इस सम्मेलन की मुख्य बिंदु
1.इस सम्मेलन के दौरान कृषि पैदावार को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है।
2.यह आयोजन मुख्य रूप से दलहन और तिलहन के पैदावार को बढ़ाने पर केंद्रित था।
3. इसमें देश के सभी राज्यों को रबी के फसलों के ज्यादा उत्पादन के लिए अच्छा और नई गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करने का सुझाव दिया गया।
4.इस सम्मेलन में किसान यूनियन और सेल्फ हेल्प ग्रुप के प्रदर्शक भी शामिल हुए।
Source: Safalta
उन्हें उर्वरक उपयोग के अनुमान की सूची प्रदान करने के लिए कहा गया उस सूची में यह लिखा होगा कि कितना, कब और कैसे उर्वरक का उपयोग करना है। साथ ही, उन्हें DAPऔर NPK उर्वरकों के उपयोग को कम करने का सुझाव दिया गया।5.ATMA (Agricultural Technology Management Agency), कृषि विज्ञान केंद्र को संयुक्त रूप से काम करने और छोटे एवं सीमांत किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए कहा गया है।
6.राज्य सरकारों को ऑर्गेनिक खेती के लिए पूरे क्षेत्र या ब्लॉक को प्रमाणन देने के लिए कहा गया है। ऐसे में किसानों को ऑर्गेनिक खेती प्रमाण पत्र के लिए व्यक्तिगत रूप से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी ।
General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें
इस सम्मेलन के दौरान उर्वरक डिपार्टमेंट ने ये सभी घोषणाएं की
यूरिया की कुल सुलभता : 255.28 LMT(Lakh Metric Tonnes)
DAP: 81.24 LMT
MOP: 18.5 LMT
NPKS: 76.87 LMT
कार्यक्रम में लिए गए मुख्य निर्णय
1.दलहन और तिलहन को NFSM के सब कंपोनेंट टारगेटेड राइस फैलो एरिया के माध्यम से बढ़ावा दिया जायेगा।
साथ ही, पाम तेल और गन्ने के फसल को भी बढ़ावा दिया जायेगा।
सम्मेलन के दौरान निर्धारित लक्ष्य
1.दलहन का फसल 21.05 लाख हेक्टेयर जमीन में।
2. तिलहन को 13.78 लाख हेक्टेयर जमीन में लगाया जायेगा
3.पोषक-अनाज 17.89 लाख हेक्टेयर भूमि में लगाया जायेगा।
प्रेसेंट लैंडस्केप
इस साल 2020-21 में भारत ने 3086.47 टन खाद्यान्न (फसल) का उत्पादन किया है।
इसके साथ ही 257 लाख टन दलहन और 361 लाख टन तिलहन के फसल का उत्पादन किया गया था।
और करीबन 353.84 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ।
साल 2020-2021 में बागवानी क्षेत्र ने कृषि क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन किया था।
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करे