What is Money Laundering: क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का अर्थ, काला धन कैसे बदल जाता है सफ़ेद धन में ?

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Mon, 22 Aug 2022 01:19 PM IST

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आप सभी ने ‘’मनी लॉन्ड्रिंग’’ के बारे में अक्सर सुना होगा. आइए आज मैं आपको बताने की कोशिश करती हूँ कि ये मनी लॉन्ड्रिंग आखिर होता क्या है ?
 

Source: Safalta

What is Money Laundering- मनी लॉन्ड्रिंग एक गैर कानूनी तरीका होता है जिसके जरिए अवैध तरीके से पैसे कमाए जाते हैं और इन पैसों का इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटी, तस्करी, आतंकवाद को बढ़ावा देना इन सब चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। कई बार मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लोग अपने गलत तरीके से कमाए गए पैसे को साफ भी किया जाता है।
मनी लॉन्ड्रिंग एक ऐसा अपराध है जो व्हाइट कॉलर वाले और साथ ही छोटे क्रिमिनल लोग भी करते हैं। विश्व स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए और पैसे की लेनदेन पर नजर बनाए रखने के लिए दुनिया के बड़े देशों ने एफएटीएफ संगठन का निर्माण भी किया है। जो दुनिया भर के देशों के ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर नजर रखता है, कई बार लोग अपना टैक्स को बचाने के लिए भी मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लेते हैं, क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए पैसे का ओरिजिन को छुपाया जा सकता है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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"मनी लॉन्ड्रिंग" को हवाला लेनदेन भी कह सकते हैं ?


"मनी लॉन्ड्रिंग" शब्द की उत्पत्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में माफिया समूह से हुई है. माफिया समूहों ने भारी मात्रा में जबरन वसूली, जुआ आदि से जो पैसा बनाया और फिर इस पैसे को कानूनी धन के रूप में दिखाने के लिए जो तरकीबें अपनाई वो "मनी लॉन्ड्रिंग" कहलाया. भारत में, "मनी लॉन्ड्रिंग" को हवाला लेनदेन के रूप में जाना जाता है.

क्या है प्रोसेस -

मनी लॉन्ड्रिंग के प्रोसेस में पैसा इस तरह से निवेश किया जाता है कि जांच एजेंसियां संपत्ति के मुख्य स्रोत का पता नहीं लगा सकें. क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य हीं सरकार या जांच एजेंसियों से पैसा छुपाना होता है. जो व्यक्ति इस पैसे में हेराफेरी करता है उसे "लॉन्डरर" कहा जाता है. मनी लॉन्ड्रिंग के कई रास्ते होते हैं. इन रास्तों में सेल कम्पनियाँ सबसे फ़ेमस रास्ता है. और इस तरह पूंजी बाजार या अन्य उपक्रमों में निवेश किया गया काला धन, वैध धन या वाइट मनी के रूप में वास्तविक धन धारक के पास वापस आ जाता है.इस पूरी प्रक्रिया को हम निम्नलिखित तीन प्रोसेस के द्वारा समझ सकते हैं -
 
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1. प्लेसमेंट - इस प्रक्रिया में पहला कदम बाजार में काले धन का निवेश करना है. लॉन्डरर एक औपचारिक या अनौपचारिक समझौता करके विभिन्न एजेंटों और बैंकों के माध्यम से अवैध धन को नकदी के रूप में जमा करता है.


2. लेयरिंग - इस प्रक्रिया में, धोखेबाज व्यक्ति (लॉन्डरर) बेईमानी करके अपनी वास्तविक आय को छुपा लेता है. इसके लिए लॉन्डरर अलग अलग निवेश साधनों जैसे कि बांड, स्टॉक, ट्रैवलर चेक द्वारा या विदेशों में अपने बैंक खातों में धन जमा करता है. यह खाता अक्सर उन देशों के बैंकों में खोला जाता है जो अपने खाताधारकों के विवरण का खुलासा नहीं करते हैं, जैसे स्विट्ज़रलैंड, मारीशस आदि और इस प्रकार इस प्रक्रिया में धन का वास्तविक स्वामित्व और स्रोत छिपा हुआ रहता है.


3. इंटीग्रेशन या एकीकरण - यह धन छुपाने का अंतिम चरण है जिस के बाद 'लॉन्ड्रेड' संपत्ति को वैध अर्थव्यवस्था में फिर से पेश कर दिया जाता है. और इस प्रकार काले धन को कानूनी धन या वाइट मनी के रूप में वित्तीय दुनिया में वापस लौटा लिया जाता है..