हम भारतीय सेना दिवस क्यों मनाते हैं?
अधिकारिक तौर पर भारतीय सेना को ब्रिटिश शासन के तहत 1 अप्रैल 1895 में स्थापित किया गया था, भारत की आजादी के बाद 'भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा' थे। लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा को 15 जनवरी 1949 को इस पद पर नियुक्त किया गया था, तभी से भारत में हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। भारत के लिए यह दिन इसलिए खास था क्योंकि यह पहली बार था जब किसी भारतीय सैनिक ने राष्ट्र के सशस्त्र बलों का शासन संभाला था।
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भारतीय सेना दिवस न केवल हमारे बहादुर सैनिकों का उत्सव है, बल्कि ब्रिटिश शासन से भारत में सत्ता के हस्तांतरण का भी उत्सव है।
यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष यह सभी सेना कमान मुख्यालयों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
भारतीय सेना दिवस समारोह 2022
हर साल Indian Army Day के दिन देश की राजधानी दिल्ली में परेड शो निकाला जाता है, जिसमें आम जनता को भी देखने के लिए आमंत्रित किया जाता है लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते उत्सव COVID-19 प्रोटोकॉल के साथ आयोजित किया जा रहा है। परेड की सलामी आमतौर पर भारतीय सेना प्रमुख लेते हैं।
2022 में, यह जनरल मनोज मुकुंद नरवणे होंगे जो इस अवसर पर सलामी देंगे। 2022 में, समारोह में उन हथियारों का प्रदर्शन भी होगा जिन्हें भारतीय सेना ने हाल ही में स्वदेशी रूप से विकसित और दूसरे देश से खरीदा है।
प्रदर्शन में बीएलटी टी -72 'भारत रक्षक' टैंक, 155 मिमी सोलटम गन और ब्रह्मोस मिसाइल होंगे। Also Read: