Cancer no longer Incurable: कैंसर अब लाइलाज नहीं, डॉस्टर्लिमाब ने ट्रायल पीरियड में सभी रोगियों को स्वस्थ किया

Vivek Sharma

8+ Years of industry experience in Technology. He has worked with many tech companies as Frontend Developer. He has been associated many projects in various companies based on Frontend Development.

Source: Safalta

पहली बार कोई दवाई कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर काम कर गयी है. जी हाँ, डॉस्टर्लिमाब नामक इस दवा ने अपने ट्रायल पीरियड में सभी (जिन मरीजों के ऊपर इस दवा का प्रयोग किया जा रहा था) कैंसर पीड़ित मरीजों को ठीक कर दिया है. मेनहट्टन, न्यूयॉर्क के मेमोरियल स्लोअन कीट्टीरिंग कैंसर सेंटर में एक क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा था. जहाँ कैंसर के 18 मरीजों को 6 महीने से डॉस्टर्लिमाब नाम की दवाई दी जा रही थी. इस परीक्षण के परिणाम हैरतअंगेज थे, इन सभी मरीजों का कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया. ये सभी मरीज रेक्टल कैंसर से पीड़ित थे. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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हैरतअंगेज परिणाम -

इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई दवा कैंसर जैसे रोग को 100% विनष्ट कर दे. हालांकि यह परीक्षण बहुत छोटे पैमाने पर किया गया था लेकिन इससे दुनियां को एक उम्मीद तो जरुर मिली है कि जल्द हीं हम लोग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाने में सक्षम हो सकेंगे.  

डॉस्टर्लिमाब नाम की इस दवाई के अन्दर लेबोरेटरी में बने हुए कुछ ख़ास मोलिक्यूल्स होते हैं जो मानव शरीर में जाने के बाद एंटीबाडी का काम करने लगते हैं. बता दें कि, कैंसर के रोगियों के शरीर में एंटीबाडी बननी ख़त्म हो जाती है, जिस कारण उनके अन्दर की इम्युनिटी भी ख़त्म हो जाती है. इम्युनिटी ख़त्म हो जाने की वजह से इन मरीजों में जल्दी जल्दी बीमारियाँ होने लगती हैं और ये बीमारियाँ जल्दी से ठीक भी नहीं होतीं हैं.

जिन 18 मरीजों को डॉस्टर्लिमाब के डोजेज दिए गए उनमें कारसीनोजेनिक सेल्स केवल रेक्टम तक हीं सीमित थी और शरीर के बाकी हिस्सों में नहीं फैली थी. इन मरीजों को 3 हफ्ते से लेकर 6 महीने तक ये दवाई दी गयी थी. कैंसर विशेषज्ञ इस शोध को बहुत आशाजनक मान रहे हैं, हालाँकि यह दवाई बाकी मरीजों पर काम करेगी या नहीं इस बात की जानकारी के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण करने की आवश्यकता है.
 

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किसी चमत्कार से कम नहीं

जिन 18 मरीजों को ये दवाई दी गयी समय समय पर उनका फिजिकल एग्जामिनेशन, एमआरआई और PET स्कैन किया जाता था. कैंसर पेशेंट को कई तरह की सर्जरी, कीमोथेरेपी तथा रेडीएशन जैसे बहुत से दर्द भरे एग्जामिनेशन से गुजरना पड़ता है, रेक्टल कैंसर के पेशेंट को कोलोस्टोमी बैग का इस्तेमाल करना पड़ता है साथ हीं इन्हें पेट में दर्द और यूरिन सम्बन्धी  प्रोब्लम्स का सामना भी करना पड़ता है. विशेषज्ञों के अनुसार इस दवा (डॉस्टर्लिमाब) से कैंसर मरीजों का ठीक हो जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है. दूसरी तरफ इस शोध के परिणाम आने के बाद चिकित्सा जगत में हलचल मच गयी है.
 
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इतिहास में पहली बार -
न्यूयॉर्क के मेमोरियल स्लोअन कीट्टीरिंग कैंसर सेंटर के एक विशेषज्ञ का ये कहना है कि कैंसर से सम्बन्धित इतिहास में यह पहली बार है कि जब कैंसर को पूरी तरह से ख़त्म कर पाना संभव हो सका है. आगे उन्होंने ये कहा कि यह शोध बस - ''Tip of the iceberg'' है.. इसके आगे अभी अपार संभावनाएँ हैं. अब इस बात को लेकर परीक्षण करना है कि इसी तरह के मेथड को इस्तेमाल करके दूसरे कैंसर पेशेंट्स को भी ठीक किया जा सकता है कि नहीं..