Bhopal Gas Tragedy, भोपाल गैस त्रासदी क्या है, जाने क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Fri, 02 Dec 2022 05:34 PM IST

Highlights

साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के यूनियन कार्बाइड के कारखाने में मिथाइल आइसोसाइनेट एमआईसी का रिसाव हुआ था

Source: safalta

National Pollution Control Day : सर्दियों के मौसम आते ही भारत में हर साल वायु प्रदूषण चिंताजनक स्थिति हो जाती है, हर साल 2 तारीख को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। पॉल्यूशन कंट्रोल डे मनाने के पीछे 1984 में हुए औद्योगिक हादसा है, जो कि 2-3 दिसंबर की रात को भोपाल में एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए भोपाल गैस त्रासदी वाले दिन को चुना गया। वायु प्रदूषण की बात कहें तो इस गैस त्रासदी कांड के अलावा, फैक्ट्री के चिमनियों से निकले वाली धुंआ, व्हीकल्स इंजन के धुआं, फसल काटने के बाद खेत में बचे हुए अवशेष भी है, ऐसे में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए हर साल प्रदूषण कंट्रोल दिवस मनाया जाता है।  अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. /  सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
 
          


 भोपाल गैस त्रासदी के बारे में 


भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना मानी जाती है। साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के यूनियन कार्बाइड के कारखाने में मिथाइल आइसोसाइनेट एमआईसी का रिसाव हुआ था, जो कि इस जहरीली हवा का रिसाव पूरे शहर के हवा में बहाव के चलते आसपास के दूर-दराज तक क्षेत्र में फैल गया था। इससे करीब 5.21 लाख लोग प्रभावित हुए थे, जिसमें 23000 लोगों की मौत हो गई थी। GK Capsule Free pdf - Download here
 

 भोपाल गैस त्रासदी का प्रभाव क्या था 


भोपाल गैस त्रासदी  एक बहुत बड़ा औद्योगिक हादसा था लेकिन जिस तरह का वायु प्रदूषण और भीषण प्रभाव त्रासदी ने भोपाल के पर्यावरण पर छोड़ा था वह सालों तक भोपाल के वातावरण में बनी रही, यह जहरीली गैस भोपाल के तालाब के पानी एवं हवा में काफी लंबे समय तक मिली रही। आज 38 साल बाद भी इस जहरीली हवा का असर दिखाई देता है।  इस हादसे से बचे हुए लोगों के सेहत पर इसका बुरा असर देखा गया, बहुत से लोगों को इसके चलते  कैंसर, फेफड़े में समस्या और सेहत से जुड़ी अन्य बीमारियां इस जहरीली गैस के प्रभाव से हुई, बहुत से लोगों का इलाज उनके मरते दम तक चला और आज भी जो लोग बचे हुए हैं उनका इलाज चल रहा है।  

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 भोपाल गैस त्रासदी क्यों महत्वपूर्ण है 


भोपाल गैस त्रासदी एक औद्योगिक दुर्घटना थी लेकिन वायु प्रदूषण के रूप में इस दुर्घटना के असर बहुत खतरनाक, भयावह और विनाशकारी थे। यह त्रासदी भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया के लिए बहुत बड़ा सबक था, लेकिन 38 साल बाद भी भोपाल गैस त्रासदी  दुनिया के लिए सबसे बड़ा सबक क्या है? भोपाल गैस त्रासदी में सबसे बड़े सबक सबक की बात करें तो हमें इस हादसे से संवेदनशीलता और गंभीरता अपनाना चाहिए, अभी भी हमारे पास समय है जिससे हम देश के अन्य हिस्से जहां प्रदूषण की स्तर बहुत खतरनाक और विनाशकारी है वहां के लिए ठोस कदम अपना सकते हैं, जैसे राजधानी दिल्ली  और इसके आसपास के इलाकों में सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब होती है, साथ ही उत्तर भारत में हिमालय में होने वाले प्राकृतिक प्रकोपों के कहर से भी सावधानी बरतने की जरूरत है।  

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