पेटीएम और गूगल पे से कितना अलग है डिजिटल करेंसी
बिजनेस टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट का कहना है कि डिजिटल रुपए का मुकाबला मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम एवं गूगल पर से नहीं होगा। यह डिजिटल पेमेंट का एक नया तरीका है जिसके तहत आप बैंक से एक बार डिजिटल रुपया खरीदना होगा, उसके बाद आप इससे वॉलेट में लेनदेन कर सकेंगे। इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड के निदेशक एवं पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया चेयरमैन विश्वास पटेल ने यह कहा है कि यह एक ब्लॉकचेन बेस्ड डिजिटल टोकन फॉर्म करेंसी है। रिटेल डिजिटल करेंसी में आपको बिना किसी बैंक को शामिल किए बिना ही लेन - देन करने में सक्षम होंगे। जैसे कि फिजिकल करेंसी में होता है लेकिन डिजिटल करेंसी से काफी अलग है, जिसमें आपके बैंक खाते से पैसा डेबिट होता है। रिटेल डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक द्वारा लीगल टेंडर इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
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अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद
रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी में बांटा है पहला सीबीडीसी-W और सीबडीसी-R, सीबीडीसी-W का अर्थ है करेंसी, और सीबडीसी-R का अर्थ है रिटेल करेंसी, डिजिटल रुपये का लेनदेन पर्सन से पर्सन किया जा सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप में डेवलप करने की दिशा में आरबीआई ने इस कदम को महत्वपूर्ण मानते हुए उठाया है। इस पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई। GK Capsule Free pdf - Download here
पहले चरण में इन बैंक और शहर
इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में देश भर के 4 शहरों में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से होगी। जिसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे। नई दिल्ली, बेंगलुरु, धीरे धीरे अहमदाबाद, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना एवं शिमला जैसे शहरों में इसका विस्तार होगा।
E-Rupee के क्या फायदे हैं
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए डिजिटल रुपये मददगार साबित होगा, लोगों को जेब में पैसे लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं होगी। मोबाइल वॉलेट की तरह इससे भी पेमेंट कर सकते हैं। रुपया को बैंक में आसानी से कन्वर्ट कर सकते हैं। विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी। E-Rupee बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करती है। ई-रुपए की वैल्यू मौजूदा करेंसी के बराबर होगी।
डिजिटल ई-रुपया के नुकसान क्या हैं?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई की डिजिटल करेंसी रुपए के नुकसान के बारे में बताएं तो इससे पैसे के लेनदेन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी। आमतौर पर केस में लेनदेन करने पर पहचान गुप्त होता है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन होने पर लोग सरकार की निगरानी और नजर होगी। इसके अलावा ई रुपया पर किसी प्रकार का ब्याज भी नहीं मिलेगा। आरबीआई डिजिटल रुपया पर ब्याज देगा तो करेंसी मार्केट में स्थिरता ला सकती है। जिसके कारण लोग अपने सेविंग अकाउंट से पैसे निकालकर डिजिटल करेंसी में पैसे को कन्वर्ट करना शुरू कर देंगे।
E-Rupee लाने का क्या उद्देश्य है
सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों के एक डिजिटल रूप है, साल 2022 के बजट के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ब्लॉकचेन पर आधारित यह डिजिटल रुपया पेश किया जाएगा। बीते कुछ दिनों में केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि आरबीआई डिजिटल रुपया का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूप को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना है और उपयोगकर्ताओं को पेमेंट के लिए एक्स्ट्रा ऑप्शन देना है ।
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