क्या हैं डिजिटल मार्केटिंग के 5C
हम ऐसा कह सकते हैं कि डिजिटल मार्केटिंग के 5C दरअसल ऐसे की-एलिमेंट्स हैं जो कि कंपनी और उपभोगता के बीच में एक बेहद हीं अच्छा रिलेशनशिप बना रहे इसके लिए एक जादू की तरह काम करते हैं. आइये पहले जानते हैं डिजिटल मार्केटिंग के इन 5C के नाम क्या हैं- कंटेंट
- क्रिएटिविटी
- कंसिस्टेंसी
- कम्युनिकेशन
- क्लाइंट कस्टमाइजेशन
कैसे काम करते हैं डिजिटल मार्केटिंग के 5C
कंटेंट – डिजिटल मार्केटिंग का पहला सी (C) है कंटेंट. आजकल आप कोई प्रोडक्ट या सर्विस लांच करने के बाद सिर्फ एडवरटाइजिंग में इन्वेस्ट करके निश्चिंत नहीं हो सकते. आपको नियमित रूप से अपने प्रोडक्ट या सर्विस से सम्बंधित वेबसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट पर नए नए और रोचक कंटेंट शेयर करने होते है. जितने ज्यादा इंगेजिंग आपके कंटेंट होंगे उतना हीं आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक बढेगा और उतना हीं आप कस्टमर्स के बीच लोकप्रिय होंगे.क्रिएटिविटी - डिजिटल मार्केटिंग का दूसरा सी (C) है क्रिएटिविटी. क्रिएटिविटी वैसे तो हमेशा से हीं मार्केटिंग के क्षेत्र में पसंद की जाती रही है लेकिन जैसे-जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ा है क्रिएटिविटी पर लोगों का ध्यान ज्यादा जाने लगा है. कंटेंट जितना क्रिएटिव होता है उतना हीं लोगों द्वारा पसंद किया जाता है. अब कंटेंट की क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए कई तरह के ऐप्स भी आसानी से इन्टरनेट पर उपलब्ध हैं. कई ऐप्स तो बिना किसी शुल्क के भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं.
कंसिस्टेंसी – डिजिटल मार्केटिंग का तीसरा सी (C) है कंसिस्टेंसी. निरंतरता सफ़लता की कुंजी है यह तो हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं. डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में भी ये बात सर्वथा सत्य है. आपको निरंतरता यानि कि कंसिस्टेंसी बनाये रखनी है. अपनी सहूलियत को ध्यान में रखते हुए आपको एक शेड्यूल बनाना होगा. जैसे कि आप हर दिन एक क्रिएटिव कंटेंट पोस्ट करना चाहते हैं या फ़िर हफ्ते में एक बार या महीने में एक बार. लेकिन आपको अपने शेड्यूल को पूरी तत्परता से फौलो करना होगा. अगर आप हफ्ते में एक क्रिएटिव कंटेंट पोस्ट करना चाहते हैं तो हर हफ्ते नियत समय पर एक पोस्ट करें. इससे कंसिस्टेंसी बनी रहेगी और लोगों को एक शेड्यूल के मुताबिक आपके कंटेंट मिलते रहेंगे जिससे इंगेजमेंट बनी रहेगी.
कम्युनिकेशन – अब चौथे सी (C) की बात करें तो ये है कम्युनिकेशन. कम्युनिकेशन के बारे में भी कहते हैं कि कम्युनिकेशन इज दी की और कस्टमर रिलेशनशिप तो मार्केटिंग का सबसे जरुरी भाग है. तो कंपनी क्लाइंट और एम्प्लोयीस के बीच का कम्युनिकेशन हमेशा बना रहना चाहिए.
क्लाइंट कस्टमाइजेशन – डिजिटल मार्केटिंग का पाँचवां और आखिरी सी (C) है क्लाइंट कस्टमाइजेशन. कस्टमर्स किसी भी बिज़नस के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. अगर कस्टमर्स नहीं होंगे तो बिज़नस हीं नहीं होगा. इसलिए कस्टमर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कस्टमाइजेशन की सुविधा उपलब्ध कराना भी एक काफी महत्वपूर्ण स्टेप है. अगर उपभोगता खुश रहेंगे तो बेशक बिज़नस भी तरक्की करेगा.