499 ₹ 999985% off