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बाद में सीएसआईआर-राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए, सिंह ने कहा कि ज्ञान अर्थव्यवस्थाओं के युग में 'बिग अर्थ डेटा' रणनीतिक उच्च आधार पर है और भारत इस नई सीमा का पूरी तरह से दोहन कर रहा है, विज्ञान पृथ्वी की उन्नति में योगदान दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भूविज्ञान नए भारत में आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके साथ उन्होंने बताया ''रचनात्मक नवाचार के साथ मिश्रित विज्ञान आम आदमी के लिए जीवन की सुगमता लाता है, और वैज्ञानिकों को आम जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए लीक से हटकर सोच को अपनाना चाहिए। वैज्ञानिकों से समाज की अपेक्षाएं लगातार बढ़ रही हैं और वैज्ञानिकों को सर्वोत्तम विज्ञान और प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने में निरंतर शामिल होना चाहिए।
डेली करंट अफेयर 2021 (Daily Current Affairs 2021): 6 जनवरी
सीएसआईआर-एनजीआरआई के संदर्भ में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहां कि भविष्य के अनुसंधान प्रयासों को गहरे-पृथ्वी और निकट-सतह अन्वेषणों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी की संरचना और गतिशीलता को आकार देने के लिए जिम्मेदार प्रक्रियाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। सिंह ने आशा व्यक्त की कि अपने चार्टर्ड विजन और मिशन के साथ, सीएसआईआर-एनजीआरआई आने वाले वर्षों में राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस अवसर पर सीएसआईआर-एनजीआरआई के निदेशक वी.एम. तिवारी ने संस्थान की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया, जबकि सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर सी. मांडे ने भी सभा को संबोधित किया।