पोषण माह के विषय वस्तु
पोषण पंचायतों को सभी गतिविधियों को केंद्र मानते हुए साल 2022 के पोषण माह के लिए व्यापक विषय वस्तु इस प्रकार से हैं, महिला और स्वास्थ्य, बच्चा और शिक्षा, लैंगिक संवेदनशील जल मैनेजमेंट और महिलाओं एवं बच्चों के लिए पारंपरिक भोजन रखी गई थीं। महिला और स्वास्थ्य विषय वस्तु के अंतर्गत पूरे देश में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में एनीमिया टेस्ट व जागरूकता अभियान, प्रसव पूर्व जांच शिविर, माहवारी स्वच्छता पर जागरूकता अभियान और हेंडवॉस एवं स्वच्छता पर भी अन्य गतिविधियां पंचायत स्तर पर शामिल थी। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
इसके अलावा अन्य प्रमुख विषय वस्तु में बच्चा और शिक्षा पोषण भी, पढ़ाई भी साल 2022 के पोषण माह के दौरान गति प्राप्त की है। इसके तहत है 6 साल के कम उम्र के बच्चों के लिए विद्यालय से पहले ही क्वालिटी पूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का आवाहन किया गया है। इस विषय वस्तु के अंतर्गत बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगभग 81 लाख गतिविधियां आयोजित की गई थी। शुरुआती शिक्षा के लिए सामान्य संवेदीकरण के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शिक्षा के लिए स्वदेशी और स्थानीय रूप से मौजूद खिलौने का उपयोग एवं इसके विकास को राष्ट्रव्यापी बढ़ावा दिया गया था।
पोषण पखवाड़ा के बारे में
साल 2022 के दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों में जल संरक्षण व प्रबंधन पर लैंगिक सेंसिटिव अवेयरनेस और जनजातीय क्षेत्रों में पारंपरिक खाद्य पदार्थों पर फोकस विषय वस्तु के अंतर्गत की गई सफल गतिविधियों के बाद पोषण माह में इन प्रमुख विषय वस्तु से संबंधित गतिविधि को जारी किया गया है । रेन वाटर हार्वेस्टिंग के निर्माण के लिए आंगनवाड़ी केंद्र को चिन्हित करने को लेकर वर्कशॉप, संगोष्ठियों और अभियान के माध्यम से लैंगिक संवेदनशील जल प्रबंधन व संरक्षण की विषय वस्तु पर लगभग 43 लाख गतिविधियों को पूरा किया गया है। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
स्वदेशी खिलौने का उपयोग
आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के प्रारंभिक शिक्षा और विकास के लिए स्वदेशी खिलौना एक महत्वपूर्ण उपकरण है, इसलिए देश के अलग-अलग हिस्सों के लगभग 9 स्थानीय पारंपरिक खिलौने समूह की ओर से स्वदेशी खिलौने का स्टॉल लगाया गया था, जिनमें से प्रमुख है आंध्र प्रदेश से एटिकोप्पका, कोंडापल्ली, उत्तर प्रदेश से चित्रकूट, वाराणसी, कठपुतली शिल्प राजस्थान, कर्नाटक से मैसूर, मैंगलोर, चन्नापटना और मध्य प्रदेश में इंदौर आदि शामिल हैं।
सुपोषित भारत के बारे में
भारत सरकार का पोषण अभियान बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणाम में सुधार लाने के लिए कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2018 को की थी। जन आंदोलन के माध्यम से अभियान के उद्देश्य को पूरे भारत में पोषण से जुड़े व्यवहार में बदलाव लाना था। जिससे माननीय प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत के सपने को पूरा करने में योगदान मिल सके। 15 वें वित्त आयोग की अवधि के लिए आंगनबाड़ी सेवाओं और किशोरी लड़कियों के लिए योजना के साथ पोषण अभियान सक्षम आंगनवाडी व पोषण 2.0 नाम से एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है। इस पोषण अभियान के अंतर्गत पोषण केंद्रित जन आंदोलन पोषण माह और पोषण पखवाड़ा के रूप में साल में दो बार आयोजित किया जाता है, जिससे पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और समानता हासिल की जा सके।
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