Hiroshima Day, जब विज्ञान के आतंक से काँप उठी थी धरती, जानिए कब और क्यों मनाया जाता है हिरोशिमा डे

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Mon, 01 Aug 2022 02:13 PM IST

Highlights

आज से 77 साल पहले जापान के हिरोशिमा नामक शहर पर अमेरिकी वायु सेना द्वारा परमाणु बम गिराया गया था. 20 हज़ार टन की क्षमता वाले इस बम का नाम “लिटिल बॉय” था. इस बम धमाके में 20,000 से अधिक सैनिक और तकरीबन डेढ़ लाख सामान्य नागरिकों की जान चली गई थी.

Source: safalta

Hiroshima Day- 6 अगस्त 1945 का दिन मानव इतिहास में दर्ज़ सबसे काले पन्नों में से एक है. इस दिन मानवता को शर्मसार करने वाली एक ऐसी त्रासदी हुई थी जिसने ना केवल लाखों लोगों की जान ले ली बल्कि इस बेरहम परमाणु धमाके के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुए तीव्र विकिरण और ऊष्मा के संपर्क में आने के कारण आने वाले कितने हीं वक्त तक वहां की मिट्टी की प्रकृति और स्वरुप भी अपनी दयनीय विकृत अवस्था को ढोती रही थी. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / Advance GK Ebook-Free Download
July Month Current Affairs Magazine DOWNLOAD NOW 
 

क्या हुआ था

आज से 77 साल पहले जापान के हिरोशिमा नामक शहर पर अमेरिकी वायु सेना द्वारा परमाणु बम गिराया गया था. 20 हज़ार टन की क्षमता वाले इस बम का नाम “लिटिल बॉय” था. इस बम धमाके में 20,000 से अधिक सैनिक और तकरीबन डेढ़ लाख सामान्य नागरिकों की जान चली गई थी. हिरोशिमा पर किए गए इस परमाणु हमले का मुख्य उद्देश्य अमेरिका के नौसेनिक बेस पर्ल हार्बर पर हुए हमले का बदला लेना था. गौरतलब है कि 8 दिसम्बर 1941 को जापानी नौसेना ने अमेरिका के नौसेनिक बेस “पर्ल हार्बर” पर हमला किया था. जिसके बाद अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध का ऐलान कर दिया था. अमेरिकी वायु सेना ने 6 अगस्त को जापान के हिरोशिमा पर और इसके ठीक तीन दिन बाद 9 अगस्त को जापान के हीं शहर नागासाकी पर परमाणु बम गिरा दिए थे.

History of Galwan Valley : क्या है गलवान घाटी का इतिहास, देखें यहाँ
Battle of Haifa, क्या है हाइफ़ा की लड़ाई ? जानें कैसे भारतीय जवानों ने इज़राइल के शहर को आज़ाद कराया था
Who are Marcos Commando : जानिये कौन होते हैं मार्कोस कमांडो
 

किन शहरों को चुना गया था

अमेरिका ने जापान पर बम गिराने के लिए बाकायदा एक सूची तैयार की थी. इस सूची में जापान के उन चार शहरों के नाम थे जिनमें से दो पर परमाणु बम गिराया जाना था. ये चार शहर थे - हिरोशिमा, क्योटो, निईगाता और कोकूरा. हालांकि नागासाकी का नाम इस सूची में शामिल नहीं था लेकिन तत्कालीन अमेरिकी युद्धमंत्री स्टिम्सन के कहने पर क्योटो का नाम हटाकर नागासाकी को इन संभावित शहरों की सूची में जोड़ दिया गया. अगर हिरोशिमा की बात करें तो हिरोशिमा शहर जापान का सातवाँ सबसे बड़ा शहर था. साथ हीं जापान की सैन्य आपूर्ति सम्बन्धित सबसे बड़ा भण्डार गृह भी तब हिरोशिमा में हीं था.
 
सामान्य हिंदी ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
पर्यावरण ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
खेल ई-बुक - फ्री  डाउनलोड करें  
साइंस ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
अर्थव्यवस्था ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
भारतीय इतिहास ई-बुक -  फ्री  डाउनलोड करें  
 

10 लाख सेल्शियस हो गया था तापमान

6 अगस्त की सुबह तकरीबन 8 बजकर 16 मिनट पर जमीन के लगभग 600 मीटर ऊपर यह मानवता का कलंक “लिटिल बॉय” फटा था. यह एक यूरेनियम का बना हुआ परमाणु बम था. बम फटने के चंद सेकंड के अन्दर हीं हिरोशिमा शहर का 80 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा नेस्तनाबूद हो गया था. इस बम धमाके के कारण वहां का तापमान 10 लाख सेल्शियस हो गया था जिस वजह से देखते हीं देखते सब कुछ भाप बन गया था, यहाँ तक कि मरने वालों की हड्डियाँ तक भाप बन गई थीं. इस इलाके में करीबन 76,000 घर थे जिनमें से 70,000 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए. 20 हज़ार टन की क्षमता वाले इस बम से निकले तीव्र विकिरण के कारण इस हमले के कई वर्ष गुज़र जाने के पश्चात भी यहाँ पर लोग अपंग पैदा होते रहे. इस बम धमाके के बाद आसमान में सैंकड़ों मीटर तक मशरूम क्लाउड बन गए थे जिसकी वजह से हवा से ऑक्सीजन पूरी तरह समाप्त हो गई थी. और कुछ गिने-चुने हुए लोग जो बम धमाके से बच गए थे उनकी साँस ना ले पाने के कारण मौत हो गई.