What is Customer Relationship Management जानें क्या होता है कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट ?

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Wed, 24 Aug 2022 11:17 PM IST

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किसी भी बिज़नस के लिए अपने कस्टमर्स से हमेशा जुड़े रहना काफी जरूरी होता है. और इसी काम आता है कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट. तो आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट की. कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट क्या होता है और इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है ये जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें. 

Source: Safalta.com

दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हीं हैं कि कोई भी बिज़नस ग्राहकों या उपभोगताओं के बिना किसी काम का नहीं होता. जब कस्टमर्स नहीं होंगे तो बिज़नस भी नहीं होगा. यानि किसी भी बिज़नस के लिए अगर सबसे महत्वपूर्ण कुछ है तो वो हैं कस्टमर्स. इसी सन्दर्भ में बात आती है कस्टमर रिलेशन की. किसी भी बिज़नस के लिए अपने कस्टमर्स से हमेशा जुड़े रहना काफी जरूरी होता है. और इसी काम आता है कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट. तो आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट की. कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट क्या होता है और इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है ये जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें. 


क्या होता है कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट

कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट दरअसल एक प्रकार प्रकार का सॉफ्टवेयर है. इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग मैनेजमेंट के पर्पस से किया जाता है. कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट को आम तौर पर सीआरएम कहते हैं. सीआरएम यानि कि कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट का काम होता है बिज़नस से जुड़े हुए कस्टमर्स से सम्बंधित सारी जानकारियों को एक व्यवस्थित रूप से संभाल कर रखना. सीआरएम एक सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस होता है जिसमें कि कस्टमर्स से जुड़ी सारी जानकारियाँ जैसे कि उनका नाम, नंबर, ईमेल, पता, उनकी खरीदारी की हिस्ट्री इत्यादि सब कुछ का डेटा सेव होता है. समय-समय पर इन डेटा को अपडेट भी किया जाता है. इन्हीं डेटा के आधार पर उस बिज़नस से जुड़ी हुई सेल्स टीम अपना काम करती है और सही समय पर सही कस्टमर को सही प्रोडक्ट उपलब्ध कराने में सफल हो पाती है.  


कैसे काम करता है सीआरएम     

इतना तो हम समझ चुके हैं कि सीआरएम (कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट) सॉफ्टवेयर में कस्टमर्स से सम्बंधित जानकारियाँ इकट्ठी रहती हैं. लेकिन यह सब सीधे से एक बार में नहीं हो जाता बल्कि स्टेप बाय स्टेप होता है. जैसे कि पहला स्टेप है लीड जनरेशन का, फ़िर दूसरा स्टेप प्रोडक्ट/सर्विस सेल का, इसके बाद का स्टेप होता है आफ्टर सेल प्रोसेस, फीडबैक इत्यादि. इन सभी स्टेप्स के दौरान कस्टमर्स के बारे में जो भी जानकारियाँ मिलती हैं उन्हें सीआरएम (कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट) में सेव कर दिया जाता है. इस प्रकार सीआरएम यानि कि कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर में कस्टमर्स का एक सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस बनकर तैयार हो जाता है. 


कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट इस्तेमाल करने के फायदे 

कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि आप काफी आसानी से अपने कस्टमर्स से लॉन्ग टर्म के लिए अच्छे सम्बन्ध बना कर रख सकते हैं. अन्य फायदों की बात करें तो कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट यानि कि सीआरएम को इस्तेमाल करने के अन्य फायदे निम्नलिखित हैं

•    बिज़नस से सम्बंधित जानकारियाँ चाहे कितनी भी व्यापक स्तर की हों उनको एक स्थान पर व्यवस्थित करके रख पाना.
•    सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस होने की वजह से सम्पूर्ण बिज़नस पर आराम से नज़र रख पाना.
•    जब सभी डेटा व्यवस्थित होंगे तो बिज़नस के प्रोसेस में कोई रूकावट नहीं आएगी जिसके परिणामस्वरूप एक फ्लो मेन्टेन होगा और सेल एवं प्रॉफिट में बढ़ोतरी होगी. 
•    बिज़नस में सीआरएम का प्रयोग कंपनी के अन्दर टीम वर्क को भी बूस्ट करता है. और यह भविष्य में बिज़नस के लिए काफी अच्छा साबित होता है.