भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव
Election of Vice President in India
उपराष्ट्रपति
1. निर्वाचन एक निर्वाचन मंडल द्वारा होता हैं , जोकि संसद के दोनों सदनों राज्यसभा तथा लोकसभा के सभी सदस्यों से मिलकर बनता है। इसमें विधान मंडल के सदस्य सम्मिलित नहीं होते।
2. निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति की एकल संक्रमणीय पद्धति द्वारा होता है।
3. भारत का नागरिक होना चाहिए।
4. 35 वर्ष की आयु पूरी हो चुकी हो।
5.
Source: live law
राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हीत होना चाहिए।6. राष्ट्रपति के ही समान व्यस्था है।
7. पदावधि पद ग्रहण करने की दिनांक से पांच वर्ष।
8. पांच वर्ष से पूर्व राष्ट्रपति को संबोधित लेख द्वारा अपना त्यागपत्र दे सकता है।
9. राज्यसभा के सदस्यों के बहुमत के संकल्प द्वारा, जिसे लोकसभा की अनुमति प्राप्त हो, हटाया जा सकता है।
10. उपराष्ट्रपति की कोई कार्य नहीं है, वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है तथा राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति के पद पर कार्य करता है।
11. राष्ट्रपति के रूप में 1,50, 000 तथा राज्य सभा के सभापति के रूप में 1,25,000वेतन है।
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भारत का उपराष्ट्रपति
- अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत के भारत के संविधान में एक उपराष्ट्रपति की व्यवस्था की गई है।
- अनुच्छेद 64 के तहत उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है और अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं कर सकता है।
- उपराष्ट्रपति दिल्ली विश्वविद्यालय का पदेन कुलपति होता है।
- राज्यसभा सदस्य नहीं होने के कारण उपराष्ट्रपति को मत देने का अधिकार नहीं है, किंतु सभापति के रूप में निर्णायक मत देने का अधिकार नहीं है।
- संविधान में उपराष्ट्रपति से संबंधित प्रावधान अमेरिका के संविधान से ग्रहण किया गया है।
- यदि राष्ट्रपति पद की रिक्तिता राष्ट्रपति की मृत्यु होने, महाभियोग संकल्प पारित होने, स्वयं पद त्याग देने से या पद से हटाए जाने, राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्य करने की असमर्थता व्यक्त करने आदि के कारण हुई है तब उपराष्ट्रपति अनुच्छेद 65 (1) के अनुसार राष्ट्रपति का पद ग्रहण कर लेता है और अनुच्छेद 65 (3) के अनुसार नए राष्ट्रपति के चयन तक पद पर बना रहता है। ऐसे स्थिति में अधिक से अधिक छः माह के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव करवाना होगा तथा इस दौरान उपराष्ट्रपति को वे सभी वेतन, भत्ते एवं उन्मुक्तियां उपलब्ध होती हैं। जो राष्ट्रपति को प्राप्त होती है।
1) भारत का नागरिक हो।
2) 35वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
3) राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने योग्य हो
4) निर्वाचन के समय किसी भी प्रकार के लाभ पद पर न हों।
5) वह संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं हो सकता और यदि ऐसा व्यक्ति उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है, तो यह समझा जायेगा कि उसने उस सदन का अपना स्थान अपने पद ग्रहण करने की तारीख से रिक्त कर दिया है।
6) उपराष्ट्रपति को अपना पद ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेनी पड़ती हैं