RAMP:एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाना और तेज करना यह कौन सा प्रोग्राम है?

safalta experts Published by: Chanchal Singh Updated Thu, 03 Feb 2022 05:35 PM IST

Highlights

2021 में, विश्व बैंक ने कहा कि RAMP कार्यक्रम 15.5 बिलियन अमरीकी डालर का फाइनेनशियल जुटाएगा। यह 5 लाख MSMEs के प्रदर्शन में सुधार करेगा।

Source: Safalta

Raising and Accelerating MSME Performance:जैसा कि आप सब को पता है कि, 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया है, जिसमें एक विषय RAMP पर भी था। तो चलिए आज हम आपके करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए RAMP के विषय में सभी जानकारी डिटेल में देंगे। केंद्रीय बजट 2022-23 की प्रस्तुति के दौरान, वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि RAMP कार्यक्रम को 6,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू किया जायेगा।
ओस कार्यक्रम को 5 साल के लिए लागू किया जायेगा।

RAMP क्या  है?

 Raising and Accelerating MSME Performanceएक COVID रिकवरी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य भारत में MSMEs (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises)  की स्थिति में सुधार करना है। COVID महामारी और लॉक डाउन के कारण MSME बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यह MSMEs को फाइनेनशियलि बेहतर पहुंच प्रदान करेगा।
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RAMP कार्यक्रम का महत्व और आवश्यकता

इस कार्यक्रम से MSMEs की उत्पादकता में वृद्धि होगी। साथ ही, यह MSMEs की कॉम्पिटीटीवनेस को बढ़ाएगा यह MSMEs क्षेत्र को पुनर्जीवित करेगा। भारत में 40% MSMEs के पास फाइनेनशियल पहुंच नहीं है। MSMEs  भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वे देश के एक्सपोर्ट में 40% और जीडीपी  में 30% योगदान करते हैं।

विश्व बैंक और RAMP

2021 में, विश्व बैंक ने कहा कि RAMP कार्यक्रम 15.5 बिलियन अमरीकी डालर का फाइनेनशियल जुटाएगा। यह 5 लाख MSMEs के प्रदर्शन में सुधार करेगा। 2020 में, विश्व बैंक ने भारत में MSMEs को 750 मिलियन अमरीकी डालर के कर्ज को मंजूरी दी। बाद में 2021 में, विश्व बैंक ने देश में MSMEs को बढ़ावा देने के लिए 500 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान किए। इससे 50 लाख MSMEs  को फायदा हुआ।

RAMP से MSME (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) को कैसे फायदा होगा?

यह  लिक्विडिटी के मुद्दों का समाधान करेगा। वर्तमान में, उधार देनेवाला उधार लेने वाले से कर्ज वापसी के बारे में चिंतित हैं। यह MSME क्षेत्र में ऋण के फ्लो को सीमित और कम कर रहा है। इस कार्यक्रम के जरिए गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और बैंकों से ऋण देने का जोखिम कम करेगा। इससे छोटे वित्त बैंकों को मजबूती मिलेगी। यह बाजार उन्मुख चैनलों की वित्त पोषण क्षमता में वृद्धि करेगा। यह भारत सरकार की पुनर्वित्त सुविधाओं को बढ़ावा देगा। वर्तमान में केवल 8% MSME को कर्ज फ्लो दिया जाता है। 
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