Short Term Courses, क्या होते हैं शॉर्ट टर्म कोर्सेज ? जाने किस प्रकार आप शॉर्ट कोर्स करके अपना करियर बना सकते हैं

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Mon, 08 Aug 2022 06:34 PM IST

Highlights

इनका मुख्य मकसद कम समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा स्किल्स और जॉब ओरिएंटेशन प्रदान करना है. आज कल इन कोर्सेज की माँग काफी बढ़ गयी है.

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जैसा कि नाम से हीं स्पष्ट है शॉर्ट टर्म कोर्स यानि की छोटी समयावधि के लिए जो कोर्सेज कराए जाते हैं उन्हें हीं शॉर्ट टर्म कोर्सेज कहते हैं. इन कोर्सेज का टाइम ड्यूरेशन 2 महीने, 3 महीने, 6 महीने, 1 वर्ष या 2 वर्ष का होता है. इन कोर्सेज में सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स इत्यादि प्रमुख हैं. ये कोर्स डिग्री कोर्स से कम समयावधि के होते हैं. इनका मुख्य मकसद कम समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा स्किल्स और जॉब ओरिएंटेशन प्रदान करना है. आज कल इन कोर्सेज की माँग काफी बढ़ गयी है. लोग डिग्री कोर्स करने के बजाय पहले शॉर्ट टर्म कोर्स करके भविष्य के अपने करियर प्रोफाइल को पहले हीं एक बेहतर आउटलुक दे देते हैं. इन कोर्सेज को करने से कई नए अवसरों के दरवाज़े भी स्वतः खुल जाते हैं. आजकल भारत के साथ-साथ विदेश की भी बहुत सारी यूनिवर्सिटीज शॉर्ट टर्म कोर्सेज ऑफर करने लगीं हैं. अब अधिकांश कोर्सेज ऑनलाइन भी मौजूद हैं जिन्हें लोग अपनी सुविधा अनुसार चुन सकते हैं.  ग्राफिक डिजाइनिंग में अपना करियर बनाने के लिए आप हमारे  Graphic Designing Courses को भी ज्वाइन कर सकते हैं.   

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शॉर्ट टर्म कोर्सेज के लिए योग्यता

  • शॉर्ट टर्म कोर्सेज के लिए क्या योग्यता होगी ये मुख्यतः इस बात पर निर्भर करता है कि आप इन कोर्सेज को किस समय परस्यू करना चाहते हैं. आप शॉर्ट टर्म कोर्स 10वीं के बाद, 12वीं के बाद, ग्रेजुएशन के बाद, या कोई नौकरी करते हुए अपनी स्किल डेवलपमेंट करने के लिए भी ज्वाइन कर सकते हैं.
  • अगर आप 10वीं के बाद कोई शॉर्ट टर्म कोर्स ज्वाइन करने का सोच रहे हैं तो आपका किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है.
  • अगर आप 12वीं के बाद कोई शॉर्ट टर्म कोर्स ज्वाइन करना चाह रहे हैं तो आपका किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है.
  • ठीक इसी तरह ग्रेजुएशन के बाद कोर्स ज्वाइन करने के लिए  किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में प्रथम श्रेणी से ग्रेजुएट होना अनिवार्य होगा.
  • किसी भी कोर्स को ज्वाइन करने के पहले प्रवेश शुल्क के रूप में निश्चित की गयी राशि का भुगतान करना आवश्यक होता है. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों हीं तरह के कोर्सेज के लिए एक प्रवेश शुल्क देना होता है.
  • अगर आप विदेश की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के इच्छुक हैं तो इसके लिए आपको IELTS या TOEFL के टेस्ट स्कोरकार्ड प्रमाण के रूप में जमा करने होंगे. अंग्रेजी भाषा में दक्षता को प्रमाणित करने के लिए यह अनिवार्य होता है.
  • इसके अलावा विदेशी यूनिवर्सिटी में पढने के लिए आपको अपनी सीवी या रिज्यूमे, पोर्टफोलियो, SOP इत्यादि भी जमा करवाना पड़ता है.        


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आवेदन प्रक्रिया        

भारतीय यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए –

  • सबसे पहले तो आपको अपनी पसंद की यूनिवर्सिटी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा.
  • रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत प्राप्त यूजर आईडी और पासवर्ड को अपने पास संभल कर रख लें
  • उसी यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए वेबसाइट पर साइन इन करें
  • अपनी पसंद का कोर्स चुनें
  • कोर्स चुनने के उपरांत अब फॉर्म भरें और सबमिट करें
  • इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान करें
  • यदि यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने के पहले प्रवेश परीक्षा लेने का प्रावधान है तो इसके लिए रजिस्टर करें
  • परीक्षा के बाद आपकी काउंसलिंग होगी और प्राप्त अंकों के आधार पर आपको नामांकन के लिए चुना जायेगा

विदेशीय यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए

  • बाकि सारे स्टेप्स भारतीय यूनिवर्सिटी में प्रवेश वाले हीं रहेंगे बस इसके लिए आपको IELTS या TOEFL टेस्ट देने होंगे और उसका स्कोरकार्ड भी सबमिट करना होगा.
  • इसके अलावा आपको अपनी सीवी या रिज्यूमे, पोर्टफोलियो, SOP इत्यादि भी जमा करवाना होगा.
  • आपको छात्र वीजा, छात्रवृति/एजुकेशनल लोन इत्यादि की आवेदन प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी.
  • प्रस्ताव पत्र मिलने के पश्चात आपको कोर्स फीस का भुगतान करना होगा.