जानें क्या है ग्रीन बॉन्ड योजना, जिसका बजट में रखा गया है प्रस्ताव
ग्रीन बॉन्ड के फ्रेमवर्क के बारे में
केंद्र सरकार ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से 16000 करोड़ रुपए जुटा सकती है और इस फाइनेंशियल ईयर की दूसरी छमाही यानी मई-जून के महिने में ग्रीन बांड जारी भी किया जा सकता है। ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए इस बॉन्ड की अवधि लंबी हो सकती है, वित्त मंत्रालय के अनुसार यह फ्रेमवर्क 2021 में ग्लासगो में cop26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन पंचामृत के अंतर्गत भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। साल 2022 - 2023 के लिए बजट बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए रिसोर्सेज एकत्र करने की बात कही थी। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
ग्रीन बॉन्ड के बारे में
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड ऐसे फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट्स है जो एनवायरमेंटल रूप से टिकाउ और क्लाइमेट सूटेबल प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट के लिए धन इकट्ठा करते हैं। सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड नियमित बॉन्ड की तुलना में पूंजी की अपेक्षाकृत लागत को कम करती है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत का पहला सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड तैयार किया गया है और इसके ढांचे के प्रावधानों के मुताबिक ग्रीन बॉन्ड जारी करने पर महत्वपूर्ण फैसले को मान्य करने के लिए ग्रीन फाइनेंस वर्किंग कमेटी (GFWC) का गठन किया गया था। नॉर्वे की सिसरो को भारत के ग्रीन बॉन्ड के ढांचे का इवैल्यूएशन करने के लिए सिलेक्ट किया गया था। सिसरो ने अच्छे अंक के साथ भारत को ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क को मीडियम ग्रीन का दर्जा दिया है। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
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