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न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी 2022-23) (Minimum Support Price (MSP)
भारत सरकार द्वारा किसानों के फसल की खरीद पर एक न्यूनतम मूल्य का भुगतान किया जाता है. इस मूल्य को न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है. यानि ‘’न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसी भी फसल की खरीद के लिए वह न्यूनतम मूल्य है जिसे सरकार किसानों को उसकी फसल के बदले प्रदान करती है. इस मूल्य से कम कीमत पर सरकार किसानों से उसकी फसल को नहीं खरीद सकती.’’
कौन करता है निर्धारित -
किसानों की चुनिन्दा फसलों पर यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) केंद्र द्वारा निर्धारित किया जाता है. यह निर्धारण कृषि लागत के साथ साथ मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर आधारित होता है.कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष अनाज, दलहन, तिलहन आदि फसलों के लिए संबंधित राज्य एवं केंद्रीय विभाग द्वारा एक रियायती मूल्य सुनिश्चित करने के पश्चात एमएससी (Minimum Support Price, MSP) की घोषणा की जाती है.
न्यूनतम 50% का लाभ
एमएसपी के माध्यम से किसानों को उसके उत्पादन लागत से न्यूनतम 50% का लाभ सुनिश्चित किया जाता है. इसके अलावा यदि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अनुकूल शर्तें पर एमएसपी से बेहतर कीमत मिलती है तो वह गैर सरकारी पार्टी को भी अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र है.
कब हुआ योजना का आरंभ
इस योजना का आरंभ साल 1966 में किया गया था. सरकार द्वारा हर साल खरीफ और रबी समेत 23 प्रमुख कृषि फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की जाती है.केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया जाता है, जिसमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार रागी और जौ), 5 दाले (चना, अरहर, उड़द, मूंग और मसूर), 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम नाइजरसीड्) एवं 4 व्यवसायिक फसल (कपास, गन्ना, खोपरा और कच्चा जूट) शामिल है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि
किसानों की आय तथा फसलों के वैधिकरण को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रबी सीजन 2022- 23 के अंतर्गत रबी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के मुताबिक जौ, मसूर, चना और कुसुम के फूलों के लिए किसानों को उनकी उत्पादन लागत की तुलना से अधिक मूल्य का भुगतान किया जाएगा.
न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत आने वाली फसलें
मोटे अनाज -
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धान
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गेहूं
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मक्का
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बाजरा
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ज्वार
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रागी
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जौ
दलहन -
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चना
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अरहर
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उड़द
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मूंग
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मसूर
तिलहन -
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रेपसीड-सरसों
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मूंगफली
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सोयाबीन
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सूरजमुखी
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तिल
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कुसुम
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नाइजरसीड्स
व्यवसायिक फसल -
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कपास
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गन्ना
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खोपरा
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कच्चा जूट
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एमएसपी की आवश्यकता, उद्देश्य -
किसी वर्ष में एक बहुत अच्छी फसल के परिणामस्वरूप उस पैदावार की कीमत में तेज गिरावट आती है जिस कारण किसान उस फसल के उत्पादन से पीछे हट जाते हैं. इस तरह अगले/आगामी वर्षों में उसी फसल की कमी से कीमत में भारी उछाल रहता है. इस तरह कृषि वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता लगी रहती है. इन्हीं कारणों से भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रमुख कृषि उत्पादों के लिए एमएसपी का निर्धारण किया गया है, जिससे किसानों की फसल ख़राब न हो और उसे अपनी फसल के लिए एक निश्चित मूल्य अवश्य प्राप्त हो सके.