यह दोनों मिशन अंतरिक्ष यात्रियों, उपग्रहों और GPS जैसे कम्युनिकेशन सिग्नल की सुरक्षा के लिए यूनिवर्स में गहरी सूक्ष्म दृष्टि देने के साथ-साथ महत्वपूर्ण जानकारी देगा।
यह मिशन सोलर एटमॉस्फियर और अंतरिक्ष में नई और गहरी सूक्ष्म दृष्टि देगा।
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मल्टी-स्लिट सोलर एक्सप्लोरर मिशन (MUSE-Multi-slit Solar Explorer Mission) क्या है.
MUSE मल्टी-स्लिट सोलर एक्सप्लोरर मिशन वैज्ञानिकों को सूर्य की कोरोना गर्मी की प्रेरक शक्तियाों को जानने समझने में सहायता करेगा।
साथ ही यह बाहरी क्षेत्र में विस्फोटों को समझने में भी सहायता करेगा।
यह मल्टी-स्लिट स्पेक्ट्रोमीटर नाम के एक डिवाइस का उपयोग करके सोलर एटमॉस्फियर के भौतिक विज्ञान पर गंभीर गहरी पहुँच देगा, जो सूर्य के अधिक उल्ट्रावॉइलेट रेडिएशन का परीक्षण करेगा और सौर संक्रमण क्षेत्र और कोरोना की उच्चतम रिज़ॉल्यूशन छवियां प्राप्त करेगा।
यह मिशन आगे जमीन आधारित वेधशालाओं और एक्सट्रीम अल्ट्रा-वायलेट स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेलीस्कोप जैसे हेलियोफिजिक्स अनुसंधान से सप्लीमेंट्री ओवरव्यू देगा।
हेलियोस्वार्म मिशन (HelioSwarm Mission) क्या है.
यह मिशन 9 स्पेसक्राफ्ट का एक तारामंडल है। इसे चुंबकीय क्षेत्र में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ सोलर वाइंड की गति के पहले मल्टीस्केल इन-स्पेस माप को पता करने के लिए लॉन्च किया जाएगा, जिसे solar wind turbulence कहा जाता है। सूर्य की सबसे बाहरी एटमॉस्फेरिक परत को हेलियोस्फीयर कहा जाता है, जो कि सोलर सिस्टम के एक बड़े क्षेत्र को घेरती है। सोलग वाइंड हेलियोस्फीयर के जरिए फैलती हैं।
Source: social media
इस मिशन के लिए अमेरिका ने 250 मिलियन अमरीकी डालर का बजट रखा है।Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे