उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उत्तर प्रदेश में पीईटी यानी प्रारंभिक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाता है। इस साल आयोजित होने वाली पीईटी परीक्षा के लिए अब गिनती के दिन बाकी रह गए हैं, हालांकि आपको बता दें पिछले महीने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 2022 में होने वाली पीईटी परीक्षा की नई परीक्षा तिथि जारी करी थी जिसके मुताबिक पीईटी परीक्षा का आयोजन 15 और 16 अक्टूबर को करवाया जाएगा पहले इस परीक्षा का आयोजन 18 सितंबर को होना था। परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की संख्या काफी ज्यादा होने के कारण आयोग ने यह फैसला लिया था।
गौरतलब है कि 1 महीने तक चले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में 37 लाख के करीब अभ्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन किया है। पीईटी पात्रता परीक्षा है जिसको पास करने वाले अभ्यार्थी उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की ग्रुप बी और ग्रुप सी भर्ती में शामिल होने के लिए कैंडिडेट पात्र माने जाते हैं।
यह परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की आयोग द्वारा जॉब गारंटी नहीं दी जाती है। तो चलिए जानते हैं किन खास नियमों के साथ होगी पीईटी परीक्षा। अगर आप भी इस साल होने वाले पीईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप हमारी एक्सपर्ट फैकेल्टी द्वारा बनाई गई
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किन खास नियमों के साथ होगी पीईटी परीक्षा?
पीईटी पात्रता परीक्षा है जिस वजह से परीक्षा में एक-एक अंक छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा, दरअसल ग्रुप बी और ग्रुप सी भर्तियों के लिए छात्रों को कटऑफ के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाता है। और परीक्षा का कट ऑफ भी अधिक रहेगा इसीलिए आपको पीईटी परीक्षा में हर एक प्रश्न का उत्तर बहुत सोच समझ कर देना होगा। उत्तर प्रदेश प्रारंभिक पात्रता परीक्षा पीईटी में नेगेटिव मार्किंग लागू की जाती है जिस वजह से छात्र अगर किसी भी प्रश्न का उत्तर गलत देते हैं तो उनके सही प्रश्न के भी अंक काट लिए जाते हैं। प्रत्येक 4 प्रश्न के गलत उत्तर देने पर छात्र का एक अंक काटा जाएगा।
यूपीएसएसएससी द्वारा जारी ऑफिशियल नोटिस के मुताबिक अगर छात्र को किसी प्रश्न का उत्तर नहीं आता है तो वह उस प्रश्न का उत्तर ना दे क्योंकि प्रश्न का उत्तर ना देने पर नेगेटिव मार्किंग लागू नहीं की जाती है। इसके अलावा इस बार परीक्षा का आयोजन एक से अधिक शिफ्ट में करवाया जाएगा और एक से अधिक शिफ्ट में आयोजित होने के कारण पीटी परीक्षा में नॉर्मलआईजेशन प्रोसेस लागू होगा। एक से अधिक शिफ्ट में आयोजित होने वाली परीक्षाओं के प्रश्नपत्र में समानता बनाए रखने के लिए नॉर्मलआईजेशन प्रोसेस लागू किया जाता है।