National Epilepsy Day,राष्ट्रीय मिर्गी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जाने इसके बारे में विस्तार से

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Tue, 15 Nov 2022 05:09 PM IST

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मिर्गी पीड़ित रोगी को न्यूरॉन्स में अचानक असामान्य एवं अत्यधिक विद्युत का संचार होने के कारण यह दौरा बार बार पड़ता है, जिसके कारण वह बेहोश हो जाता है।

Source: safalta

National Epilepsy Day : भारत में राष्ट्रीय स्तर पर मिर्गी के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 17 नवंबर को मिर्गी दिवस मनाया जाता है। मिर्गी मस्तिष्क का एक क्रॉनिक रोग है, जिससे रोगी को बार-बार दौरा आता है।
मिर्गी पीड़ित रोगी को न्यूरॉन्स में अचानक असामान्य एवं अत्यधिक विद्युत का संचार होने के कारण यह दौरा बार बार पड़ता है, जिसके कारण वह बेहोश हो जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इस रोग से पीड़ित हर व्यक्ति की परेशानी अलग-अलग हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विश्व भर में लगभग  5000000 लोग मिर्गी के रोग से पीड़ित हैं, जिसमें से 80% लोग विकासशील देश में रहते हैं। मिर्गी को उपचारित किया जाता है, अभी तक डेवलपिंग देशों में मिर्गी प्रभावित लोगों में से तीन चौथाई लोगों को आज तक आवश्यक उपचार नहीं मिले हैं। भारत में लगभग 10 लाख के करीब लोगों को मिर्गी के दौरे आते हैं।  अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैंतो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / 
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 मिर्गी होने पर क्या लक्षण होते हैं 


अचानक लड़खड़ाना, फड़कना, हाथ पांव में अनियंत्रित झटके का आना, बेहोशी, चक्कर आना, दौरे पड़ना, हाथ पैर में सनसनी जैसे पिन या सुई चुभोई गई हो, हाथ पैर की मांसपेशियों में जकड़न होना।

 मिर्गी होने के क्या कारण है 


मस्तिष्क में चोट जैसे की जन्म पूर्व एवं प्रसव के दौरान चोट।
 जन्मजात असमानता।
 मस्तिष्क में किसी प्रकार का संक्रमण होना। 
स्ट्रोक या फिर ब्रेन ट्यूमर। 
सिर में चोट या किसी दुर्घटना के चलते सिर पर चोट लगना।
 बचपन के दौरान कभी लंबे समय तक तेज बुखार से पीड़ित होना, मिर्गी होने के कारण हो सकते हैं।
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 मिर्गी आने पर क्या करना चाहिए 


 जब किसी व्यक्ति को मिर्गी आए तो उसे घबराना नहीं है, उसे हिम्मत से काम लेना है।
 पीड़ित व्यक्ति को मिर्गी के दौरे के दौरान कंट्रोल करने की कोशिश ना करें।
 पीड़ित व्यक्ति के आसपास भारी वस्तु या फिर हानिकारक वस्तु को दूर रखें नहीं तो उन्हें चोट लग सकती है।
 यदि पीड़ित व्यक्ति गर्दन कसकर रखने वाले कपड़े पहन रखें हैं तो उसे तुरंत ही ढीला कर लें।
 मिर्गी पीड़ित व्यक्ति को एक और मोड़ कर लेट आए ताकि मुंह से निकलने वाला उल्टी या फिर तरल पदार्थ सुरक्षित रूप से बाहर निकले।
 मिर्गी पीड़ित व्यक्ति के सिर के नीचे कुछ आरामदायक वस्तु या फिर तकिया रखें।
 मिर्गी पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सा सहायता जब तक न मिले, तब तक पीड़ित व्यक्ति के साथ ही किसी को मौजूद रहना चाहिए।
 व्यक्ति को आराम करने दें या फिर अगर वह सोया हुआ है तो उसे सोने दें।
मिर्गी पीड़ित व्यक्ति को अधिकांश दवाओं से ठीक किया जाता है।
 मिर्गी के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण फैक्ट यह है कि मिर्गी के उपचार में देरी नहीं करनी चाहिए, मिर्गी पीड़ित होने के बारे में अगर किसी व्यक्ति को पता चलता है उसे तुरंत ही उपचार शुरू कर देना चाहिए।
 जल्द उपचार से बिगड़ी हुई स्थिति को रोका जा सकता है।
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 मिर्गी पीड़ित रोगियों के लिए कुछ सुझाव


 मिर्गी से पीड़ित रोगियों को चिकित्सा की सलाह के मुताबिक नियमित रूप से दवाई लेनी चाहिए, उन्हें अगर दौरा नहीं पड़ता है फिर भी उन्हें दवाओं का सेवन करना ही चाहिए। रोगियों को अपने चिकित्सक की सलाह के बिना दवा नहीं बंद करना है। मिर्गी से पीड़ित रोगी को किसी भी तरह अन्य दवाओं का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श ले ले नहीं तो दवाओं के संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं। मिर्गी पीड़ित व्यक्ति को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, शराब पीने से दौरे पड़ने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है।

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