National Solidarity Day, राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है, जाने  इससे जुड़े 10 फैक्ट

safalta expert Published by: Chanchal Singh Updated Wed, 19 Oct 2022 11:02 PM IST

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20 अक्टूबर 1962 को भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू हुआ था जो कि 21 नवंबर 1962 तक चला था।

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National Solidarity Day : हर साल 20 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को लोग साल 1962 में हुए चीन और भारत के बीच युद्ध के इतिहास  के रूप में मनाते हैं।
इस युद्ध में भारत को चीन से हार का सामना करना पड़ा था।  इस युद्ध में देश के बहुत से सैनिक भी शहीद हुए थे जिसका परिणाम का प्रभाव भारत और चीन के लिए बहुत बुरा था खासतौर पर भारत के ठीक नहीं था। जिस दिन यह युद्ध शुरू हुआ था इस दिन को भारत में लोग राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं। आइए जानते हैं इस युद्ध और दिन के बारे में  विस्तार से, भारत चीन युद्ध का इतिहास आज भी भारत और चीन  के इतिहास के पन्नों में दर्ज है। भारत और चीन के बीच साल 1962 में हुआ था उस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं   FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
 
साल 1962 की तरह आज भी वर्तमान में भारत और चीन के बीच तनाव जारी है, लेकिन अब हालात, वक्त, शौर्य, बल, सेना की ताकत सब कुछ उस दौर से बदल गया है। अब गोलीबारी नहीं होती है लेकिन भारतीय सीमा में हस्तक्षेप करने पर भारतीय सेना द्वारा जवाब दिया जाता है, एक वक्त ऐसा था जब भारतीय सेना और चीनी सेना भाई-भाई थे लेकिन अब हालात ऐसे नहीं हैं, महीनों तक दोनों सेनाएं आमने सामने खड़ी रहती है। साल 1962 में हालात ऐसे नहीं थे उस दौरान देश को आजाद हुए कुछ ही साल हुए थे। भारत पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार नहीं था, जिसके कारण भारत को चीन के सामने हार का सामना करना पड़ा था। आइए जानते हैं  सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application


इस युद्ध से जुड़े कुछ महत्वपुर्ण फैक्ट


1.20 अक्टूबर 1962 को भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू हुआ था जो कि 21 नवंबर 1962 तक चला था।

 2.20 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस यानी नेशनल सॉलिडेरिटी डे के रूप में मनाया जाता है।

 3.साल 1947 में भारत को अंग्रेजों से आजाद मिली थी। एकतरफ देश अपना वर्चस्व स्थापित करने की तैयारी में लगा हुआ था, तो दुसरी ओर भारत के ऊपर चीन ने 1959 से छोटे-छोटे आक्रमण और हमले करने शुरू कर दिए थे और सीमा पर युद्ध घेरने की कोशिश जारी थी। 

4.उस दौरान दलाई लामा को भारत ने शरण दी थी, चीन को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई जिसके कारण युद्ध की गति तेज हो गई थी।

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5. भारत की प्रसिद्ध और प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर ने 1962 के युद्ध के बाद ही लाल किले की प्राचीर से ए मेरे वतन के लोगों की गीत को पहली बार गाया था। उस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी लाल किला में मौजूद थे।

6.लगभग 1 महीने तक चले इस युद्ध में भारत के करीब 1383 सैनिक शहीद हुए थे और 1047 सैनिक घायल घायल हुए थे और 1696 सैनिक युद्ध में लापता हो गए थे। वहीं चीन ने इस युद्ध में अपने 722 सैनिक हुए थे और 1657 सैनिक घायल हुए थे।

7. भारत और चीन के इस युद्ध में 20 अक्टूबर 1962 में लद्दाख में और मैक मोहन रेखा के हमले शुरू किए थे। चीनी सेना ने पश्चिमी क्षेत्र में रेजांग ला और पूर्व में तवांग पर अवैध कब्जा कर लिया था।

8.यह युद्ध दो आसमान सैनिकों के बीच में हो रहा था, जहां एक तरफ भारत के पास सिर्फ 10000 से 12000 सैनिक थे लेकिन उस युद्ध में चीन के पास 80 हजार के करीब सैनिक मौजूद थे।

9. 1962 के बाद अब हालात कुछ बदले हैं डोकलाम विवाद के दौरान भारतीय सैनिकों की ताकत से चीन की हालत भी खराब हुई थी। भारतीय सेना उस दौरान तैयार नहीं थे पर आज दुनिया के बड़े से बड़े देश भारतीय सेना से युद्ध करने के पहले 10 बार सोचते हैं।

10. तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उस वक्त प्रधानमंत्री थे। लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह युद्ध इतने बड़े स्तर पर हो रहा है, उनका मानना था कि यह युद्ध बातचीत से सुलझ सकती है लेकिन समय पर फैसला नहीं लेने के चलते यह युद्ध बढ़ता गया और करीब 1 महीने में देश के हजारों से ऊपर सैनिकों ने जान गवां दिए। 

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