What is "Operation Ganga": रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय, जानिए क्या है "ऑपरेशन गंगा"

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Mon, 28 Feb 2022 03:43 PM IST

Source: Safalta

गत 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया. देखते हीं देखते स्थितियां काफी ख़राब हो गईं. एक गणना के अनुसार यूक्रेन में करीब 18,000 से ज्यादा भारतीय हैं, जिनमें से अधिकतर मेडिकल स्टूडेंट्स हैं.
इस युद्ध की परिस्थिति में यूक्रेन में फँसे भारतीयों और उनके परिवारों (जो कि भारत में हैं) के लिए, जो कि अपने बच्चों को वहां से बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, यह स्थिति किसी दुःस्वप्न की तरह है. रूसी सेना द्वारा यूक्रेन पर भयंकर बमबारी की जा रही है, मिसाइल छोड़े जा रहे हैं. कुल मिलाकर वहाँ एक भारी अफरातफरी का माहौल बना हुआ है जिसकी वजह से यूक्रेन में फंसे भारतीयों के अभिभावकों की चिंता और भी बढ़ती जा रही है. इसके बाद भारत सरकार ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए योजना बनानी शुरू की लेकिन रूस-यूक्रेन के बढ़ते तनाव के बीच 24 फरवरी को हीं यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को नागरिक विमान सञ्चालन के लिए बंद कर दिया गया. इसके बाद भारत सरकार ने “ऑपरेशन गंगा” की शुरुआत की जिसके तहत 26 फरवरी से भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालना शुरू किया गया. यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं  FREE GK EBook- Download Now.
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क्या है ऑपरेशन गंगा – (What is Operation Ganga)

भारतीय केंद्र सरकार ने रोमानिया, हंगरी के रास्ते यूक्रेन में फंसे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा जो कि एक बहु-आयामी निकासी योजना है, शुरू की है. 27 फरवरी, 2022 को भारत के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए 24×7 नियंत्रण केंद्र स्थापित किए हैं. यूक्रेन की सीमा पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाक गणराज्य से लगती है. इन्हीं साझा सीमा बिंदुओं के माध्यम से भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकाला जाएगा. विदेश मंत्रालय ने एक नया ट्विटर हैंडल 'ओपगंगा' भी शुरू किया है.

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भारतीयों की निकासी –

क्योंकि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपना आक्रमण तेज कर दिया था. इसलिए भारत ने 26 फरवरी को ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालना शुरू किया है, यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को 24 फरवरी से नागरिक विमान संचालन के लिए बंद कर दिया था. इसी के बाद भारतीय नागरिकों की यूक्रेन से निकासी के लिए ऑपरेशन गंगा अभियान शुरू किया गया. अब तक, भारत सरकार, एयर इंडिया की पांच विशेष उड़ानों द्वारा यूक्रेन में फंसे हुए नागरिकों को वापस लाने में कामयाब रही है. मौजूदा आपात स्थिति के बीच भारत सरकार स्वयं हीं निकासी का खर्च वहन कर रही है. ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे करीब 15,000 भारतीयों को वहां से निकाला जाएगा.

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निकासी मार्ग –
यूक्रेन ने रूस के आक्रमण के कारण उत्पन्न भारी तनाव के कारण अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है. इसलिए, भारतीय निकासी उड़ानें यूक्रेन के पड़ोसी देशों जैसे कि हंगरी और रोमानिया से संचालित हो रही हैं. भारत सरकार हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड की सीमाओं से भी यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद ले रही है. अब तक, एयर इंडिया की कुल पांच उड़ानें यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को, बुडापेस्ट से दिल्ली और बुखारेस्ट से मुंबई ला चुकी हैं.
  • भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे हुए अपने करीब 18,000 नागरिक जिसमें से अधिकतर मेडिकल छात्र हैं, को वापस भारत लाने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है.
  • एयर इंडिया भी हंगरी से एक फ्लाइट का संचालन कर रही है.
  • रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से एयर इंडिया (AI)-192 की विशेष उड़ानें चल रही हैं.
List of war fought by Russia

सरकारी सतर्कता -

  • ऑपरेशन गंगा के बारे में कोई भी अपडेट या जानकारी के लिए एक अलग से टि्वटर अकाउंट खोला गया है- @opganga
  • दिल्ली में 24 घंटे कंट्रोल रूम खुला रहेगा जिसके नंबर हैं
  • 1800118797 (Toll free)
  • +91 1123012113
  • +91 1123014104
  • +91 1123017905
  • +91 11 23088124 फैक्स
  • ईमेल- [email protected]
  अलग रास्ते का इंतजाम-
यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय छात्रों को एयरपोर्ट्स से बाहर निकालने के लिए दिल्ली, मुंबई एयरपोर्ट पर एक अलग व्यवस्था है की गई है जिसे 'स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर' का नाम दिया गया है. इसके अलावा स्टूडेंट्स की कस्टम जांच और इमिग्रेशन के लिए भी अलग सिस्टम बनाया गया है. कस्टम जांच में इन्हें ग्रीन चैनल से आसानी से बाहर निकलने दिया जा रहा है. इमिग्रेशन जोन के अलग काउंटरों पर यूक्रेन से आए स्टूडेंट्स की क्लीयरेंस हो रही है. इसके पीछे उद्देश्य यह है कि इन स्टूडेंट्स की आड़ में कोई असामाजिक तत्व जैसे स्मगलर आदि कस्टम का ग्रीन चैनल पार करने में कामयाब ना हो सके.

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