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हाल ही में देश में लड़कियों के विवाह की वैध न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का निर्णय लिया है । इस निर्णय को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार के इस निर्णय से लड़के और लड़की की विवाह की वैद्य न्यूनतम आयु में समानता आ सकेगी। उल्लेखनीय है कि देश में इसके पहले भी लड़की की विवाह की न्यूनतम आयु को बढ़ाकर 12 वर्ष, 14 वर्ष, 15 वर्ष और 18 वर्ष किया गया था किंतु लड़की की विवाह की आयु लड़के के विवाह की आयु से कम थी। वर्तमान कानूनी प्रावधानों के तहत लड़कों की विवाह के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और लड़की के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 साल निर्धारित है।
Source: safalta
सरकार द्वारा लड़कियों की विवाह की न्यूनतम आयु सीमा बढ़ाने का उद्देश्य लैंगिक निष्पक्षता के साथ-साथ लड़कियों के शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका के स्तर में भी सुधार लाना है। इसके फलस्वरूप शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी एवं नारी सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
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महत्वपूर्ण तथ्य
महिलाओं से संबंधित महत्वपूर्ण अधिनियम
- सती प्रथा अधिनियम - 1829
- बाल विवाह अधिनियम - 1929
- विधवा पुनर्विवाह अधिनियम - 1856
- दहेज प्रथा निषेध अधिनियम - 1961
- हिंदू विवाह अधिनियम - 1955
- विशेष विवाह अधिनियम – 1954