INS Vikrant:भारत ने INS विक्रांत के लिए राफेल का सफल परीक्षण किया

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Sat, 05 Feb 2022 02:48 PM IST

Highlights

कैटापल्ट केवल 2 से 3 सेकंड में विमान को 0 से 165 समुद्री मील तक की गति दे देता है।

Source: Safalta

अगर आप भी किसी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं तो हमारा यह आज को लेख आपके परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। इस लेख में हम आपको राफेल लड़ाकू विमान के एग्जामिनेशन की पूरी जानकारी देंगे जो आपके परीक्षा के लिए उपयोगी साबित होगा।
राफेल लड़ाकू विमान के समुद्री संस्करण का हाल ही में INS विक्रांत पर एग्जामिनेशन किया गया। Aircraft Carrier पोत से किया गया एग्जामिनेशन सफल रहा।
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राफेल लड़ाकू विमान के एग्जामिनेशन के बारे में

विमानवाहक पोत से राफेल जेट के टेक-ऑफ की जांच के लिए यह एग्जामिनेशन किया गया था। आपको बता दें कि यह परीक्षण सफल रहा। INS विक्रांत विमानवाहक पोत कैटापल्ट लांच का उपयोग करता है, और इस विमान ने लॉन्च में इसने अच्छा प्रदर्शन किया।

कैटापल्ट लांच (catapult launch) क्या है?

कैटापल्ट (गुलेल) एक उपकरण है जो विमान को एक छोटी सी जगह से उड़ान भरने में सक्षम बनाता है यह एक तरह का असिस्टेड टेक ऑफ है। जो विमान के लॉन्चिंग के दौरान उपयोग में लाया जाता है।

कैटापल्ट लॉन्च कैसे काम करता है?

कैटापल्ट केवल 2 से 3 सेकंड में विमान को 0 से 165 समुद्री मील तक की गति दे देता है। इस प्रणाली में एक्युमुलेटरों में हाई प्रेशर  भाप को इकट्ठा किया जाता है । यह भाप परमाणु रिएक्टरों से प्राप्त की जाती है। भाप की पूर्ति के बाद भाप के दबाव तक पहुँचने के बाद, संचायकों के वाल्व बंद कर दिए जाते हैं, फिर कैटापल्ट काम करने के लिए तैयार हो जाता है।

STOBAR क्या है?

कैटापल्ट लॉन्च के अलावा, STOBAR (Short Take-off But Arrested Recovery) एक विख्यात लॉन्च सिस्टम है। ज्यादातर इसे रसिया और चाइना में उपयोग किया जाता है। जैसा की आप सभी को पता है कि भारत अपनी रक्षा सिस्टम के लिए रसिया पर अधिक निर्भर है, इसलिए भारत में भी STOBAR आम हैं। STOBAR  में एक लम्बा सा रैंप होता है जहाँ से विमान उड़ान भरता है।

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