Current Affairs Ebook Free PDF: DOWNLOAD NOW |
पांडिचेरी और फ़्रांसिसी वाणिज्यिक विकास –
1674 ई. में, फ्रांसिसियों ने बीजापुर के सुल्तान से पांडिचेरी नामक एक गांव प्राप्त किया और उस पर एक संपन्न शहर की स्थापना की जो कि बाद में भारत में, फ्रांसिसियों का मुख्य गढ़ बन गया. समय बीतने के साथ फ्रांसिसी ईस्ट इंडिया कंपनी ने माहे, कराईकल, बालासोर और कासिम बाजार में अपने व्यापारिक क्षेत्र विकसित किए. फ्रांसीसी मुख्य रूप से व्यापार और वाणिज्य के उद्देश्य से भारत आए थे. उनके आगमन से 1741 ई. तक, अंग्रेजों की तरह फ्रांसीसियों के भी उद्देश्य विशुद्ध रूप से व्यावसायिक थे. फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1723 ईस्वी में यनम, 1725 ईस्वी में मालाबार तट पर माहे और 1739 ईस्वी में कराईकल पर अधिकार कर लिया.
जानें एक्सिस और सेंट्रल पॉवर्स क्या है व इनमें क्या अंतर हैं
मुस्लिम लीग की स्थापना के पीछे का इतिहास एवं इसके उदेश्य
भारत में डचों के उदय का इतिहास और उनके पतन के मुख्य कारण
फ्रांसिसियों का राजनीतिक मकसद और महत्वाकांक्षा –
जैसे-जैसे समय बीतता गया, फ्रांसीसियों के उद्देश्यों में बदलाव आया और वे भारत को अपनी कॉलोनी मानने लगे. 1741 ईस्वी में फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर के रूप में जोसेफ फ्रेंकोइस डुप्लेक्स की नियुक्ति इस दिशा में उनका पहला कदम था. डुप्लेक्स बेहद प्रतिभाशाली था. उसने स्थानीय शासकों के बीच प्रतिद्वंद्विता का फायदा उठाया और इसे भारत में फ्रांसीसी साम्राज्य स्थापित करने के लिए ईश्वर द्वारा भेजे गए अवसर के रूप में देखा. वह उत्कृष्ट स्तर का कूटनीतिज्ञ था, जिसने उसे भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में सम्मानजनक स्थान दिलाया. लेकिन अंग्रेजों ने डुप्लेक्स और फ्रांसीसियों को चुनौती दी और बाद में दोनों शक्तियों का आमना-सामना हुआ. मार्क्विस डी बुसी-कास्टेलनौ के तहत डुप्लेक्स की सेना ने हैदराबाद और केप कोमोरिन के बीच के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया. रॉबर्ट क्लिविया - एक ब्रिटिश अधिकारी - 1744 ईस्वी में भारत आया, और निर्णायक रूप से डुप्लेक्स को हराया. इस हार के बाद 1754 ई. में डुप्लेक्स को फ्रांस वापस बुला लिया गया था.
सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए हिस्ट्री ई बुक- Download Now
फ़्रांसीसी कुछ क्षेत्रों तक सीमित –
लैली-टोलेंडल, जिन्हें फ्रांसीसी सरकार द्वारा भारत से अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए भेजा गया था, को कुछ प्रारंभिक सफलता मिली, खासकर तब जब उन्होंने 1758 ई. में अंग्रेजों से कडलोर के फोर्ट सेंट डेविड को छीन लिया. लेकिन अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच हुए 1760 के वांडीवाश के युद्ध ने फ्रांसीसियों की कमर तोड़ दी क्योंकि उन्हें अपने हैदराबाद क्षेत्र को छोड़ना पड़ा. इसके बादअंग्रेजों ने पांडिचेरी की घेराबंदी कर ली. 1761 ई. में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को नष्ट कर दिया. इस प्रकार फ्रांसीसियों ने दक्षिण भारत में अपनी पकड़ खो दी. बाद में, 1763 ई. के ब्रिटेन के साथ की संधि के प्रावधानों के अनुसार, पांडिचेरी को 1765 ई. में फ्रांस को लौटा दिया गया था. बाबरी मस्जिद की समयरेखा- बनने से लेकर विध्वंस तक, राम जन्मभूमि के बारे में सब कुछ
जाने क्या था खिलाफ़त आन्दोलन – कारण और परिणाम
2021 का ग्रेट रेसिग्नेशन क्या है और ऐसा क्यों हुआ, कारण और परिणाम
जानिए मराठा प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी
क्या आप जानते हैं 1857 के विद्रोह विद्रोह की शुरुआत कैसे हुई थी