भारत करेगा शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता
साल 2022 में हुए उज्बेकिस्तान के समरकंद के एससीओ में भारत को अध्यक्षता मिली थी। आने वाले साल 2023 में भारत एससीओ की अध्यक्षता करने वाला है जिसमें अध्यक्ष सहित सदस्य देश के नेता शामिल होंगे । भारत में होने वाला एससीओ 23वां सम्मेलन होगा इसके पहले 22 वां सम्मेलन की अध्यक्षता उज्बेकिस्तान के समरकंद द्वारा साल 2022 में किया गया था। वाराणसी को साल 2022-2023 के लिए शंघाई सहयोग संगठन की पहली पर्यटन एवं कलचरल कैपिटल के रूप में नामित किया गया है। यह निर्णय उज्बेकिस्तान समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन के अध्यक्षों की बैठक में लिया गया था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इससे भारत एवं सदस्य देश के बीच पर्यटन सांस्कृतिक एवं मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है। यह निर्णय एससीओ के सदस्य देशों ने, विशेष रूप से मध्य एशियाई गणराज्य के साथ भारत के प्राचीन संबंधों को दिखाता है।
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इस प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत साल 2022 23 के लिए वाराणसी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी पेशेवर सदस्य देशों के मेहमान आमंत्रित होंगे, आयोजन में विद्वान, लेखक, संगीतकार और कलाकार, फोटो जर्नलिस्ट, ट्रैवल ब्लॉगर और अन्य अतिथि आमंत्रित होंगे। ऐससीओ सदस्य देशों के बीच संस्कृति एवं पर्यटन के क्षेत्र का आयोजन किया जाता है।
एसीओ क्या है
शंघाई सहयोग संगठन जिसे एससीओ कहा जाता है, यह 8 सदस्य बहुपक्षीय संगठन है, इस संगठन की स्थापना 15 जून 2001 को चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान के नेताओं द्वारा चीन के राजधानी शंघाई में हुई थी। उज्बेकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी देश संघाई फाइव ग्रुप के सदस्य हुआ करते थे, जिसका गठन साल 26 अप्रेल 1996 को सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य ट्रस्ट को और अधिक गहरा करने की संधि पर साइन किया गया था। GK Capsule Free pdf - Download here
साल 2001 में शंघाई में वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 5 सदस्य देशों ने पहली बार उजबेकिस्तान को शंघाई फाइफ मैकेनिज्म में शामिल किया था, जिसके बाद यह शंघाई सिक्स में बदला जिसके बाद 15 जून साल 2001 को शंघाई सहयोग संगठन की घोषणा पर हस्ताक्षर किया गया। जून 2002 में शंघाई सहयोग संगठन सदस्य देशों के प्रमुख s.c.o. चार्टर पर साइन किया गया जो ऑर्गेनाइजेशन के उद्देश्यों, सिद्धांतों संरचनाओं और संचालन के रूपों में व्याख्या करने के साथ ही इसे इंटरनेशनल लेवल पर स्थापित किया जाता है।
भारत और एससीओ
साल 2005 जुलाई में अस्ताना शिखर सम्मेलन हुआ था जिसमें भारत को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया, जुलाई 2015 को रूस ऊफ में हुए एससीओ ने भारत को पूर्ण सदस्य बनाने के लिए निर्णय लिया था। साल 2016 में भारत ने ताशकंद उज़्बेकिस्तान में दायित्व हस्ताक्षर किए जिसके बाद पूर्ण सदस्य के रूप में एससीओ में शामिल होने की ऑफिशियल प्रोसेस शुरू हुई। अस्ताना में ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के दौरान भारत को ऑफिशियल रूप से पूर्ण सदस्य के रूप में एससीओ में शामिल किया गया।
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