सीटीआर (CTR) दरअसल एक तरह का रेट है. और इसलिए इसे हमेशा प्रतिशत (%) में काउन्ट किया जाता है. इसके महत्व का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आपके ब्लॉग का सीटीआर (CTR) जितना अधिक होगा, ऐडसेंस से आपकी आय उतनी हीं अधिक होगी. आइए जानते हैं विस्तार से -
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क्या है सीटीआर (CTR)
सीटीआर का फुल फॉर्म है - क्लिक थ्रू रेट (Click Through Rate) यानि कि आपकी वेबसाइट पर जितने भी लोग विजिट करते हैं उसमें से किसी AD को देखने के लिए जितने लोग उस AD पर क्लिक करते हैं वह उसका सीटीआर (CTR) होता है. जिसे प्रतिशत (%) में काउन्ट किया जाता है. आमतौर पर अधिकतर ब्लॉगर्स के सीटीआर (CTR) 1.5% से 2.5% के आसपास होते हैं.कई ऐसे ब्लॉगर्स जिन्हें ब्लॉगिंग करते हुए अभी एक साल से कम वक्त हुआ है, सीटीआर (CTR) कम होने की शिकायत करते हैं. यह कोई बहुत बड़ी बात नहीं है, क्योंकि आमतौर पर शुरुआत में लगभग हरेक ब्लॉगर्स के साथ ऐसा होता है. तो अगर आप भी अपने सीटीआर (CTR) को इम्प्रूव करना चाहते हैं तो अपने ब्लॉग को निम्नलिखित तरीकों से व्यवस्थित करें -
रेस्पोंसिव डिज़ाइन -
थीम के द्वारा यह सुनिश्चित करें कि आपकी साइट, कंप्यूटर, टैबलेट और मोबाईल में अलग-अलग तरह से खुलता हो.
एडसेंस सीटीआर (CTR) बढ़ाने के तरीके
और आइए अब बात करते हैं सीटीआर (CTR) बढ़ाने के तरीकों पर. ये तरीके आपका अड़सेंस CTR बढ़ाने में मदद करेंगे -
1. ऐड प्लेसमेंट
ऐड लगाएँ. ब्लॉग में बहुत सारे स्थानों पर ऐड लगाए जा सकते हैं. आप चाहें तो हैडर यानि सबसे टॉप शीर्षणी में ऐड लगा सकते हैं, कंटेन्ट के बीच में ऐड लगा सकते हैं या फिर अगर आप चाहें तो सबसे नीचे की तरफ यानि फूटर में भी ऐड लगा सकते हैं.
- वैसे सीटीआर (CTR) बढ़ाने के लिहाज़ से अगर ऐड लगाने के सबसे बेस्ट प्लेस की बात की जाए तो यह हैडर यानि शीर्षणी के ठीक नीचे का स्थान है यानि कि कंटेन्ट शुरू होने से ठीक पहले की जगह. इससे होता यह है कि जब भी आपकी वेबसाइट लोड होती है तो यूजर को यह ऐड सबसे पहले दिखता है और इसलिए इसके क्लिक होने के चांसेज भी काफी ज्यादा रहते हैं.
- दूसरी बेस्ट जगह है कंटेन्ट के बीच में. यहाँ पर ऐड लगाने के भी काफी बढ़िया नतीजे रहते हैं. यहाँ आपको साइडबार में ऐड लगाना चाहिए.
- इसके अलावा अगर आप नीचे की तरफ यानि फूटर में ऐड लगाना चाहते हैं तो इसका आपको कुछ ख़ास एडवांटेज नहीं मिलता है.
एडवर्टिज़मेंट के प्रकार
- इन फीड ऐड - ये ऐड पोस्ट के बीच में दिखाई देते हैं.
- इन आर्टिकल ऐड - ये ऐड आर्टिकल के बीच में इस्तेमाल होते हैं.
- मल्टीप्लेक्स ऐड - जब एक ग्रिड में बहुत सारे ऐड होते हैं तो इसे मल्टीप्लेक्स ऐड कहते हैं.
- विग्निटी ऐड - यो वो ऐड हैं जो पूरी स्क्रीन को ढक देते हैं. इसे सबसे ज्यादा सीपीसी (CPC) देने वाला ऐड माना जाता है.
2. एडवर्टिज़मेंट की संख्या पर्याप्त रखें
- बहुत से लोग काफी कम संख्या में ऐड लगाते हैं, जिसकी वजह से उनका सीटीआर (CTR) कुछ खास नहीं बढ़ता. दरअसल आपको तकरीबन एक हज़ार वर्ड्स की पोस्ट पर कम से कम तीन से चार एडवर्टिज़मेंट जरूर लगाने चाहिए.
- वहीं इसके उलट कई बार लोग अपनी अर्निंग जल्दी से बढ़ाने की सोच कर बहुत ज्यादा की संख्या में एडवर्टिज़मेंट लगा देते हैं, यह सोच भी सही नहीं है.
- आपके क्लिक अगर आर्गेनिक तरीके से नहीं आ रहे तो आपकी सीपीसी (CPC) को ऐडसेंस डाउन कर देता है जिससे कि अधिक क्लिक के बावजूद भी आपकी इनकम नहीं बढ़ने पाती है.
- इसके अलावा बहुत अधिक क्लिक्स होने पर भी ऐडसेंस आपको हमेशा-हमेशा के लिए बैन कर सकता है.
- इसलिए आपको हमेशा हीं इनवैलिड तरीकों के इस्तेमाल से बचना चाहिए.
3. अपनी डिक्रीजिंग रेट को कम करें
आपको अपनी बॉउन्स रेट को अच्छा रखना चाहिए. बॉउन्स रेट का मतलब है कि यदि आपकी वेबसाइट पर 100 लोग आते हैं और उनमें से 80 लोग आपके पेज को पढ़कर वापिस चले जाते हैं यानि किसी दूसरे पेज पर नहीं जाते, तो आपका बाउन्स रेट 80% माना जाएगा. कहने का मतलब कि आपकी वेबसाइट पर लोग जितना ज्यादा समय बिताते हैं आपका सीटीआर (CTR) बढ़ने की संभावना उतनी हीं ज्यादा होती है. इसलिए ऐडसेंस से ज्यादा आय प्राप्त करने के लिए बाउन्स रेट कम करना, बेहद जरूरी है.
4. ऐडसेंस सीटीआर इम्प्रूवमेंट टूल्स
एज़िक (EZOIC) नाम के टूल की सहायता से भी आप अपनी वेबसाइट को एडसेंस के लिए ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से यह आपकी वेबसाइट को अच्छे ऐडसेंस के लिए ऑप्टिमाइज़ करता है.
5. कभी न करें ये गलतियाँ
- कभी भी लोगों से अपने ब्लॉग में ऐड के ऊपर क्लिक करने के लिए नहीं कहें और ना हीं खुद से कभी ऐसा करें क्योंकि इससे आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद हो सकता है.
- इमेज तथा ऐड को कभी भी साथ में पास पास नहीं लगाएँ.
- आपको बहुत ज्यादा टॉपिक्स के ऊपर पर ना लिख कर केवल कुछ चुनिंदा टॉपिक्स को हीं ब्लॉग में शामिल करना चाहिए.