Har Ghar Jhanda Campaign: 'हर घर झंडा' - 15 अगस्त को हर घर पर दिखाई देगा तिरंगा

Safalta Experts Published by: Kanchan Pathak Updated Fri, 17 Jun 2022 08:05 PM IST

Highlights

हर घर झंडा अभियान चल रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में हीं शुरू किया गया है. केंद्रीय कला-संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय इस विशेष अभियान का नेतृत्व करेगा.

Source: Safalta.com

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद के 75 सालों में भारत ने प्रगति और विकास के अनेकों सोपानों को सफलतापूर्वक पार किए. विकास की अपनी इस यात्रा में भारत बहुत से मील के पत्थर पार कर चुका है. पर कोई भी देश तभी तरक्की करता है जब अन्तः और वाह्य स्तर पर उस देश के माहौल में शान्ति हो. और यह शान्ति अन्दरूनी एकता के बगैर संभव नहीं. इस स्वतंत्रता दिवस पर समूचे देश को एक सूत्र में समग्रतः घुल मिल कर बाँध देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कुछ अनूठा सोचा है.. आइए जानते हैं स्वतंत्रता दिवस पर क्या है केंद्र की योजना. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now. 
 

'हर घर झंडा' 

केंद्र सरकार ने बुधवार को अपने 'हर घर झंडा' अभियान की घोषणा की, जिसके तहत सरकार ने लोगों से 15 अगस्त यानि स्वतन्त्रता दिवस के दिन अपने अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने को कहा है. केंद्र सरकार का यह विचार आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य से जुड़ा हुआ है तथा आजादी का अमृत महोत्सव का हीं एक हिस्सा है. सरकार ने कहा कि इस कदम से भारत के नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत होगी.
अगर केंद्र की यह योजना आगे बढ़ती है तो 15 अगस्त के दिन देश भर के घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराता हुआ दिखाई देगा.


75 साल की आजादी का जश्न 

उल्लेखनीय है कि इस साल भारत 75 साल की आजादी का जश्न मनाने जा रहा है और यह अभियान चल रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में हीं शुरू किया गया है. केंद्रीय कला-संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय इस विशेष अभियान का नेतृत्व करेगा. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस बारे में बताया कि अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों से भाग लेने के लिए अपील की जा रही है.
आइए जानते हैं इस अभियान के बारे में और उन नियमों के बारे में भी जिनका तिरंगा फहराते समय पालन करना चाहिए .


'हर घर झंडा' अभियान 

सरकार ने लोगों से अपने-अपने घरों, स्कूल-कॉलेजों, कार्यालयों और उन सभी स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह किया है, जहां वे अपने जीवन का थोड़ा सा समय भी बिताते हैं.
संस्कृति मंत्रालय ने भारत के लोगों से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के जश्न के उपलक्ष में अपने परिवार के सदस्यों के साथ राष्ट्रगान गाने के लिए भी कहा है.
 
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) स्मारकों पर तिरंगा 

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी घोषणा की कि इस दिन को धूमधाम से मनाने और यादगार बनाने के लिए देश भर में लगभग 2,000 भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) स्मारकों पर तिरंगा फहराने की व्यवस्था की जा रही है.
सरकार ने एक बयान में कहा, "ध्वज के साथ हमारा संबंध हमेशा से व्यक्तिगत कम तथा औपचारिक और संस्थागत ज्यादा रहा है. स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एकल राष्ट्र के चिन्ह के रूप में ध्वज को सामूहिक रूप से घर में लाने से न केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध का एक कार्य संपन्न होगा बल्कि यह राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बनेगा. सरकार ने कहा कि प्रत्येक घर में झंडा फहराने का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाएगा और राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को भी बढ़ावा देगा.
इस अभियान के लिए सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज को वितरित नहीं करने का निर्णय लिया है, इसके बजाय, लोगों से इसे खरीदने के लिए कहा है ताकि उन्हें राष्ट्र पर गर्व की भावना जागृत हो.


घर-घर लहराता झंडा 

जैसा कि केंद्र ने निर्णय लिया है उम्मीद है कि 15 अगस्त के दिन हर घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराता दिखाई देगा. सरकार ने इसके लिए कुछ नियम और दिशानिर्देश भी दिए हैं जिनका पालन करने की आवश्यकता है, जैसा कि भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा निर्धारित किया गया है. (इससे पहले, राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के नियम प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 और राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के प्रावधानों द्वारा शासित थे.)


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जिन चीजों की अनुमति नहीं है 

नियमों के अनुसार, तिरंगे का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है. जब भी ध्वज प्रदर्शित किया जाता है, तो इसे स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए और सम्मान की स्थिति बनी रहनी चाहिए.
क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित राष्ट्रीय ध्वज लगाना, एक ही मास्टहेड से एक साथ अन्य झंडों के साथ तिरंगा फहराना, और कोई अन्य वस्तु, जिसमें फूल या माला, या झंडा शामिल है, को तिरंगे के बगल में समान ऊंचाई पर या उसके ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए.
सूर्योदय से सूर्यास्त तक तिरंगा हमेशा फहराना चाहिए.
दिलचस्प बात यह है कि ध्वज संहिता में यह भी कहा गया है कि तिरंगा नौ मानक आयामों का हो सकता है और इसे हमेशा हाथ से काते और हाथ से बुने हुए ऊन या कपास या रेशम खादी बंटिंग से बना होना चाहिए.
संहिता में यह भी कहा गया है कि तिरंगे का अपमान करने वालों को तीन साल तक की जेल की सजा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
 
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सबसे ऊँचा तिरंगा 

इससे पहले केंद्र सरकार ने देश भर में सबसे ऊंचे तिरंगे को फहराने की मुहिम भी शुरू की थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में इसके लिए मुहिम चलाया गया था. दिल्ली सरकार ने देशभक्ति बजट बनाकर सभी प्रमुख स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज यानि तिरंगे को लहराने की योजना पर काम तेज कर दिया है.